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शरद पवार और अजित गुट के बीच शक्ति प्रदर्शन, वार पलटवार, 17 के मुकाबले अजित गुट के साथ 30 एमएलए, 6 पर सस्पेंस, शरद को हटाकर अजित बने एनसीपी के अध्यक्ष

Ajit and Sharad Pawar
Ajit and Sharad Pawar

मुंबई / महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल जोरो पर है आज एनसीपी नेता शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच मुंबई में जोरदार शक्ति प्रदर्शन हुआ, अलग अलग हुए कार्यक्रमों में दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोपों का दौर देखा गया, अजित पवार का दावा था कि उनके साथ 40 विधायक है लेकिन 30 विधायक ही कार्यक्रम में आए जबकि शरद पवार के कार्यक्रम में 17 विधायक पहुंचे और उन्हें अपना समर्थन दिया।। जबकि एनसीपी के चारों सांसद और पार्टी के अधिकांश नेता और पदाधिकारी शरद पवार के साथ दिखे। लेकिन दलबदल कानून से बचने के लिए अजीत गुट को दो तिहाई यानि 36 विधायक का आंकड़ा चाहिए। लेकिन बाकी यह 6 विधायक किसके साथ है यह सस्पेंस फिलहाल बना हुआ है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट की सभा वाईबी चव्हाण सेंटर में हुई जिसमें शरद पवार और उनकी बेटी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और सभी चार सांसद, 17 विधायक और पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मोजूद थे जबकि अजित पवार गुट की सभा बांद्रा के एमईजी कॉलेज के सभागार में हुई जिसमें अजित पवार सहित दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजवल सहित 30 विधायक और नेता और कार्यकर्ता मोजूद थे। इस दौरान दोनों ही पार्टियों में जुबानी जंग देखी गई और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों के बीच वार पलटवार के साथ पार्टी के प्रति अपनी संबद्धता और दिए गए बलिदान को भी बताया गया। इस दौरान दोनों ही धड़ों ने विधायकों को लेकर अपने अपने पक्ष में हलफनामे भी लिए।

महाराष्ट्र की सत्ता से हाथ मिलाने वाले अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार पर हमला करते हुए कहा कि आप 83 साल के हो गए कभी रुकेंगे कि नही अब आपको नए लोगों को मौका देना चाहिए और अब आप आशीर्वाद दे आईएएस आईपीएस भी 60 साल में और बीजेपी और अन्य पार्टियों के नेता भी 75 साल में रिटायर हो जाते है लेकिन आप अभी भी मोह पाले हुए है। उन्होंने कहा आपने पहले इस्तीफा दिया फिर वापस ले लिया फिर इस्तीफा दिया ही क्यों? यहां मोजूद विधायक बताएं क्या यह सही बात नही है। जब आपने सुप्रिया को अध्यक्ष बनाया तो हमने उसे स्वीकार किया, अब शरद पवार की बारी है अब वे हमारा स्टेंड स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि एनसीपी भी हमारे पास है और उसका चिन्ह भी है कोई कुछ भी कहे हम मजबूत है।

अजित पवार ने कहा कि देश में नरेंद्र मोदी का करिश्मा काम कर रहा है और 2024 में होने वाले चुनाव में हमें मजबूत टीम बनाना है जिससे पीएम मोदी के नेतृत्व में फिर से बीजेपी सरकार बनाने जा रही हैं।

सभा में सुप्रिया सुले ने भावुक होते हुए कहा कि मेरे पिता पर अन्याय मत करो उनको कुछ कहा तो ठीक नहीं होगा मैं महिला हूं तो रो भी सकती हूं और अहिल्या बाई होलकर बनकर हर चुनौती का मुकाबला भी कर सकती हूं सुप्रिया ने आरोप लगाया कि सत्ता के लिए अजित दादा एनसीपी को ही खा गए उम्र तो एक नंबर हैं। प्रधानमंत्री कहते है ना खाऊंगा ना खाने दूंगा और एनसीपी को नेचुरल करेप्ट पार्टी कहा, अब मेरा जवाब सुन ले अब मैं नही खाने दूंगी महाराष्ट्र दिखा देगा ना खाएंगे ना खाने देंगे।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बगावत करने वाले अपने भतीजे अजित पवार को चेतावनी देते हुए कार्यकर्ताओं को आव्हान किया और कहा आप को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है पार्टी और सिंबल उनसे कोई नहीं छीन सकता, उन्होंने कहा यदि कोई बात थी तो अजित को मुझसे बात करना थी संवाद से सभी समस्या का हल होता है गलती को सुधारना हमारा काम है लेकिन आज उनकी बात सुनकर मुझे अफसोस हुआ जो मुझे गुरु बता रहे है वही मेरे खिलाफ खड़े है अपने बैनर और पोस्टर पर मेरे फोटो लगाए है दूसरी तरफ मेरे को रिटायर होने को कह रहे है उन्होंने कहा हमारे कुछ एमएलए हमसे अलग हुए इससे मुझे काफी दुख पहुंचा है लेकिन गलत करने वाले सजा के लिए तैयार रहें।

शरद पवार ने अपने संबोधन में कहा कि विपरीत विचाराधारा के साथ जाना कभी भी ठीक नहीं है बीजेपी का काम हिंदुत्व के नाम पर लोगों को बांटना है मैंने देश में कई पीएम के साथ काम किया लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ हमें लोकतंत्र बचाने के लिए आगे लड़ना ही होगा और समूचा विपक्ष इसमें जरूर सफल होगा उन्होंने कहा भोपाल में प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे आज सत्ता के लिए हम उसी के साथ जा रहे हैं यह हमारी विचाराधारा के खिलाफ है।

इस सभा के बाद अजित पवार अपने समर्थक विधायकों और नेताओं को लेकर होटल ताज पहुंचे जहां एक बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया और इसकी सूचना चुनाव आयोग को भी दे दी है इसका आधार अजित गुट ने 30 जून को हुई एनसीपी की बैठक को बताया। इधर शरद पवार ने भी 6 जुलाई को दिल्ली में अपने निवास पर एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आहुत की है। अजित को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के जवाब में शरद गुट का पक्ष है कि वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ओपचारिक बैठक नही थी उसके लिए विधिवत नोटिस देने का प्रावधान है जबकि ऐसा कुछ नही हुआ।

चाचा ने अपनी कड़ी मेहनत और अपने खून से सीच कर जो सीढ़ी (एनसीपी) खड़ी की उसपर भतीजा चढ़ता गया और इतना आगे निकल गया कि आज वह बगावत करके चाचा को ही चैलेंज दे रहा है लेकिन सबाल यह उठता है कि राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले चाचा आखिर गच्चा कैसे खा गए। लेकिन अभी भी अजित पवार की डगर काफी मुश्किल है आज जब शक्ति प्रदर्शन हुआ तो अजित के साथ 30 विधायक साथ दिखे जबकि शरद गुट के कार्यक्रम में 17 एनसीपी विधायक मोजूद रहे। लेकिन दल बदल कानून से बचने के लिए कुल 53 विधायकों में से दो तिहाई संख्या के हिसाब से अजित गुट को 36 विधायकों का समर्थन जरूरी है। जबकि चुनाव आयोग को उन्होंने सूची भेजी हैं उसमें 40 विधायकों के समर्थन की जानकारी दी है। अब देखना होगा कि भतीजा भारी पड़ता है या चाचा अपने अनुभव से उसे एक बार फिर मात देते हैं यह आगे समय बताएगा।

Tags : NCPPolitics
Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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