नई दिल्ली/ मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाईकोर्ट के सजा को बहाल करने के फैसले के खिलाफ अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जैसा कि गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर अपनी मुहर लगाते हुए उनकी सजा को बहाल रखा था।
2019 के लोकसभा चुनाव की एक सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि घोटाले करने वालों के नाम मोदी ही क्यों होते है उन्होंने यह कहते हुए कुछ नाम भी गिनाए थे इसको लेकर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत सेशन कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया थी। बीच में उसपर स्टे लेने के बाद तत्कालीन जज के हटने के बाद उन्होंने दोबारा केस शुरू करने का आवेदन दिया था। इसके बाद 23 मार्च 2023 को सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और राहुल गांधी को मानहानि केस में अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई थी उसके दूसरे दिन 24 मार्च को चुनाव आयोग राहुल की संसद सदस्यता को खत्म करने का आदेश दे देता है उसके साथ ही उनका बंगला भी वापस ले लिया जाता है।
सेशन कोर्ट के इस फैसले को राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए इस सजा को समाप्त करने का आग्रह करते हुए अपना आवेदन दिया था लेकिन 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए इसे बहाल रखने का आदेश सुनाया साथ ही राहुल गांधी पर इस तरह के 10 प्रकरण चलने का उल्लेख भी किया था।
अब कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिग्गज नेता राहुल गांधी के पास देश के सबसे बड़े न्याय के मंदिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का एकमात्र और अंतिम विकल्प बचा था और शनिवार को राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में इस सजा को लेकर अपनी याचिका दाखिल कर दी जिसमें उन्होंने इसे उचित ना मानते हुए सजा के इस फैसले पर रोक लगाने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है अब देखना होगा एससी कब तक उनके आवेदन पर संज्ञान लेता है और सुनवाई करता हैं।
यदि सुप्रीम कोर्ट सजा पर रोक लगाता है तो राहुल गांधी का राजनेतिक भविष्य बरकरार रहेगा अन्यथा उनकी संसद सदस्यता तो पहले ही चली गई अब आगे 6 साल तक वह कोई चुनाव भी नही लड़ सकेंगे।