- प्राचार्य के निलम्बन को लेकर कांग्रेस ने पवैया का बंगला घेरा 50 कांग्रेसी गिरफ़्तार,
- सिंधिया ने सरकार को दलित विरोधी तो भाजपा ने साजिश बताया
ग्वालियर – गुना जिले के मुँगावली स्थित काँलेज के प्राचार्य को प्रदेश सरकार के निलम्बित करने पर सियासत तेज हो गई है कांग्रेस ने आज उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के बंगले का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुएं 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया ।
गत दिनों मुँगावली शासकीय काँलेज में युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश की केबीनेट मंत्री यशोधराजे सिंधिया को आमंत्रित किया गया था, आरोप है कि इस कार्यक्रम में जो होडिंग लगे थे उसमें सिंधिया के पक्ष में नारे लिखे थे और कांग्रेस का पंजे का निशान भी बना था आरोप यह भी है कि सिंधिया ने अपने भाषण में बीजेपी सरकार के खिलाफ़ बोला था। इस पर सियासत गर्म हो गई और प्रदेश सरकार ने इस काँलेज के प्रचार्य बी. एल. अहिरवार को निलंबित कर दिया, इसके विरोध में आज ग्वालियर में कांग्रेस ने उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के बंगले का घेराव किया और प्रदर्शन कर नारेबाजी की कांग्रेस की मांग थी कि निलंबित प्राचार्य को बहाल किया जाये लेकिन इस दौरान पुलिस के हटाने पर कांग्रेस कार्यकर्ता नही हटे तो दोनों के बीच झड़प हो गई और पुलिस के हल्का बल प्रयोग करने पर कांग्रेसी भड़क गये बाद में स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया ।
इस मामले में सिंधिया ने प्राचार्य के निलम्बन पर प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पर जोरदार हमला बोला और कहा कि इस क्रत्य से उसका दलित विरोधी चेहरा उजागर हुंआ है। सिंधिया ने कहा कि क्षेत्र का सांसद काँलेज में नही जा सकता ऐसा क्यों मैं सरकार और मुख्यमंत्री से पूँछना चाहता हूं उन्होंने कहा कि लगता है बीजेपी में भारी घबराहट है। इधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नन्दकुमार चौहान ने सिंधिया पर निशाना साधते हुएं कहा कि प्राचार्य ने नियम कायदों को पेरो तले रौद दिया वही सिंधिया ने प्राचार्य से साठगांठ और साजिश करके शिक्षा के मंदिर में घिनोना काम किया जो माफ़ी लायक नही है।
लेकिन इसका दूसरा पहलू भी हैं इस कार्यक्रम में शामिल प्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे ने भी वोट की राजनीति की उन्होंने साफ़ कहा कि कोई अच्छा काम करे तो उसे जिताना ठीक है तभी तो विकास के साथ सुविधाएं मिलती है उन्होने यह भी कहा कि इससे ही हम राजनेताओं को आँक्सीजन मिलती है। एक तरफ़ सिंधिया पर वोट की राजनीति करने और प्राचार्य पर उनका साथ देने के आरोप लग रहे है इसी के चलते प्राचार्य को निलम्बन का दण्ड भोगना पडा़ परन्तु यशोधरा राजे ने भी वही किया फ़िर उनको लेकर भाजपा क्यों खामोश है?