- गुजरात में कांग्रेस भगवान भरोसे,
- राहुल के जरिये खेला हिन्दुत्व का कार्ड, लोकसभा का सेमीफ़ाइनल
मेहसांणा, पाटन – गुजरात के चुनावों में कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी कुछ अलग ही नजर आ रहे है प्रचार के दौरान वें मतदाता से पहले मंदिरों में जाकर भगवान को मनाने में जोरशोर से लगे है क्या लगता है इस बहाने कांग्रेस हिंदू वोटबैन्क को लुभाने की जुगत लगा रही है खास बात हैं इस बीच राहुल मोदी और बीजेपी को घेरने से भी नही चूक रहे । लगता है लगातार हार झेल रही कांग्रेस अब मुस्लिम तुष्टीकरण के बाद अब हिन्दुत्व के मुद्दे की ओर मुढ रही हैं ।
इन दिनों राहुल गांधी तीन दिन के दौरे पर गुजरात में है और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यहां उनकी नव सृजन यात्रा का कार्यक्रम चल रहा है राहुल की शुरुआत इलाके के किसी मंदिर के दर्शन से शुरू होती है और भगवान के दर्शन से ही समाप्त हो रही हैं पहले दिन अहमदाबाद गांधीनगर के दौरे में राहुल स्वामीनारायण सम्प्रदाय के अक्षरधाम मंदिर गये तो शाम को अम्बाजी शक्ति पीठ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की । दूसरे दिन बनाठकांठा में बद्रीनाथ मंदिर और मेहसाणा में पाटन के मंदिर पहुंचे और वीर मेघमाया मंदिर के दर्शन किये। तो आज राजकोट में चौटिल्या माता मंदिर पहुंचे और दर्शन कर पूजा की और माँ का आशीर्वाद भी लिया ।
राहुल इस दौरान धुंआधार चुनावी रेलियां और सभाएं भी कर रहे है और बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने का कोई मौका नही छोड़ रहे वे नोटबंदी और जीएसटी को लेकर जहां घेर रहे है तो किसान युवा, बेरोजगारी, व्यापारियों आमजनों की समस्याओं को भी उठा रहे है साथ ही कांग्रेस के जीतने पर जीएसटी में बदलाव और सरलीकरण का भी लोगों को भरोसा दे रहे है । राहुल और कांग्रेस तीन मोर्चो पर गुजरात चुनाव में उतरी हैं । भगवान के सहारे हिंदूओं को प्रभावित करना, टियूटर एवं सोशल मीडिया से जोरदार हमला ,जिसके चलते जीएसटी को गब्बर सिंह टेक्स बताने और विकास पागल हो गया है जैसे कटाक्ष खूब कमेन्टस बटोर रहे है. तीसरा है सोशल इन्जीनियरिन्ग कांग्रेस ,साफ़ हैं इस बार कांग्रेस बीजेपी से पीछे नही रहना चाहती।
इन दिनों वह उत्तरी गुजरात के छह जिलों की 32 सीटो पर ध्यान केन्द्रित किये हुएं है फ़िलहाल उसका 18 सीटो पर कब्जा है पर यह इलाका नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का गढ़ कहलाता है इसलिए कांग्रेस इसको टारगेट बनाकर यहाँ युद्धस्तर पर लगी है खास बात है उत्तर गुजरात पटेल बाहुल्य है और हार्दिक पटेल ने यही से पटेल समाज को आरक्षण देने का शंखनाद किया था और आज हार्दिक बीजेपी के खिलाफ़ कांग्रेस को समर्थन दे रहे है इससे उत्साहित कांग्रेस मोदी और शाह के किले में सैंध लगाकर यहाँ अपना परचम फ़ैलाकर पूरे देश में मोदी मांडल को फ़ेल कर राहुल मांडल को प्रमुखता देने का सन्देश देने की फ़िराक में हैं ।
जैसा कि गुजरात में 9 नवम्बर को चुनाव होना है और यहां के कुल मतदाताओं में 88 फ़ीसदी हिन्दू मतदाता है । राहुल का हिन्दू मंदिरो में जाकर ढोग लगाना लगता है कांग्रेस का चुनावों में यह हिंदू वोटबैन्क को साथ लाने की रणनीति का हिस्सा हैं ,और भगवान के जरिये वह नरम हिन्दुत्व का दांव चल रही है क्यों कि पिछले दिनों कांग्रेस नेता ए. के. ऐन्थोनी ने कहा था कि कांग्रेस की लगातार हार का कारण हिंदू मतदाताओं को तवज्जों नही देना है इसलिए अब उसे हिन्दूओं को साधने के एजेन्डे पर भी आगे बड़ना होगा तभी उसे चुनावों में सफ़लता मिल सकती है । उसका कारण भी हैं एक तरफ़ कांग्रेस राहुल को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रही हैं वहीं कांग्रेस की चिन्ता है कि राहुल के उपाध्यक्ष बनने के बाद अभी तक हुएं 24 चुनाव कांग्रेस हार चुकी है उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी ने 40 रेलियां और सभाएं की परंतु कांग्रेस सपा से गठजोड़ कर भी चुनाव लडी पर उसे केवल 7 सीटे ही मिली । जहां तक गुजरात की बात है कांग्रेस 22 साल से सत्ता से दूर हैं । यह कहना भी गलत नही होगा कि गुजरात का चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफ़ाइनल हैं यदि कांग्रेस यहां फ़तह हासिल करती है और बीजेपी हारती तो गुजरात मांडल फ़ेल और राहुल मांडल पास होगा और गुजरात से कांग्रेस को संजीवनी मिल सकती हैं ।