नई दिल्ली, इम्फाल/ केंद्रीय सरकार ने आज मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है अब राज्यपाल अजय भल्ला पर मणिपुर में शांति व्यवस्था बहाल करने की जिम्मेदारी होगी। जैसा कि 21 महीने में मणिपुर में जातीय हिंसा में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद 9 फरवरी को एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इधर मणिपुर में कुकी समुदाय का नेतृत्व करने वाले ITLF ने कहा है की हमारी मांग मणिपुर में अलग प्रशासन की है और हम उसपर कायम है।
जैसा कि मणिपुर में 3 मई 2023 से शुरू हुई जातिगत हिंसा में 300 लोग से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें कुकी और मैतई समुदाय में रिजर्वेशन को लेकर ठन गई थी। इस टकराव में हुई हिंसा के बाद सीएम एन बीरेन सिंह पर भारी दबाव था विपक्षी पार्टियां एनडीए और मोदी सरकार से सवाल पूछ रही थी।
इधर ITLF के मुख्य प्रवक्ता गिनजा बूलजांग ने कहा है कि मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है लेकिन केंद्रीय सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया जब बिरेन सिंह पर अविश्वास प्रस्ताव आने वाला था और बिरेन सिंह के ऑडियो की जांच शुरू हुई और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की तो उसके दबाव में बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया है। लेकिन हमारी मांग पूर्ववत है हिंसा में हमारे सैकड़ों लोग मारे गए खून खराबा हुआ अब हम पीछे हटने वाले नहीं है हमारी मांग है मणिपुर में हमारा प्रशासन अलग हो और हम इस मांग पर कायम रहेंगे।
इधर नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने X पर पोस्ट कर कहा है कि भारी जान माल के नुकसान के बाद भी पीएम मोदी ने बीरेन सिंह को मणिपुर का सीएम बनाए रखा लेकिन अब लोगों के बढ़ते दबाव और सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की बजह से बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया है।
उन्होंने कहा मणिपुर में हालत सुधारने की जिम्मेदारी केंद्रीय सरकार की है और पीएम नरेंद्र मोदी खुद मणिपुर जाए और वहां शांति बहाल करने की कोशिश करे और मणिपुर में हालत सुधारने की उनकी क्या योजना है उससे अवगत कराए।
खास बात है कि इससे पहले लंबे समय से मणिपुर के प्रभारी और बीजेपी सांसद संविद पात्रा राज्य में दूसरे सम्भावित मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा कर रहे थे उन्होंने इसको लेकर बीजेपी और उसके समर्थक विधायकों की कई बैठके भी की लेकिन उनके प्रयास धरे के धरे रह गए नए नेता के नाम का चुनाव वह आखिर तक नहीं कर सके। इसकी जानकारी केंद्रीय सरकार को भी प्राप्त हो गई। इसके बाद राज्यपाल अजय भल्ला ने पूरी स्थिति की एक रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी और राष्ट्रपति ने उसपर अनुच्छेद 356 का पालन करते हुए मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश दे दिया।