नई दिल्ली/ नए संसद भवन सेंट्रल विष्टा का 28 मई को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधिवत उदघाटन करेंगे दो चरणों में होने वाला यह समारोह सुबह 7 बजे से प्रारंभ होगा। लेकिन विपक्ष इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा उसने पहले ही वहिष्कार की घोषणा कर दी है। कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजामात किए गए है।
कल देश की नई संसद भवन का उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे दो चरणों में होने वाले इस कार्यक्रम में सुबह 7 बजे से 8.40 बजे तक परिसर में हवन पूजन का कार्यक्रम होगा तत्पश्चात 9.30 बजे पीएम मोदी दीप प्रज्जवलित करेंगे। इसके उपरांत दूसरा चरण में सुबह 11 बजे प्रारंभ होगा जिसमें नई संसद की लॉबी में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन होगा और पीएम नरेंद्र मोदी विधिवत नई संसद का विधिवत उदघाटन कर उसका लोकार्पण करेगें साथ महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू एवं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के वीडियो संदेश जारी किए जाएंगे। इस दौरान पीएम पवित्र सेंगोल को लोकसभा स्पीकर की आसंदी के नजदीक स्थापित करेंगे। इसके उपरांत दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा। इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 5 मिनट का समय संबोधन के लिए निर्धारित किया गया है।
कार्यक्रम में पक्ष विपक्ष के सांसदों के साथ साथ अभी तक रहे लोकसभा के पूर्व स्पीकर ,5 बार के पूर्व सांसदो को भी आमंत्रित किया गया है। बताया जाता है करीब 25 विपक्षी पार्टियों के नेता और सांसद कार्यक्रम में शिरकत करेंगे लेकिन कांग्रेस टीएमसी जेडीयू सहित 20 विपक्षी पार्टियों के सांसद एवं नेता इस उदघाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे उनका कहना है कि नई संसद का उदघाटन करने का संवैधानिक अधिकार राष्ट्रपति को है जो दोनों सदनों की सर्वोच्च है इसी को लेकर उन्होंने इस कार्यक्रम के वहिष्कार का ऐलान किया है।
इधर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए संसद भवन को लेकर सभी हर्षित है और देश उत्साहित है नई संसद नई संस्कृति एवं आधुनिकता के दौर का समागम है जिसकी झलकियां पूरा देश देख रहा है। जबकि बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि नई संसद भारत की जीवंत संस्कृति और उसकी विरासत का प्रतीक है जो विकसित राष्ट्र बनाने के साथ स्वतंत्र भारत की यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा जो सम्मान बड़ाने के साथ संवैधानिक मूल्यों का निर्धारण करेगा। जबकि बाबा रामदेव ने कहा कि नई संसद का प्रधानमंत्री व्दारा उद्घाटन ऐतिहासिक अवसर है कार्यक्रम का वहिष्कार करने वाले राजनेतिक दल अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें।
इधर विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी और बीजेपी पर खुलकर हमला किया है जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि नई संसद की कोई जरूरत ही नही थी पुरानी संसद भवन में बदलाव किया जा सकता था जो इतिहास है उसे क्या आप भुला देंगे बीजेपी देश का संविधान बदलने की कोशिशों में जुटी हैं। जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि संसद का उदघाटन एकमात्र बीजेपी का चुनावी समारोह है जनता को इससे क्या मिलेगा झूठ छुपाने के लिए यह बीजेपी का नया इवेंट हैं। जबकि कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति और भारत के संविधान का अपमान कर रही है राष्ट्रपति का दोष है कि एक आदिवासी महिला है उन्होंने आरोप लगाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा चेहरा पसंद ही नही है।
संसद भवन उदघाटन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के भी खासे इंतजाम किए गए है लोकल पुलिस और प्रशासन के अलावा संसद भवन के आसपास पेरा मिलिट्री फोर्स की 20 कंपनियां तैनात करने के साथ सीआरपीएफ का बल भी लगाया गया है रविवार को सुबह 5.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक संसद भवन और आसपास के इलाके में सामान्य आवाजाही पूरी तरह से निषेध कर दी जायेगी और सभी रास्ते बंद रहेंगे, पुलिस को इनपुट मिला है कुछ असामाजिक तत्व संसद भवन के आसपास की दीवारों पर विरोधी नारे के पोस्टर चस्पा कर सकते है उनको रोकने निगाह रखने के भी विशेष इंतजाम किए गए है साथ ही कार्यक्रम के दौरान मेट्रो के रूट में भी तब्दीली की गई है। इसके अलावा धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में खाप की महिला पंचायत को संसद भवन के पास अनुमति नहीं दी गई है बावजूद हरियाणा पंजाब और अन्य राज्यों से इस पंचायत में शामिल होने के लिए महिलाओं के आने की संभावना जताई जा रही है।