वायनाड/ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अब इलेक्टोरल राजनीति में प्रवेश कर गई हैं बुद्धवार को प्रियंका गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। प्रियंका गांधी अभी तक कांग्रेस के साथ प्रियंका गांधी राहुल गांधी के लिए प्रचार का काम करती आई थी लेकिन वायनाड से चुनाव लड़ने के साथ वह अब इलेक्टोरल राजनीति में भी प्रवेश कर चुकी है। उनके बारे में कहा जा सकता है देर से आई दुरुस्त आई।
इस मौके पर प्रियंका गांधी के साथ उनका परिवार उनकी मां सोनिया गांधी भाई राहुल गांधी उनके पति राबर्ट वाड्रा सहित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे महासचिव डीके शिवकुमार सहित केरल के अन्य वरिष्ठ नेता साथ थे। नामांकन दाखिल करने से पहले प्रियंका गांधी ने अन्य नेताओं और भारी लाव लश्कर के साथ वायनाड क्षेत्र में रोड शो किया और उसके बाद एक आमसभा को भी संबोधित किया इस मौके पर उन्होंने बहुत ही भावुक अपील भी की।
प्रियंका गांधी ने कहा पहले मैं 1989 में पिता के लिए उसके बाद भाई के लिए यहां वोट मांगने आती रही हूं लेकिन इस बार मैं अपने लिए वोट मांग रही हूं मैं खड़गे जी को धन्यवाद करती हूं की उन्होंने मुझे इस चुनाव में प्रत्याशी बनाया और मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूँ कि आपके परिवार का सदस्य बन रही हूं यह मेरे लिए नई शुरुआत है और वायनाड और आप ही मेरे गाइड होंगे।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा वायनाड के लोगों ने बुरे वक्त में मेरा और कांग्रेस का हमेशा साथ दिया है मैं तो हमेशा आपके साथ हूँ और रहूंगा लेकिन अब आपको एक नहीं दो दो सांसद मिलने वाले है।
जैसा कि बीजेपी ने वायनाड से नव्या हरिदास को उम्मीदवार बनाया है उनके साथ सत्येन मुकेरी लेफ्ट के उम्मीदवार है लेकिन साफ है प्रियंका गांधी का सीधा मुकाबला बीजेपी की नव्या हरिदास से होगा।
राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी और वायनाड दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था वायनाड से वह भारी मातो से जीते थे लेकिन अमेठी से वह चुनाव हार गए थे उनपर 2024 के चुनाव में अमेठी से फिर चुनाव लड़ने का दबाव था लेकिन राहुल गांधी अपने परिवार की परम्परागत सीट रायबरेली और वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़े और वायनाड से 4 लाख और रायबरेली से करीब पौने चार लाख वोटों से जीते। जबकि अमेठी सीट भी कांग्रेस ने जीत ली। 2024 में जीत के बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट से इस्तीफा देने के साथ ही यहां से प्रियंका के चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी थी। खास बात है 2004 में राहुल गांधी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह लगातार 5 बार से सांसद है लेकिन उनसे सिर्फ 2 साल छोटी प्रियंका गांधी करीब 20 साल बाद चुनावी मैदान में उतरी है।