बारामूला / जम्मूकश्मीर में आतंकी गतिविधियां एक बार फिर से तेज हो गई है रविवार को बारामूला में एक रिटायर्ड एसएसपी मोहम्मद शफी मीर की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए आतंकवादियों ने इस खूनी वारदात को तब अंजाम दिया जब यह पूर्व पुलिस अफसर मस्जिद में अजान दे रहे थे उनके मुंह से अंतिम शब्द रहम निकला।
एसएसपी मोहम्मद सैफी ( 72 साल) 11 साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे बारामूला की शेरी मस्जिद में सुबह 6 बजे यह खूनी वारदात को दो आतंकियों ने अंजाम दिया मस्जिद के मोलवी अपने गांव गए हुए थे और यह बारामूला की इस मस्जिद का काम एसएसपी देख रहे थे और रिटायर होने के बाद वे मुअज्जिन बतौर अजान देते थे वह रविवार को सुबह की अजान देने मस्जिद में आए थे जब वह अजान दे रहे थे तभी दो आतंकी मस्जिद में घुसे और उनपर गोलियों की बरसा कर दी बताया जाता है उन्हें 12 बोर की बंदूक से काफी नजदीक से 4 गोली मारी गई गोलियों की आवाज सुनकर उनके भाई और अन्य लोग मस्जिद की ओर भागे और उन्होंने देखा मोहम्मद शफी जमीन पर पड़े थे उन्हें उठाकर अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया उनके मुंह से आखिरी शब्द रहम निकला। पूर्व एसएसपी की मौत के बाद रविवार को ही उन्हें दफनाया गया जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
उनका किसी से कोई विवाद भी नही था इससे सवाल उठते है कि दहशतगर्दों ने उन्हें निशाना क्यों बनाया साफ है कि यह टारगेट किलिंग का मामला हैं। खास बात है पिछले 4 दिनों में जम्मू कश्मीर में मिलिटेंस ने तीसरी बड़ी वारदात को अंजाम दिया है इससे पहले 21 दिसंबर को राजौरी में सेना के काफिले पर हमले में 4 जवानों की शहादत उसके बाद अखनूर में आतंकियों की घुसपेठ की कोशिश और गोलीबारी की घटनाएं प्रमुख है। जबकि पुंछ जिले के टोपापीर में 3 ग्रामीणों की मौत के मामले में आंतरिक जांच के आदेश दिए गए है।
इधर नेशनल कांफ्रेस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगने की बात करती है लेकिन आतंकवादी गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई है धारा 370 हटने के बावजूद वही हालात बरकरार है।