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पालघर के कासा इलाके में साधुओं की पीटपीट कर निर्मम हत्या

  • पालघर के कासा इलाके में साधुओं की पीटपीट कर निर्मम हत्या

  • सियासत तेज बीजेपी का संरकार पर हमला पुलिस की मौजूदगी में तिहरे हत्याकांड पर उठाये सबाल

  • सीएम योगी ने सीएम उद्धव ठाकरे से की बात

    110 गिरफ्तार

  • उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये संरकार ने

मुंबई– एक तरफ देश मे कोरोना के चलते लॉक डाउन में लोगों के निकलने पर पूरा प्रतिबंध है दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो साधुओं सहित तीन लोगों को भीड़ ने बेरहमी से पीट पीट कर हत्या कर दी , मॉब लिंचिंग के इस मामले में 110 लोगों को हिरासत में लिया गया है जबकि दूसरी तरह इन तिहरे हत्याकांड को लेकर सियासत भी शुरू हो गई हैं।

जूना अखाड़े के 70 वर्षीय बुजुर्ग साधु कल्पविक्ष गिरी महाराज और सुशील गिरी महाराज (35 साल) चार पहिया वाहन से महाराष्ट्र के कादम्बली स्थित अपने स्थान से सूरत गुजरात अपने गुरू के समाधि लेने के बाद वहां जा रहे थे।

जब यह लोग हाइवे से निकल रहे थे तो पालघर हाइवे पर लॉक डाउन की बजह से पुलिस ने इन्हें रोक दिया और आगे नही जाने दिया तब यह लोग हाईवे से लगे गड़चिचले गॉव से आगे जाने के लिये जब निकल रहे थे तभी ग्रामीणों की भीड़ ने इन्हें घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया और वाहन रुकने पर दोनों साधुओं को निकालकर मोटे डंडो से उन्हें बुरी तरह मारने लगे।

इस बीच ड्राइवर नीलेश तेलगिड़े ने किसी तरह पुलिस को फोन किया और खबर कर बाद स्थानीय कासा पुलिस थाने की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची लेकिन भीड़ के सामने पुलिस कुछ नही कर सकी और केवल तमाशबीन बनकर खड़ी थी।

साधु और अपनी जान बचाने के लिये इधर उधर भागते रहै और 200 लोगो की भीड़ उनपर डंडों से जमकर प्रहार पर प्रहार करती रही जिससे दोनों साधुओ सहित ड्राइवर की दर्दनाक मौत हो गई।

साधुओं सहित तीन लोगो की दर्दनाक हत्या का वीडियो वायरल होने पर 16 अप्रेल को हुई इस वारदात का पता चला तो पूरा देश अवाक रह गया।

भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वनीस ने उद्धव सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा महाराष्ट्र में यह क्या हो रहा हैं पालघर में संत समाज की क्रूरतापूर्ण तरीके से हत्या कर दी गई यह घटना शर्मनाक है।

पुलिस की मौजूदगी में साधुओं को मार डाला गया हमलावर के साथ सरकार ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की सरकार बताये ।पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार पर आरोप लगाया वह देर से जागी जब मीडिया ने मामले को उछाला तब कार्यवाही शुरू हुई उंसके बाद भी सभी आरोपी नही पकड़े गये।

इधर महाराष्ट्र गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस घटना में 110 लोगों को हिरासत में लिया गया है औऱ क्षेत्र में चोर डकैतों की अफवाह फैलने से यह घटना हुई है वही संरकार ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये है।

जबकि शिव सेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी किसी को बख्शा नहीं जायेगा। इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से बात चीत की है और बकाया आरोपियों को चिन्हित कर उन्हें भी गिरफ्तार करने की मांग की है ।

बताया जाता हैं पालघर जिले में इस तरह की यह पहली घटना नही है यहां से 30 -40 किलोमीटर दूर एक डॉक्टर एएसआई सहित 5 लोगों पर भी हाल में हमला हो चुका हैं लगातार इस तरह की यह तीसरी घटना हैं।

खास बात हैं इस हत्याकांड के पीछे कासा इलाके में पिछले दिनों से चोरों के आने की अफवाह बताई जा रही हैं जब इनका वाहन गांव से निकला तो वहां के ग्रामीण इन्हें चोर समझे और यह बारदात घटी ऐसी इस इलाके में चर्चा है।

लेकिन यह अफवाह कैसे फैली अफवाह फैलाने के पीछे कोन लोग है और क्या इसमें सोशल मीडिया का योगदान रहा यह पुलिस की जांच का विषय है।

बताया जाता है महाराष्ट्र के कासा थाना क्षेत्र का यह गॉव गड़चिचले आदिवासी बाहुल्य हैं लेकिन लॉक डाउन के दौरान इतनी संख्या में एक जगह कैसे दो सौ लोग इकट्ठा हो गये इसमें पुलिस की भूमिका खुद संदेह के घेरे में आ जाती हैं।

 

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