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बागियों ने बिगाड़े बीजेपी कांग्रेस के समीकरण, मान मनौव्वल की कोशिशें जारी, आज नाम वापिसी का अंतिम दिन, कोन लड़ेगा कोन हटेगा ?

Shivraj and Kamalnath
Shivraj and Kamalnath

भोपाल/ मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में बागियों के मैदान में डटे होने से प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और बीजेपी के समीकरण बिगड़ने की प्रबल संभावना है इन नाराज नेताओं को मनाने के लिए पार्टी के बड़े नेता लगातार कोशिशें कर रहे है जिसके चलते कुछ नेता मान भी गए है लेकिन अभी भी बीजेपी में करीब 34 और कांग्रेस में 36 सीट पर नेता चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हट रहें 2 नवंबर को नाम वापिसी का अंतिम दिन है देखना होगा आगे क्या स्थिति रहती है कोन चुनावी मैदान में डटा रहता है और कोन मैदान छोड़ता है यह देखना काफी दिलचस्प होगा।

बीजेपी के बड़े नेता जो पार्टी से बगावत करके प्रमुख सीटों पर चुनावी मैदान में डटे है उनमें मुरैना से बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह कंसाना के खिलाफ राकेश सिंह बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है खास बात है राजेश सिंह के पिता रुस्तम सिंह पूर्व मंत्री रह चुके है उन्होंने भी भाजपा छोड़कर बीएसपी ज्वाइन कर ली है जबकि बुरहानपुर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अर्चना चिटनिस पूर्व मंत्री के खिलाफ पूर्व सांसद एवं बीजेपी अध्यक्ष स्व नंदकिशोर चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय मैदान में है वही टीकमगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी विधायक अनिल जैन के खिलाफ पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है रतलाम जिले की आलोट सीट पर बीजेपी ने चिंतामणि मालवीय प्रदेश उपाध्यक्ष को अपना प्रत्याशी बनाया है इनसे खिलाफ पूर्व मंडल अध्यक्ष रमेश मालवीय बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में है कटनी जिले की बड़ावरा सीट से बीजेपी के धीरेंद्र सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ पूर्व मंत्री मोती कश्यप सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है इसके अलावा रीवा जिले की मानगंवा सीट से आरएसएस के करीबी नरेंद्र प्रजापति को पार्टी ने टिकट दिया है लेकिन इनके खिलाफ पूर्व विधायक पन्ना बाई जो पूर्व प्रत्याशी पंचूलाल की पत्नी है निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इसके साथ ही सीधी सीट से बीजेपी ने मोजूदा विधायक केदार शुक्ला का टिकट काट दिया उन्होंने पार्टी से बगावत की और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है दामोह से मोंटी रायकवार चुनावी मैदान में डटे है जबकि पार्टी ने पूर्व मंत्री रंजना बघेल को टिकट नहीं दिया तो वह बड़वारा से निर्दलीय चुनाव लड़ रही है।

यही हाल कांग्रेस में है यहां की कुछ प्रमुख सीटों पर नजर डालें तो देखेंगे कि रतलाम जिले की आलोट सीट पर कांग्रेस ने विधायक मनोज चावला को फिर से टिकट दिया है लेकिन पूर्व सांसद प्रेम चंद गुड्डू यहां से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोक रहे है भोपाल उत्तर सीट से कांग्रेस ने आतिफ अकील को जो विधायक आरिफ अकील के बेटे है उन्हें टिकट दिया है लेकिन उनके खिलाफ आरिफ के भाई आमिर अकील निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं जबकि नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एनपी प्रजापति विधायक के खिलाफ पूर्व विधायक शेखर चौधरी बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में डटे है भोपाल जिले की हुजूर से नरेश ज्ञानचंदानी के खिलाफ पूर्व विधायक जितेंद्र डांगा निर्दलीय होकर चुनाव लड़ रहे है बरगी सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक संजय यादव को टिकट दिया है उनके खिलाफ जयकांत सिंह जो पूर्व विधायक है निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है उज्जैन की बड़नगर सीट से मुरली मोरवाल विधायक प्रत्याशी है लेकिन इस सीट से राजेंद्र सिंह सोलंकी जिला पंचायत सदस्य भी निर्दलीय मैदान में है जबलपुर की सिहोरा सीट से जिला पंचायत सदस्य एकता ठाकुर को टिकट दिया लेकिन यहां से पूर्व मंत्री रही कोशल्या गोटिया भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही है जबकि महू से अंतर सिंह दरबार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है इस तरह बीजेपी के साथ कांग्रेस के भी हाल बेहाल है।

