नई दिल्ली/ कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत ही हासिल नहीं की बल्कि उसे स्पष्ट बहुमत भी मिला है लेकिन दो दिन गुजरने के बाद भी मुख्यमंत्री कोन होगा इसका फैसला अभी नहीं हो सका है। बैंगलुरू में हुई विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायकों ने एक लाइन का प्रस्ताव पास कर हाईकमान को जिम्मेदारी सौंप दी है और हाईकमान ने इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत कर दिया है बैंगलुरू के बाद अब दिल्ली में इस पर चिंतन मनन जारी है। संभवत कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से चर्चा के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द कर्नाटक के मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर सकते हैं।
कांग्रेस ने कर्नाटक में 135 सीटें जीतकर सत्ता पाई है अब मुख्यमंत्री कोन बनेगा इसपर विचार हो रहा रहा है जबकि दो नेता पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धा रमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री की लाईन में है कांग्रेस हाईकमान ने इसके लिए केंद्र से तीन पर्यवेक्षक सुशील कुमार शिंदे, कुंवर जितेंद्र सिंह और दीपक बावरिया बैंगलुरू भेजे थे उन्होंने रविवार को सभी विधायकों के साथ बैठक की बैठको का दौर दिन भर चला इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस नेता वीके हरिप्रसाद रणदीप सुरजेवाला कैसी वेणुगोपाल सहित सिद्धारणैया और डीके शिवकुमार भी मोजूद रहे बैठक के बाद सभी विधायकों ने एक लाइन का प्रस्ताव पास किया जिसमें मुख्यमंत्री के निर्णय के लिए हाईकमान को अधिकृत कर चिट्ठी पर्यवेक्षकों को सौप दी।
पर्यवेक्षकों ने इस आशय का पत्र कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौप दिया है जो इस बारे में अब अंतिम निर्णय करेंगे। आज दिल्ली में श्री खड़गे के निवास पर प्रमुख नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के चयन को लेकर बैठक हुई जिसमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी रणदीप सुरजेवाला वीके हरिप्रसाद सहित अन्य नेता शामिल हुए साफ है अब कांग्रेस अध्यक्ष श्री खड़गे सोनिया गांधी राहुल गांधी से भी इस मामले में चर्चा करेंगे और उसके बाद ही मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होगा। बताया जाता है सिद्धा रमैया भी दिल्ली पहुंच गए है जबकि पेट में तकलीफ के कारण डीके शिवकुमार दिल्ली नही आए है उन्होंने यह जरूर कहा कि जिन लोगों ने हमारा साथ दिया उन्हे सम्मान जरूर दिया जाना चाहिए।
जैसा की कर्नाटक में मुख्यमंत्री के लिए दो नाम है जिसमें एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धा रमैया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार है एक तरफ सरकार चलाने के साथ तजुर्बा है तो दूसरी तरफ राजनेतिक लड़ाई का जज़्बा रखने के साथ अंजाम तक पहुंचाने वाला व्यक्तित्व है एक तरफ जनता दल से कांग्रेस में आए नेता है तो दूसरी तरफ शुरू से कांग्रेस में रहे पूरी तरह समर्पित नेता है जबकि एक तरफ प्रशासनिक क्षमता रखने वाला है तो दूसरी तरफ संगठन पर पकड़ रखने वाला नेता है अब कांग्रेस हाईकमान मुख्यमंत्री के रूप में कर्नाटक की बागडोर किसे सौपता है या आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन डीके शिवकुमार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के प्रकरण रोड़ा बन सकते है।
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