खरगौन / सनातन परमहंस सद्गुरु संत सियाराम बाबा का मोक्षदा एकादशी दिवस बुद्धवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर प्रभु मिलन हो गया है। महान संत का अंतिम कर्म मां नर्मदा के भट्यान तट पर सायंकाल 4 बजे संपन्न हुआ और बाबा पंचतत्व में विलीन हुए । इस अवसर पर संत सियाराम बाबा को अंतिम विदाई देने उनके हजारों श्रद्धालु तेली भट्यान आश्रम पहुंचे और जयकारा लगाते हुए उन्हें अश्रुपूरित अंतिम विदाई दी।
मध्यप्रदेश के खरगोन में नर्मदा तट पर एक लंगोटी में भक्ति और तपस्या में लीन रहते वाले 116 साल के महान के संत सियाराम बाबा लंबे समय से बीमार थे। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका, वयोवृद्ध संत सियाराम बाबा ने मोक्षदा एकादशी जैसे पावन पर्व पर अपना चोला छोड़ा। माँ नर्मदा जी के पावन तट, ग्राम तेली भट्ट्यांन पर अखंड साधना करने वाले, और अपने संपूर्ण जीवन को भगवान श्रीराम के चरणों में अर्पित करने वाले महान संत श्री सियाराम बाबा जी का आज प्रातः 6 बजकर 10 मिनट पर देवलोक गमन हो गया। बाबा जी ने जीवन पर्यंत रामायण जी का पाठ करते हुए समाज को धर्म, भक्ति और सदाचार का संदेश दिया। उनकी साधना, तपस्या और प्रभु के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।
बाबा का डोला बुद्धबार को आश्रम से सायंकाल 4 बजे बड़े ही भव्य रूप से प्रारम्भ हुआ और खरगोन ज़िले में कसरावद के निकट माँ नर्मदा के तट पर जहाँ उन्होंने वर्षों तपस्या की उन्हें समाधि दी गई। उनकी अंतिम क्रिया में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और बाबा को याद कर जयकारे लगाते देखे गए।
संत सियाराम बाबा के निधन से देश प्रदेश में उनके भक्त काफी दुःखी है और उनकी शाश्वतयात्रा की खबर सुनकर हजारों भक्त उनके भाटियान आश्रम पर अंतिम दर्शन के लिए आए। बाबा पिछले 10 दिन से बीमार थे और उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था जहां वह बीच 4 दिन रहे थे।खुद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इसका संज्ञान लिया था। इस बीच उनके शरीर छोड़ने की अफवाह भी फैली थी। जानकारी के अनुसार बाबा सियाराम का जन्म गुजरात के भावनगर में हुआ था और 17 की साल उम्र में आपने आध्यात्म का रास्ता अपना लिया था, और खरगौन जिले के कसरावद में आने के बाद मां नर्मदा के तट पर तपस्या की वह हनुमान जी के अनन्य भक्त थे कहते है इस दौरान बाबा ने 10 साल तक खड़े रहकर घोर तप किया जब वह तपस्या से जागे तो उनके मुंह से पहला शब्द “सियाराम” निकला, तभी सी वह सियाराम बाबा के रूप में विख्यात हुए। तप का ही असर था कि 110 साल की उम्र में भी सियाराम बाबा भीषण सर्दी और तेज गर्मी में भी सिर्फ एक लंगोटी में रहते थे। उनके देहावसान पर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए है।
खरगोन के परम पूज्य संत श्री सियाराम बाबा ने शाश्वत यात्रा की ओर प्रस्थान कर लिया है। सौ वर्षों से अधिक की आयु को प्राप्त कर बाबा ने अपने संतत्व और आध्यात्मिक साधना से असंख्य श्रद्धालुओं के जीवन को आलोकित किया।
सियाराम बाबा एक जीवन्त प्रेरणा थे, जिन्होंने अपने तप, त्याग और सेवा… pic.twitter.com/Dv6bAQam7P
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) December 11, 2024
प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त, निमाड़ की धर्म ध्वजा और आध्यात्मिक अनुभूति के प्रेरणापुंज संत श्री सियाराम बाबा जी के देवलोकगमन की दुखद सूचना प्राप्त हुई!
मोक्षदा एकादशी को दिव्य ज्योति में विलीन हुई यह दिव्यात्मा प्रभु के मोक्ष-धाम में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर विराजित होगी!
परमपिता… pic.twitter.com/kW4dNfQjgo
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) December 11, 2024