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राजस्थान

पायलट को जयपुर हाईकोर्ट से राहत गहलोत की बड़ी मुश्किलें

  • पायलट को जयपुर हाईकोर्ट से राहत गहलोत की बड़ी मुश्किलें

  • पायलट की याचिका पर मिला स्टे

  • मुख्यमंत्री ने की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कहा मिलेंगे राज्यपाल से …

जयपुर– राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के फैसले पर आज जयपुर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है इस तरह सचिन पायलट और उनके गट को प्राथमिक तौर पर राहत मिली है जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को झटका लगा हैं। उन्होंने कहा हमने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया है लेकिन राज्यपाल का जबाब नही आया हम राजभवन जाकर उनसे अनुरोध करेंगे उंसके बाद यदि जनता राजभवन घेरे तो हमारी कोई जिम्मेदारी नही होगी।

जैसा कि राजस्थान सरकार के कांग्रेस विधायक दल की बैठक में व्हिप जारी होने के बावजूद सचिन पायलट सहित उनके 19 विधायक बैठक में शामिल नही हुए थे जिसको लेकर विधानसभा स्पीकर ने 14 जुलाई को सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायको को नोटिस जारी किये थे और नोटिस में चेतावनी दी थी कि बैठक में शामिल नही होने पर क्यों ना आपकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी जाये|

इसको लेकर सचिन पॉयलट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्पीकर के नोटिस को चुनोती दी थी जिसपर संज्ञान लेते हुए आज हाईकोर्ट ने पायलट की याचिका को सही माना और फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश जारी किये हैं जिससे फौरी तौर पर सचिन पायलट को राहत जरूर मिली हैं।

इधर विधानसभा स्पीकर के वकील प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि स्पीकर का पद संवैधानिक है इसलिये हाईकोर्ट को स्पीकर के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार ही नही हैं उन्होंने कहा कि हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। उन्होंने माना कि फौरी तौर पर पायलट ग्रुप को हाईकोर्ट ने राहत जरूर दी हैं।

हाईकोर्ट के स्थगन के बाद अशोक गहलोत एकाएक सक्रिय हो गये उन्होंने आनन फानन राजस्थान के राज्यपाल से मिलने का समय मांगा हैं और उन्हें समय मिल भी गया है फिलहाल कांग्रेस विधायकों की जयपुर के उस होटल फेयर माउंट में मीटिंग हो रही हैं जहाँ यह सब ठहरे हुए हैं।इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे।

होटल के परिसर में मीडिया से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा कि हमने राज्यपाल महोदय को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए गत दिवस चिट्ठी भेजी थी लेकिन अभी तक उनका जबाब नही आया लगता है ऊपर से उनपर दबाब है लेकिन इसका हमे दुख हैं|

जब पहले सभी कह रहे थे विधानसभा सत्र बुलाये आज हम कह रहे हैं हमने अभी टेलीफोन पर राज्यपाल से बात की कि आपका संवैधसनिक पद है अपनी अंतर आत्मा से खुद निर्णय ले और आदेश प्रदान करे। हम सोमवार को सत्र बुलाने की सोच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी षडयंत्र कर रही है|

कर्नाटक और मध्यप्रदेश की तरह अब राजस्थान में भी संरकार गिराने की फिराक में है उन्होंने आरोप लगाया हरियाणा में हमारे काँग्रेस के साथी विधायको को बंधक बना रखा है उनके मोबाइल ले लिये है वो परेशान और बीमार है लेकिन उनपर निगाह रखने के लिये बाउंसर और पुलिस लगादी हैं बीजेपी निम्न स्तर की राजनीति कर रही हैं।

ऐसा नंगा नाच मेने नही देखा,उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा हम सभी विधायक राजभवन पहुचकर राज्यपाल से अनुरोध करने जा रहे है उन्होंने कहा कि राज्यपाल का संवैधानिक पद है आप निष्पक्ष होकर निर्णय ले कोरोना काल मे जनता परेशान है उन्होंने कहा यदि राज्यपाल विधानसभा सत्र नही बुलाते तो जनता घेराव करेंगी उसकी हमारी कोई जिम्मेदारी नही होगी।

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