श्योपुर/ पालपुर कूनो अभ्यारण में एक शावक चीते की मौत हो गई इससे पहले तीन वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है इस तरह शावक सहित चार चीतों की मौत से सेंचुरी में इन चीतों की देखरेख करने वाली टीम की कार्यविधि सबालो के घेरे में आ गई हैं।
मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को 4 शावकों को जन्म दिया था उसमें से एक शावक की मौत हो गई है वन महकमे के प्रमुख वन संरक्षक जेएस चौहान ने शावक की मौत की पुष्टि की है उन्होंने बताया कि चार में से एक शावक जन्म से ही कमजोर था आज इनपर निगरानी रखने वाली टीम ने देखा कि वह अपना सिर उठाने की कोशिश कर रहा था यह देखकर टीम के कर्मचारी उसे अस्पताल ले गए लेकिन कुछ समय बाद ही उसने दम तोड़ दिया। फिलहाल इसकी मौत के कारणों का पता नही चला हैं।
जैसा कि 17 सितंबर को नामीबिया से आए 8 चीतों को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्म दिन के मौके पर पालपुर कूनो अभ्यारण में रिलीज किया था इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीते और कूनो अभ्यारण में छोड़े गए थे लेकिन इन चार शावकों के जन्म से दो दिन पहले साशा नाम की मादा चीता किडनी इन्फेक्शन से मर गई उसे बाद उदय नामक नर और दक्षा नाम की मादा चीता चल बसी इस तरह अब पालपुर कूनो अभ्यारण में तीन शावकों सहित 20 चीते रह गए है।
प्रमुख वन संरक्षक ने इस शावक की मौत का कारण कमजोरी बताया है साथ ही उनका कहना यह भी है कि वह जन्म से ही कमजोर था सबाल उठते है कि जब फॉरेस्ट टीम को इसकी जानकारी थी फिर उन्होंने उसकी सेहत में सुधार के प्रयास क्यों नहीं किए यदि समय रहते उसे इलाज मिलता तो वह स्वस्थ्य हो जाता और कमजोरी के कारण उसकी मौत नही होती।