कोलकाता/ पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा की खबर है इस दौरान बम फैंकने और बेलेट पेपर फाड़ने के साथ उनमें आग लगाने की घटनाएं हुई एक बूथ से एक युवक बेलेट बॉक्स लेकर भाग गया। इस हिंसा में 18 लोगों की मौत हो गई है। खास बात है प्रदेश में 1.35 लाख की तादाद में केंद्रीय एवं राज्य का सुरक्षा बल तैनात था इसके बाबजूद पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव और हिंसात्मक झड़पे जारी रही। गृहमंत्री अमित शाह ने इसके रिपोर्ट मांगी है। जबकि पंचायत चुनाव में करीब 66 फीसदी मतदान होने की खबर है। जबकि मतगणना 11 जुलाई को होगी।
पश्चिम बंगाल में कुल 87887 ग्राम पंचायतें है इनमें से 9013 पंचायतों में निर्विरोध चुनाव हुए जबकि आज 64874 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए, हाईकोर्ट के दखल देने पर बंगाल में केंद्रीय बलों की 600 कंपनिया तैनात की गई थी और पुख्ता सुरक्षा इंतजामों के तहत पूरे प्रदेश में 65 हजार का सेंट्रल फोर्स और जबकि 70 हजार का राज्य पुलिस और बल तैनात किया गया था।
शनिवार सुबह 7 बजे से चुनाव के लिए मतदान की शुरुआत हुई लेकिन राज्य के करीब 30 फीसदी इलाके में मतदान के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव और झड़पो की खबर लगातार आने लगी थी। जबकि दोपहर 3 बजे तक 51 फीसदी मतदान भी हो चुका था।
प्रदेश के जो जिले हिंसा और आपसी टकराव से सबसे अधिक प्रभावित रहे उनमें केमिंग बाकुंडा बीरभूमि मालदा भांगड़ नदिया कूचबिहार मुर्शिदाबाद प्रमुख रूप से शामिल है यहां बेलेट पेपर लूट बेलेट पेपर फाड़ने और उन्हें जलाने के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद मारपीट फायरिंग की घटनाएं हुई कूंचबिहार के माथभंगा ब्लॉक की हजराहट गोवन बूथ से एक युवक बेलेट बॉक्स लेकर ही भाग गया जबकि एक जगह आईएसएफ और टीएमसी कार्यकर्ताओ के बीच टकराव में बम फैंके जाने की खबर है आरोप टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगा हैं।
पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में अभी तक 18 लोगों के मारे जाने कीजानकारी मिली है जबकि प्रशासन ने 13 लोगों के मरने की पुष्टि की है लेकिन संख्या बड़ भी सकती है मरने वालों में तृणमूल कांग्रेस के 8 सीपीआई के 3 कांग्रेस और बीजेपी का एक एक का कार्यकर्ता मारा गया हैं। खास बात है पिछले चुनाव की तुलना में इस बार ज्यादा हिंसा हुई।
इस मामले में बीजेपी और टीएमसी ने एक दूसरे पर आरोप लगाएं है बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा यहां चुनाव के नाम पर मजाक हुआ बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो गया है उन्होंने इस हिंसा के लिए ममता सरकार को दोषी बताया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग केंद्र से की है। जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से बात की है और पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी हैं जबकि टीएमसी सांसद कुणाल घोष ने कहा है कि चुनाव के दौरान हुई हिंसा में सबसे अधिक टीएमसी कार्यकर्ता मारे गए है जिससे साफ है वह अन्य लोगों का शिकार हुए उन्होंने कहा कि भाजपा राज्यों में कही ज्यादा हिंसा हुई और हो रही है लेकिन भाजपा सरकार शांत बैठी है। टीएमसी नेता शशी पांजा ने इस हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया है । राज्यपाल सीबी आनंद बोस ने कहा है कि चुनाव बैलेट से हो ना कि बुलेट से, लेकिन सबाल यह भी उठते है इतनी भारी तादाद में केंद्रीय और राज्य पुलिस और सुरक्षा बल के होने के वावजूद हिंसा नहीं रोकी जा सकी।
Image source: Twitter