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रतलाम के ट्रिपल मर्डर का मुख्य आरोपी दिलीप देवल पुलिस एनकाउंटर में ढेर,
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साइको किलर दिलीप पर 6 हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार के कई मामले थे दर्ज
रतलाम – मध्यप्रदेश के रतलाम के ट्रिपल मर्डर का मुख्य आरोपी दिलीप देवल पुलिस एनकाउंटर में मारा गया , कुख्यात बदमाश साइको किलर था जो छह हत्याऐं लूट बलात्कार और कई गंभीर अपराध में वांटेड था। वही इस मुठभेड़ में दो एसआई सहित 5 पुलिस कर्मी भी घायल हुए है जिन्हें इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।
शहर के राजीव नगर में सात दिन पूर्व गुरुवार को हुए ट्रिपल मर्डर कर सनसनी फैलाने वाले मुख्य आरोपी दिलीप देवल गैंग के रतलाम में रहने की खबर पुलिस को मिली थी पुलिस ने चेलेंज के रूप में लेते हुए आरोपी को गिरफ्त में लेने तैयारी की जब पुलिस दल बल सहित बताये स्थान पर इसकी घेराबंदी करने पहुंची और इस कुख्यात अपराधी दिलीप देवल को खाचरोद रोड स्थित होमगार्ड कॉलोनी में घेर लिया लेकिन पुलिस से आमने सामने की मुठभेड़ में इसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी पुलिस ने भी इस पर जबाबी कार्यवाही की और इस एनकाउंटर में यह बदमाश ढेर हो गया।
रतलाम ट्रिपल मर्डर के मुख्य आरोपी साइको किलर दिलीप देवल के पुलिस एनकाउंटर के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए है। जैसा कि देव दीपावली के दिन 25 नवंबर को रतलाम के राजीव नगर में एक ही परिवार के 3 लोगों की गोली मारकर दिलीप देवल व उसके साथियों ने हत्या की थी। पुलिस ने बुधवार को ही तीन आरोपी पकडे थे व मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड दिलीप देवल फरार था।
दो सब इंस्पेक्टर सहित 5 पुलिस कर्मी गोली लगने से घायल –
इस शातिर बदमाश से हुई मुठभेड़ में एसआईटी टीम के दो सब इंस्पेक्टर अयूब खान और अनुराग यादव सहित पुलिस कर्मी हिम्मत सिंह विपिन कुमार और एक अन्य गोली लगने से घायल हुए है सभी घायलों को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।
यह है पूरा मामला –
वारदात में कुल चार आरोपी शामिल थे। इनका मास्टर माइंड दिलीप पिता भावसिंह देवल निवासी ग्राम खरेड़ी डूंगरी फल्या थाना ग्रामीण दाहोद जिला दाहोद है। वारदात के लिए पिछले कुछ समय से कमरा किराए से लेकर रतलाम में रह रहा था। इस वारदात में दिलीप देवल के साथ दाहोद का ही लाला भाबोर, रतलाम निवासी बाबी उर्फ अनुराग तथा गोलू उर्फ गौरव बिलवाल भी शामिल थे। हत्या की योजना उन्होने वारदात से दो दिन पूर्व ही बना ली थी।
वारदात के लिए इन्होंने जानबूझकर छोटी दीवाली का दिन चुना था, जिससे कि पटाखों की गूंज में फायर की आवाज दब जाए। आरोपी दो दिनों तक घटनास्थल की रेकी करते रहे। घटनावाले दिन 25 नवंबर की रात करीब सवा आठ बजे ये लोग घटनास्थल के आसपास पंहुचे। जब गली में कोई नहीं था, तब मौका देखकर दिलीप देवल, अनुराग उर्फ बाबी और लाला भाबोर गोविन्द के घर के भीतर घुसे। चौथा आरोपी गोलू उर्फ गौरव बिलवाल मोटर साइकिल व स्कूटी की निगरानी रखने के साथ ही गाडी को चालू रखने के लिए बाहर ही खड़ा रहा।
पहले पत्नी फिर बेटी और बाद में घर आये गोविंद सोलंकी की गोली मारकर बेरहमी से की हत्या –
