नई दिल्ली/ विशेष सत्र की शुरूआत के साथ आज वर्तमान संसद भवन को अलविदा कह दिया गया अब कल से लोकसभा और राज्यसभा नए संसद भवन में लगेगी। विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुराने संसद भवन की महान लोकतांत्रिक परंपरा और इतिहास को याद करते हुए पंडित नेहरू से लेकर अटलबिहारी बाजपेई तक के कार्यकाल और उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया। जबकि इस मौके पर विपक्ष ने खुलकर मोदी सरकार को घेरने से परहेज नहीं किया साथ ही इस विशेष सत्र में कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल लाने की मांग भी की। लेकिन इस दौरान सरकार ने 5 दिन तक चलने वाले इस विशेष सत्र के एजेंडा का खुलासा नहीं किया बताया जाता है सरकार ने केबिनेट की मीटिंग बुलाई है संभावना है उसके बाद एजेंडा और इसमें लाए जाने वाले बिल का पता चल सकता है।
लोकसभा में आयोजित विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि संसद के पिछले 75 साल प्रेरक पल है इस संसद भवन ने अनेक उतार चढ़ाव देखे हैं और सदन में कई सपने भी साकार हुए अब हम नई संसद में जाने वाले है यह संसद हमारी सांझा विरासत है जिसमें आत्मा की आवाज गूंजती है लेकिन अब ऐतिहासिक निर्णयों का वक्त है नए उत्साह नई ऊर्जा नए विश्वास के साथ नई संसद में प्रवेश करेंगे और 2047 तक देश को डेवलप कंट्री बनाएंगे उन्होंने कहा रोने धोने के लिए बहुत समय होता है लेकिन यह सत्र छोटा है और यह ऐतिहासिक निर्णयों का सत्र है सभी से अनुरोध है कि इस सत्र को ज्यादा समय दे।
पीएम मोदी ने कहा कि इस संसद ने पंडित नेहरू लालबहादुर शास्त्री इंदिरा गांधी अटल बिहारी बाजपेई सहित अन्य प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल भी देखा जिन्होंने देश को समृद्ध किया साथ ही इस दौरान स्पीकर पत्रकार और अन्य सभी का अहम योगदान रहा। इस दौरान देश ने तीन पीएम को भी खोया। यह संसद उनकी गौरवगाथा का प्रतीक है। पीएम ने कहा इसी के साथ संसद ने आपात काल देखा तो संसद पर आतंकी हमला भी देखा जो हमारी आत्मा पर हमला था। उन्होंने कहा आज तक इस संसद ने साढ़े सात हजार पुरुष सांसदों ने और केवल 600 महिला सांसदों ने हिस्सेदारी की है जो अहम है। पीएम मोदी ने कहा आज हर तरफ भारत की उपलब्धि की चर्चा है वह चाहे धारा 370 हटाना हो, चंद्रयान 3 की लैंडिंग हो या जी 20 में भारत की सफल अध्यक्षता भारत आज विश्व में एक खास जगह रखता है।
राज्यसभा में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा प्रधानमंत्री रहते अटल बिहारी वाजपेई ने 21 बार और मनमोहन सिंह ने 38 बार संसद को संबोधित किया लेकिन पिछले 9 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल 2 बार संबोधित किया उन्होंने कहा पीएम मोदी जब भी आते है इवेंट बनाने आते है यह हमारे देश का लोकतंत्र है उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू कहते थे कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए विपक्ष जा मजबूत होना भी जरूरी है जो हरेक सांसद की बात ध्यान से सुनते है। लेकिन यदि विपक्ष किसी मुद्दे पर सरकार की आलोचना करता है तो विपक्षी नेताओं के पीछे ईडी सीबीआई लगा दी जाती है मजबूत व्यवस्था का ना होने का मतलब व्यवस्था में खामियां है उन्होंने कहा जो नेता बीजेपी में शामिल हो जाते है वह उनकी वाशिंग मशीन से निकल कर पाक साफ हो जाते हैं उनके साथ बैठे दिखाई देते हैं।
जबकि संसद में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा विशेष सत्र एक बड़े मुद्दे को लेकर आहूत किया जाता है लेकिन सरकार ने इसके शेषन को खिचड़ी बना दिया है चौधरी ने कहा हमारी संसद की विरासत ऐतिहासिक है पिछले सालों में कांग्रेस सरकार जनहित के कई बिल लाई और नरेगा, सूचना का अधिकार, पंचायती राज और फूड बिल ऐतिहासिक रहे। उन्होंने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी के प्रयासों से संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया था इस बिल को विशेष सत्र में पास कराने के लिए सदन में लाया जाएं कांग्रेस यह मांग करती हैं।