close
भोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में राज्यसभा के चुनाव शुक्रवार को ,बीजेपी और कांग्रेस ने बिछाई बिसात

  • मध्यप्रदेश में राज्यसभा के चुनाव शुक्रवार को

  • बीजेपी और कांग्रेस ने बिछाई बिसात

  • बीजेपी को दो और कांग्रेस को एक सीट मिलने की संभावना

भोपाल – मध्यप्रदेश में 19 जून शुक्रवार को तीन सीटों के लिये राज्यसभा चुनाव का मतदान होना है जैसा कि सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी पर विधायको के संख्या बल के आधार पर दो और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही हैं इसका सबसे बड़ा ड्रॉबेक है कांग्रेस के पाले से 22 विधायको का छिटक जाना यानि इस्तीफा देना है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं 2 विधायको के निधन और बाकी के इस्तीफा देने के बाद सदन में वर्तमान में 206 विधायक बचे हैं जिसमें बीजेपी पर 107 और कांग्रेस पर 92 विधायक हैं बाकी बीएसपी के 2 संजीव कुशवाह और रामबाई एसपी का एक राजेश शुक्ला और सुरेंद्र शेरा विक्रम राणा सहित 4 निर्दलीय विधायक है भी भोजन परेड के बाद बीजेपी को राज्यसभा चुनाव में अपना समर्थन देने वाले है।

गणित पर नजर डाली जाये तो एक सीट के लिये 52 वोट यानि 52 विधायको की जरूरत कांग्रेस या बीजेपी को होगी अन्य 7 बिधायको के समर्थन के बाद बीजेपी पर विधायको की संख्या 114 हो गई हैं लेकिनएक निर्दलीय की स्थिति डावाडोल है फिर भी भाजपा की स्थिति मजबूत है जबकि उसके दो बिधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल भी बीते दिन केंद्रीय मंत्रियों के साथ और बीजेपी की भोजन पार्टी में दिखे और पार्टी के साथ समर्थन की हामी भी भरी।

इस तरह कोई अतिशयोक्ति नही होती तो बीजेपी तीन में से दो राज्यसभा सीटें जीतने की स्थिति में दिख रही हैं और एक पर कांग्रेस के विजयी होने की पूरी संभावना नजर आ रही है।

जैसा कि बीजेपी से हाल में कांग्रेस से आये नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी राज्यसभा के प्रत्याशी है जबकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और फूलसिंह बरैया पर दांव खेला हैं। फिलहाल कांग्रेस खेमे सें जो खबरें आ रही है वह कुछ बिधायको को तोड़ने के प्रयास में है लेकिन फिलहाल ऐसी संभावनाएं कम ही नजर नही आ रही।

इधर कांग्रेस के विधायक दल की कल हुई बैठक में 92 की बजाय 87 बिधायक ही बैठक मे पहुँचे थे इसमें लक्ष्मण सिंह जो दिग्विजय सिंह के भाई है वह भी बैठक में शामिल नही हुए जो कांग्रेस की चिंता का बड़ा कारण है|

लक्ष्मण सिंह को छोड़कर बाकी विधायको केपी सिंह हिना कांवरे रविं जोशी ने बैठक में नही शामिल होने का यथोचित कारण बता दिया और 19 जून को मतदान में शामिल होने का कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को भरोसा भी जताया लेकिन लक्ष्मण सिंह ने इस बाबत कोई संदेशा नही दिया।

वे पहले भी आक्रामक रुख अख्तियार कर चुके हैं जिससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। लेकिन एक निर्दलीय विधायक केदार डाबर भी काँग्रेस की बैठक में मौजूद थे जो उंसका पक्ष मजबूत होता दिखा।अब देखना होगा कल मतदान के बाद क्या स्थिति रहती हैं।

Leave a Response

error: Content is protected !!