रतलाम के राजीव नगर में रहने वाले गोविन्द सोलंकी के घर के भीतर घुसते ही आरोपियों ने बाहर के कमरे में बेड पर बैठकर टीवी देख रही उसकी पत्नी शारदा को उसके सिर में गोली मारी। गोली की आवाज सुनकर जब उनकी बेटी दिव्या बाहर आने लगी, तो आरोपियों ने उसे भी गाल पर आंख के नीचे गोली मार दी। दो हत्याएं करने के बाद इन आरोपियों ने घर में रखी २० हजार रुपए नगदी और जेवरात आदि लूट लिए। जैसे ही आरोपी बाहर निकलने को हुए तो इन्हे गोविन्द सोलंकी आते हुए नजर आए।
गोविन्द घर की सीढियां चढ रहे थे। इन्होंने उसके घर के अंदर आने का इंतजार किया। जैसे ही उसने घर के भीतर कदम रखा, उसे भी सिर में गोली मार दी। तीन हत्याएं करने के बाद ये चारों आरोपी दिव्या की स्कूटी लेकर वहां से भागे और रास्ते में खड़े गोलू के पास पहुंचे। वहां इन लोगों ने गाडियों को बदला, अपने कपडे भी बदले और वहां से गोलू और अनुराग को एक तीसरी जगह भेज दिया। दिलीप और लाला ने देवरा देवनारायण नगर में स्कूटी छोड़ी और चारों एक नियत स्थान पर आपस में मिले। इस स्थान पर इन्होंने लूट के माल का बंटवारा किया और चारों अलग अलग स्थानों के लिए रवाना हो गए।
साइको किलर था मास्टर माइंड दिलीप –
एसपी श्री तिवारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद जब इन आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि वारदात का मास्टर माइंड दिलीप देवल पिछले डेढ साल से रतलाम में रह रहा था। वह वास्तव में एक साइको किलर के रूप में भी जाना जाता है। एक निजी स्कूल की संचालिका विशाला सोलंकी नामक महिला से इसका अच्छा परिचय था और इसी पहचान का लाभ लेकर यह अन्य लोगों से जान पहचान करता था।
नए लोगों से जान पहचान के बाद यह अपने शिकार का चयन करता था। यह अपना शिकार ऐसे परिवार को बनाता था,जहां बिना प्रतिरोध के अधिक से अधिक सम्पत्ति लूटी जा सके। साथ ही साथ जहां महिलाएं हों ताकि वारदात के दौरान अधिक प्रतिरोध ना करना पडे। वारदात के बाद शिकार को गोली मारकर हत्या करना उसकी खास आदत थी, जिससे कि वारदात का कोई चश्मदीद गवाह ना रहे और घटना का कारण बताने वाला कोई नहीं मिल सके। इसी वजह से यह भी पता नहीं चल पाता था कि हत्या का वास्तविक उद्देश्य क्या था, क्योंकि घर के सभी लोग मर चुके होते थे। इन्ही तौर तरीकों के चलते उसने गोविन्द के परिवार को चुना था।
छह हत्याओं लूट अपहरण बलात्कार का आरोपी था दिलीप देवल –
दिलीप देवल अभी तक कुल छह हत्याएं कर चुका है। इनमें से चार हत्याएं उसने रतलाम में की है, जबकि दो हत्याएं दाहोद में की है। दिलीप देवल के खिलाफ अब तक पांच आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिली है। दाहोद में इसके खिलाफ हत्या के दो मामले दर्ज है। दाहोद में एक व्यापारी की सिर में गोली मार कर हत्या करने के प्रकरण में इसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। सजा के दौरान इसे पैरोल पर छोडा गया था, जहां से पैरोल जम्प करके फरार हो गया। रतलाम के औद्योगिक थाने में 2009 में इसके खिलाफ बलात्कार और अपहरण का एक प्रकरण पहले से दर्ज है। दिलीप देवल बेहद शातिर किस्म का अपराधी है। ये अपना नाम बदलता रहता है। आरोपी ने अलग-अलग नाम से दो फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखे है। ये अपना हुलिया भी बदल लेता था।
मुख्यमंत्री ने पुलिस को दी शाबाशी –
इस कुख्यात अपराधी के मारे जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर रतलाम की पुलिस टीम को शाबाशी दी है और कहा कि प्रदेश में ऐसे नर पिशाच को जीने का कोई अधिकार नही।