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2024 की लड़ाई, विपक्ष की 18 जुलाई को बैंगलुरू में मीटिंग, 17 को भोज, सोनिया गांधी भी होंगी शामिल, कांग्रेस के ऐलान के बाद आप का रास्ता साफ

Opposition Meeting In Patna
Opposition Meeting In Patna

नई दिल्ली, बैंगलुरू/ भाजपा के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले विपक्षी राजनेतिक दलों की 18 जुलाई को बैंगलुरू में दूसरी मीटिंग होने वाली है लेकिन इस बैठक में शिरकत करने वाले सभी दलों के नेता 17 जुलाई को ही बैंगलुरू पहुंच जाएंगे और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के द्वारा दिए जा रहे भोज में शामिल होंगे। जैसा की पहली मीटिंग जो पटना में हुई थी उसमें 15 दलों के नेता शामिल हुए थे लेकिन इस बार 9 अन्य दलों को भी इस बैठक में निमंत्रण दिया गया है इस तरह बैंगलुरू की बैठक में अब 24 दलों के नेताओं के शिरकत कराने की संभावना जताई जा रही है। वही महत्वपूर्ण बात है कांग्रेस नेता एवं यूपीए की चेयर पर्सन सोनिया गांधी भी इस बैठक में शामिल हो रही है साफ है 2019 के बाद वह एक बार फिर सक्रिय राजनीति में उतर रही है। जबकि बीजेपी के दिल्ली सरकार के खिलाफ लाए जा रहे अध्यादेश का कांग्रेस के विरोध करने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी भी बैठक में शामिल होगी अब यह भी साफ हो गया है।

मोदी सरकार के खिलाफ समूचा विपक्ष एकजुट हो गया है 23 जून को पटना में विपक्षी पार्टियों की हुई मीटिंग में 15 राजनेतिक दल शामिल हुए थे लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 9 और दलो को भी आगामी 18 जुलाई को बैंगलुरू में होने वाली बैठक में शामिल होने का न्यौता चिट्ठी भेज कर दिया है। यदि यह सभी पार्टियां 18 जुलाई को वाली विपक्ष की बैठक में शामिल होती है तो विपक्ष का कुनबा 24 पार्टियों का हो जाएगा जबकि कुछ और पार्टियों के साथ आने का दावा भी विपक्ष ने किया है।

खास बात है दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र की बीजेपी सरकार के अध्यादेश लाए जाने का कांग्रेस विरोध करेगी आज कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कान्फ्रेस में कहा जहां भी संघीय ढांचे पर हमला होगा कांग्रेस उसका पुरजोर विरोध दर्ज करेगी इस घोषणा का आप नेता राघव चड्डा ने स्वागत किया है इस तरह आम आदमी पार्टी के आने या ना आने का संशय अब खत्म हो गया है 18 जुलाई की बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप नेता अब शामिल होंगे। इस तरह पिछली बार जो 15 राजनेतिक पार्टी विपक्ष की बैठक में शामिल हुईं थी उसमें कांग्रेस जेडीयू आरजेडी समाजवादी पार्टी एनसीपी (शरद पंवार गुट) शिवसेना (उद्धव गुट) आप, नेशनल कांफ्रेस, टीडीपी, टीएमसी, सीपीआई (एम), सीपीआई, जेएमएम, डीएमके, इसके अलावा यदि 9 और राजनेतिक दल शामिल होते है तो टीडीए की ताकत 24 विपक्षी पार्टियों की हो जायेगी।

बैंगलुरू की बैठक में जिन खास मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना होगी और विचार विमर्श कर उन्हें अंतिम रूप दिया जायेगा उसमें पहला होगा गठबंधन को लीड कोन करेगा यानि इस विपक्षी गुट की अगुआई कोन करेगा और इसके लिए एक अध्यक्ष या चेयर पर्सन का चयन होना अनिवार्य है साथ ही पार्टियों को एकजुट रखने और आपसी सामंजस्य के लिए एक संयोजन का चुनाव भी करना होगा। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है लोकसभा की सीटों का बंटवारा यानि बीजेपी के कैंडीडेट के खिलाफ एक सीट पर एक कैंडीडेट का चयन, बीजेपी से वन टू वन मुकावले के लिए लोकसभा की सीटों के इस बंटवारे का क्या फार्मूला होगा, जिससे लोकसभा चुनाव में एक संसदीय क्षेत्र में विपक्ष की एक पार्टी का एक मजबूत प्रत्याशी बीजेपी कैंडिडेट के सामने हो और बाकी दल जो उस प्रदेश में अपना कुछ ना कुछ प्रभुत्व रखते है वह उस प्रत्याशी को जिताने के लिए अपना पूरा जोर लगाएं। प्रत्याशी चयन के दौरान सभी पार्टियां संतुष्ट हो और उनमें कोई दरार पैदा न हो और एकजुट होकर मिलकर चुनाव में उतरे।

इसके बाद आता है विपक्ष के बीजेपी की मोदी सरकार के खिलाफ क्या मुद्दे होंगे और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का डाटा तैयार करना इसपर सभी पार्टियों के सुझाव के अनुसार अंतिम फैसला लिया जा सकता हैं।

Tags : Politics
Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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