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राजस्थान विधायक दल की बैठक संपन्न
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सचिन पायलट और उनके समर्थक नही पहुंचे बैठक में गहलोत का समर्थन
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पायलट के खिलाफ प्रस्ताव पारित
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राज्यपाल से मिले गहलोत
जयपुर– राजस्थान में फिलहाल सियासी पारा चरमोत्कर्ष पर है और समय के साथ समीकरण बदलते जा रहे है अभी यह कहना ठीक नही होगा कि कांग्रेस की गहलोत सरकार पर छाये संकट के बादल छट गये है लेकिन विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से विधायकों ने अशोक गहलोत को अपना नेता माना और प्रदेश प्रभारी ने एक लाइन का प्रस्ताव पढ़ते हुए सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायको के बैठक में नही आने पर उन्हें नोटिस भेजे जाने के साथ कड़ी कार्यवाही के संकेत दिए।
जैसा कि सचिन पायलट अपनी मांगों पर अड़े रहे जबकि कांग्रेस हाईकमान ने आज विधायक दल की बैठक में उन्हें आने का खुला आमंत्रण देते हुए मिल बैठकर समस्या सुलझाने की बात कही थीं।
आज फिर विधायक दल की बैठक जयपुर के सीएम हाउस पर बुलाई गई थी साढ़े दस बजे होने वाली यह बैठक करीब साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई लेकिन उसमें उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक 19 मंत्री और विधायक शामिल नही हुए बैठक में सभी मोजूद कांग्रेस निर्दलीय एवं अन्य विधायको ने हाथ उठाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन किया और इस बीच सोनिया और राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे भी लगे।
अंत मे कांग्रेस नेता और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने एक प्रस्ताव पढ़ कर सुनाया जिसमें बैठक में अनुपस्थित सचिन पायलट उनके समर्थक मंत्री और विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की बात कही गई थी उसपर भी सभी कांग्रेस विधायको ने अपनी सहमति व्यक्त की।
जैसा कि सचिन पायलट ने पहले ही बैठक में नही जाने के संकेत दिए थे उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बाड्रा से भी बातचीत की थी उन्होंने समझाईश भी दी लेकिन पायलट नही माने और अपनी मांगों पर अड़े रहे जिसमें उनको काम करने में खुली छूट देने और अपने मन मुताबिक निर्णय लेने के साथ उनके समर्थक विधायको को प्रमुख मंत्री पद के अलावा उनके समर्थक नेताओ को निगम मंडलों में पद देने की शर्तें शामिल थी लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने पहले उन्हें बैठक में आने का न्योता दिया बाकी चर्चा बाद में करने का आश्वासन दिया लगता है सचिन पायलट अपनी मांग पर अड़े रहे।
विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायको के समर्थन की चिट्ठी लेकर निकले और राजभवन पहुंचें जहां वे राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद उन्होंने पूरे राजनीतिक घटनाक्रम से उन्हें अवगत कराया।