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बिहार में चुनावों की तारीखों का ऐलान,पार्टियों में हलचल, NDA और महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर घमसान, नामांकन के 7 दिन

Bihar Elections
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पटना/ बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने सोमवार को कर दिया दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को चुनाव होंगे और 14 नवंबर को नतीजे घोषित हो जाएंगे। पहले चरण के लिए करीब एक सप्ताह और दूसरे चरण के नामांकन के 10 दिन बचे है लेकिन अभी तक प्रमुख पार्टियां अपने उम्मीदवारों की पहली सूची तक जारी नहीं कर सकी है बताया जाता है राजनीतिक पार्टियों में सीटों के बटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है और जोड़ घटाओ की राजनीति पर काम शुरू हो गया है लेकिन जो खबरें आ रही है उसके मुताबिक NDA और इंडिया महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर घमसान छिड़ा हुआ है।

बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें है और बहुमत का आंकड़ा 122 है NDA घटक दल में जनता दल यूनाइटेड (JDU), भारतीय जनता पार्टी के अलावा चिराग पासवान की एलजेपी (आर) जीतमराम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाह की आरएलपी शामिल है जबकि महागठबंधन (INDIA) में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां सीपीआई, सीपीआईएम,सीपीआई माले और VIP शामिल है इनके अलावा प्रशांत किशोर की जन स्वराज पार्टी भी पहली बार मैदान में है।

नामांकन भरने के लिए बचे चंद दिन, प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं-

बिहार में चुनावों की तारीख का ऐलान हो गया पहले फेज के चुनाव 6 नवंबर को होंगे उसके लिए नामांकन भरने के लिए अब 7 दिन का समय बचा है और 11 नवंबर को होने वाले दूसरे फेज चुनाव लिए 10 दिन का वक्त नामांकन दाखिल करने के लिए शेष है लेकिन अंदर खाने से जो खबरें आ रही है उसने NDA और महागठबंधन (INDIA) दोनों ही खेमों में सीट शेयरिंग को लेकर घमसान छिड़ा हुआ है जिसने बड़े नेताओं को चिंता में डाल दिया है।

सीट बंटवारे को लेकर NDA में घमासान, चिराग – मांझी के कड़े तैवर –

NDA में शामिल एलजेपी (आर) के नेता चिराग पासवान सीटों के बटवारे से नाखुश बताए जाते है, सम्मान जनक सीट न मिलने पर उनके एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव के उतरने की चर्चा जोरों पर है। उन्होंने अपने 5 सांसदों के क्षेत्रों के साथ कुल 40 सीटें मांगी है जबकि एनडीए उन्हें 20 से 22 सीट दे रहा है लेकिन चिराग़ पासवान फिलहाल तो 40 सीट लेने पर अड़े हुए है। इस बीच उन्होंने गत रोज मीडिया के सवाल पर शायराना अंदाज में कहा मेरे पिता (रामबिलास पासवान) ने जो कहा वह शब्द मुझे प्रेरणा देते है, मुश्किलों से गुजरने पर मुझे नई ताकत देते है उन्होंने कहा था कि – जुल्म करो मत, जुल्म सहो मत, जीना है तो मरना सीखो, कदम कदम पर लड़ना सीखो। इससे साफ हो जाता है चिराग के ख्यालात क्या है।

इधर उन्हें मनाने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को सौंपी गई है हर रोज बिहार में एनडीए की बैठक भी होना थी लेकिन चिराग पासवान बैठक शामिल होने की बजाय उनसे मिले बिना दिल्ली आ गए और मंत्रालय चले गए जबकि बिहार के प्रदेश अध्यक्ष का बयान आया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जो फैसला लेंगे पार्टी उसके साथ खड़ी रहेगी। इससे सवाल उठ रहे है क्या 2020 के तरह LJP (R) कही इस बार अकेले तो चुनाव में नहीं उतर रही?

जबकि “हम” पार्टी के सर्वेसर्वा जीतनराम मांझी भी सीट बंटवारे को लेकर मुखर हो चुके है उन्हें NDA गठबंधन 7 से 8 सीटें देने को राजी है लेकिन वह 15 सीट मांग रहे है उनका कहना है हमें सम्मानजनक सीटें दी जाए हमें राष्ट्रीय पार्टी बनना है इसलिए जरूरी है।एक तरफ चिराग शायरी कर रहे है तो मांझी कवि बन गए है उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की महाभारत के प्रसंग से जुड़ी कविता रश्मिरथी जिसमें श्रीकृष्ण दुर्योधन से पांडवों को 5 गांव देने को कहते है मांझी ने उसे उद्धृत करते हुए कहा – दो न्याय अगर आधा दो, यदि उसमें भी कोई हो बांधा, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो धरती अपनी तमाम, HAM (पार्टी का नाम) वही खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठाएंगे। इस तरह साफ है फिलहाल तो एनडीए में संकट गहराया हुआ है। जबकि बीजेपी 101 और जेडीयू के 102 सीटों पर चुनाव लड़ना लगभग तय है शेष 40 सीट घटक दलों के बीच बंटेगी। बताया यह भी जाता है नीतीश कुमार ने 105 सीटों की अपने प्रत्याशियों की सूची बीजेपी हाईकमान को दिल्ली भेज दी है साथी पार्टियों को कितनी कितनी सीटें देनी है यह बीजेपी को तय करना है।

सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में भी रार-

इधर महागठबंधन (INDIA) में भी सीट बंटवारे को लेकर रार चल रही है सबसे ज्यादा मुखर है वीआईपी के नेता मुकेश सहनी वह 35 से 40 सीटों के साथ साथ डिप्टी सीएम पद पर भी अपना दावा ठोक रहे है उनका कहना तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम होंगे तो उन्हें डिप्टी सीएम घोषित किया जाए इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर भी सवाल उठाए है और कहा कांग्रेस किस आधार पर 70 सीटें मांग रही है। उनके इन बयानों ने महागठबंधन में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। जबकि लोकजनशक्ति पार्टी (पशुपति) को गठबंधन 3 सीट का ऑफर दे रहा है लेकिन पशुपति पारस 5 सीटें मांग रहे है उनके पार्टी नेताओं की तरफ से तो महागठबंधन से अलग होने की बात भी कही जा रही है। जिससे यहां भी संकट कुछ कम नहीं है।

लेकिन बिहार के पत्रकारों और राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सब दबाव की राजनीति कर रहे है जिससे ज्यादा से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमाया जा सके और अपनी पार्टी के नेताओं को चुनाव में उतार सके,लेकिन अंतिम समय में सभी कही न कही मान लेंगे कोई भी अपने गठबंधन से बाहर नहीं जा रहा।

महागठबंधन में 6 पार्टियां शामिल है राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस वीआईपी, सीपीआई, सीपीआईएम और सीपीआई माले। कुल 243 सीटों में से इन राजनीतिक दलों में सीट शेयरिंग होगी पिछले 2020 के चुनाव में आरजेडी के बाद वामपंथी पार्टियों का स्ट्राइक रेट सबसे अच्छा रहा था।

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Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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