बैंगलुरू/ आज विपक्ष की 26 राजनेतिक पार्टियों के नेता बैंगलुरू पहुंच गए है उन्हें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने डिनर पर आमंत्रित किया। 18 जुलाई को विपक्षी राजनीति पार्टियों की होने वाली दूसरी मीटिंग में 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी सरकार के खिलाफ रणनीति पर नेताओं के बीच चर्चा होगी साथ ही अन्य जरूरी जिम्मेदारियों को भी अंतिम रूप दिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं। साथ ही मोर्चे का नाम और संयोजक कोन होगा इसको अंतिम रूप दिया जा सकता है।
बैंगलुरू में आज डिनर से पहले एक इनफॉर्मल बैठक हुई जिसमें सोनिया गांधी ने टीएमसी नेता ममता को अपने पास बिठाया और नेताओं के आने से पहले भी उनके बीच बातचीत हुई। मुख्य बैठक से पहले आज सभी दलों के नेताओं से कहा गया कि वह इस फ्रंट का नया सोचे लेकिन उसमें इंडिया जरूर शामिल होना चाहिए वही कहा गया कि फिलहाल कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का स्वरूप छोटा रखा जाए, साथ ही एक टैग लाइन “हम एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे” भी सामने रखी गई और बताया गया सभी अपने सुझाव कल 18 जुलाई को होने वाली फॉर्मल बैठक में रखे जिसमें सभी मुद्दों और सुझावों को अंतिम रूप दिया जा सके। इस इनफॉर्मल मीटिंग के बाद सभी नेताओं को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की तरफ से ताज वेस्ट एंड होटल में डिनर पर इनवाइट किया गया।
कांग्रेस के मुताबिक इसमें 26 राजनेतिक दलों के नेता शामिल हुए। जिसमें जेडीयू नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अध्यक्ष ललन सिंह आरजेडी नेता लालूप्रसाद यादव डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव टीएमसी नेता एवं मुख्यमत्री ममता बनर्जी, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री भगवंत मान संजय सिंह, जेएमएम नेता एवं मुख्यमत्री हेमंत सोरेन सपा प्रमुख अखिलेश यादव शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे डीएमके नेता एवं मुख्यमंत्री एमके स्टालिन टीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला सीपीआई के डी राजा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रमुख रूप से मोजूद रहे। बताया जाता है एनसीपी नेता शरद पवार मंगलवार को होने वाली बैठक में शामिल होंगे।
जो खबरें सामने आ रही है उसके मुताबिक 18 जुलाई को होने वाली बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, राज्यवार गठबंधन संसदीय सीट की शेयरिंग पर विचार विमर्श होने के साथ ही विपक्षी पार्टियों की इस एकजुटता के महागठबंधन को एक नया नाम देने पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा सभी दलों के समन्वय अर्थात कोर्डिनेशन किए एक संयोजक की नियुक्ति को भी अंतिम रूप दिया जा सकता है। पिछली बैठक में महागठबंधन के संयोजक के रूप में नीतीश कुमार का नाम सामने आया था संभावना है उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है वही सोनिया गांधी एक सुलझी हुई और सीनियर नेता है साथ ही वह प्रधानमंत्री के पद की दौड़ से भी बाहर है इसलिए वह इस विपक्षी फ्रंट का चेयर पर्सन सोनिया गांधी को बनाया जा सकता है। लेकिन यह सभी संभावनाएं है अंतिम फैसला मंगलवार को विपक्षी पार्टियों की बैठक में ही होगा।