- आरआरएस प्रमुख भागवत के बंगाल आने पर बेन,
- सरकार ने कानून व्यवस्था का दिया हवाला
कोलकाता – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कोलकाता मे होने वाले कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत को पश्चिम बंगाल मे आने से रोक दिया गया सरकार ने मुताबिक कानून व्यवस्था के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है, जबकि जिस जगह कार्यक्रम होना था वहां कि बुंकिन्ग भी प्रशासन ने रद्द कर दी है।
इसपर भाजपा और आरएसएस ने ममता बनर्जी पर खुलकर हमला बोला है,वही कांग्रेस ममता सरकार के निर्णय के साथ नजर आ रही है,
पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में 3 अक्टूबर को आरएसएस ने भगनी निवेदिता की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया है जिसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भाषण देने के लिये आमंत्रित किया गया है,साथ ही राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी भी इस कार्यक्रम मे शिरकत करने वाले है,परंतु भागवत को सरकार ने कलकत्ता आने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है बताया जाता है इसके लिये जहां ममता सरकार ने कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात कही है तो दूसरी तरफ़ कलकत्ता के जिस हाँल महाजाति सदन की आरएसएस ने बुकिंग की है प्रशासन ने उसकी बुकिंग ही रद्द करदी है जिसके लिये कहा गया है कि हाँल का मेंटीनेन्स कार्य होने की बजह से हाँल में कार्यक्रम होना सम्भव नही है,जबकि महाजाति सदन शासन के अंडर में आता है।
इधर इस मामले में भाजपा ने ममता बनर्जी पर खुलकर आरोप लगाये है भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव ने कहा है कि साजिशन मोहन भागवत को कलकत्ता आने से रोका जा रहा है और और सरकार की यह कार्यवाही प्रजातन्त्र के खिलाफ़ है और इसके लिये ममता बनर्जी जिम्मेदार है , जबकि आरएसएस के प्रवक्ता इन्द्रेश ने कहा कि पहले केरल की सरकार आड़े आई थी अब पश्चिम बंगाल की सरकार भी गलत कदम उठा रही है उन्होने आरोप लगाया कि यह कार्यवाही अमानवीय ,अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है जो देश की एकता अखण्डता के खिलाफ़ है आरएसएस का कहना है कि ममता सरकार ऐसा करके अपने लिये ही गड्डा खोद रही है।
जबकि कांग्रेस और कम्युनिस्ट ममता के साथ खड़े नजर आ रहे है कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश नायक का कहना है कि शासन की जिम्मेदारी होती है कि किसी की बजह से कानून व्यवस्था खराब ना हो उसके प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट के आधार पर ही यह निर्णय लिया होगा,वही भाजपा के भड़कने पर उनका कहना था कि हाल में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने किसान आन्दोलन के दौरान राहुल गांधी को मंदसौर आने से रोक दिया था और जहां तक धारा 144 का सबाल है तो हरियाणा में खट्टर सरकार ने धारा 144 का कितना पालन किया यह सभी के सामने है,अब भाजपा क्यो बौखला रही है।
यह पहला मौका नही है जब भागवत को रोका गया है इससे पहले केरल में भी ऐसा हो चुका है वही केरल में अमित शाह को राष्ट्रीय ध्वज फ़हराने से रोका गया था लेकिन हाईकोर्ट की फ़टकार के बाद वहां उन्होने झंडा फ़हराया था लेकिन भागवत के कलकत्ता आने पर रोक लगाने से एक सबाल जरूर उठता है कि क्या ममता बनर्जी आरएसएस और भाजपा से डर गई है।