ग्वालियर- ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर सुलोचन का नशा रने वाले लावारिस बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। उनकी नशे की लत छूट सके, इस उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जागरुकता कार्यक्रम शुरू किया गया। इसके लिए आरपीएफ को स्टेशन परिसर में ऐसे बच्चों को ढूंढ़ने की जिम्मेदारी दी गई।
आरपीएफ ने जब इन बच्चों को मिठाई और टॉफी देने का लालच दिया, तब जाकर वो उनके साथ जाने को राजी हुए। कार्यक्रम के बाद जब आरपीएफ द्वारा जब उन्हें चाइल्ड लाइन को सौंपा जा रहा था तो उनके परिजनों ने काफी हंगामा किया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लावारिस, बेसहारा बच्चों की पुनर्स्थापना के लिए हर जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पांच दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर भी यह कार्यक्रम शुरू हुआ।
कार्यक्रम में रेलवे मजिस्ट्रेट विजय शर्मा मौजूद थे। कार्यक्रम ऐसे बच्चों के लिए ही आयोजित किया गया था, इसलिए आरपीएफ को बच्चों को लाने की जिम्मेदारी दी गई। आरपीएफ ने स्टेशन परिसर में ऐसे बच्चों को ढूंढ़ना शुरू किया तो पांच बच्चे सुलोचन का नशा करते मिले। जिन्हें चाइल्ड लाइन के हवाले किया गया है। कुछ बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द हिदायत देकर छोडा गया है।