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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर दिया स्टे,
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अब फिजिकल रैलियां कर सकेंगे राजनीतिक दल
नई दिल्ली – मध्यप्रदेश के 9 जिलों में फिर से फिजिकल रैलियां हो सकेंगी इन विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों की चुनावी रैलियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है और हाईकोर्ट के भौतिक रैलियों की बजाय वर्चुअल रैली करने के आदेश पर स्टे लगा दिया है सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भौतिक रैलियों करने पर लगी रोक अब फिलहाल हट गई हैं। सुप्रीम कोर्ट अब 6 सप्ताह बाद इसकीं अगली सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को अपने हिसाब से कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने के निर्देश भी दिये है।
राजनीतिक दलों को एससी की फटकार –
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही राजनीतिक दलों को फटकार भी लगाई है जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा यदि सभी ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन सही तरीक़े से किया होता और प्रोटोकॉल माना होता तो इस तरह की परेशानी नही आती उन्हें खुद से इस बारे में सबाल करने की जरूरत हैं कि वे इस स्थिति के लिये कितने जिम्मेदार है और उन्होंने कोन सा ऐसा काम किया जो सभी के हित मे हो यदि वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते तो हाईकोर्ट को दखल देने की जरूरत नही होती।
हाईकोर्ट ने 9 जिलों में लगाई थी भौतिक रैलियों पर रोक –
हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने 21 अक्टूबर को 9 जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटस को जहां संभव ना हो वहां भौतिक रैलियों की जगह वर्चुअल रैलियां करवाने और उसके लिए कोरोना गाइड लाइन के पालनार्थ इंतजामों के लिये राशि भी जमा करने के आदेश दिए थे इन 9 जिलों में ग्वालियर, मुरैना भिंड दतिया श्योपुर, शिवपूरी अशोकनगर गुना और विदिशा जिले शामिल थे।
चुनाव आयोग और बीजेपी नेता ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई थी गुहार-
जैसा कि चुनाव आयोग सहित ग्वालियर के बीजेपी प्रत्याशी प्रधुम्न सिंह तोमर ने भी हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और इस आदेश को निरस्त करने की मांग उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से की थी।