इधर दोनों ही राजनेतिक दलों के प्रमुख नेता इन बागियों को मनाने और चुनाव नही लड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है इसी के चलते कुछ सीटों पर बागियों ने चुनाव नही लड़ने का निर्णय भी लिया है अब उन्हें क्या आश्वासन दिया यह आने वाला समय ही बताएगा।

झाबुआ सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने टिकट नहीं मिलने पर नाराजी के कारण अपना नामांकन दाखिल किया था लेकिन वरिष्ठ नेताओं की समझाइश के बाद बुद्धवार को उन्होंने अपना पर्चा वापस ले लिया है और वह कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे यह कहा है। जबकि जबलपुर की पाटन सीट से कांग्रेस के बागी श्यामसुंदर उर्फ बाबू जी यादव को सांसद विवेक तंखा ने मना लिया है उन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा था, वही जबलपुर जिले की पनागर सीट से कांग्रेस नेता विनोद श्रीवास्तव ने भी नामांकन भरा था।सांसद विवेक तंखा उनके घर पहुंचे और उन्हें फॉर्म वापस लेने के लिए मना लिया है। जबकि अनूपपुर जिले की कोतमा सीट से कांग्रेस के वीपीएस चौहान ने भी निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था लेकिन वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया साथ ही घोषित प्रत्याशी सुनील सर्राफ का समर्थन और साथ देने का ऐलान किया है।

जबकि भोपाल उत्तर से कांग्रेस के बागी नासिर इस्लाम और मोहम्मद शफीक भी निर्दलीय चुनाव मैदान में डटे हुए है जबकि जबलपुर की सिहोरा सीट से पूर्व जिला पंचायत सदस्य जमुना मरावी ने भी कांग्रेस से बगावत की है और चुनाव लड़ रही है बताया जाता है कांग्रेस नेतृत्व की लाख कोशिशों के बावजूद कांग्रेस के पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी नही माने, उन्होंने सिवनी मालवा से निर्दलीय नामांकन पर्चा भरा है। उनका साफ कहना है वह चुनावी मैदान से पीछे नहीं हटेंगे उल्टा बुद्धवार को उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।

बीजेपी भी डेमेज कंट्रोल में लगी है जबलपुर मध्य सीट से बीजेपी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने अपना नामांकन वापस ले लिया है उनसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद बात की तब वह माने, जबकि शाजापुर में बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह जादौन ने भी वरिष्ठ नेताओं के समाझाने के बाद अपना फॉर्म खींच लिया है उन्होंने पार्टी प्रत्याशी अरुण भीमावद के पक्ष में चुनाव प्रचार कर बीजेपी को जिताने की बात कही है। जबकि बदनावर में भाजपा किसान मोर्चे के महामंत्री रतन लाल पाटीदार ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था उन्होंने भी चुनाव नही लड़ने की घोषणा करते हुए पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लिया है। जबकि निवाड़ी सीट से बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश्वर देवलिया भी निर्दलीय चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे है जैसा कि देवलिया बीजेपी के काफी सीनियर नेता है मांगने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं मिला जिससे वह पार्टी से नाराज हो गए और बगावत पर उतर आए।

Tags : BJPCongressMP Elections 2023
Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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