ग्वालियर– ग्वालियर के जीवाजी विश्वविधालय में नये कुलपति के चुनाव से पहले तलवारे खिच गई है विश्वविधालय के प्रोफेसर ने वर्तमान कुलपति संगीता शुक्ला के पहले और अब के चयन में गडबडियों के आरोप लगाये है। उनका आरोप है कि कुलपति संगीता शुक्ला को 2013 में नियम विरूद्ध तरीके से कुलपति बनाया गया था। इस बारे में उन्होनें सर्च कमेटी के छह सदस्यो को नेाटिस भेजा है।
इनमें कुलाधिपति मुख्य सचिव यूजीसी के सचिव और रिटायर्ड जज शीला खन्ना सहित दो प्रोफेसर शामिल है। आरोप लगाने वाले प्रोफेसर का आरोप है कि पूर्व में संगीता शुक्ला को दस साल के अनुभव के बिना कुलसचिव बनाया गया था जो पूर्व में सर्च कमेटी थी वही कमेटी के कुछ सदस्य फिर रिपीट हो रहे है। जिससे उन्हें कुलपति के चयन में गडबडी का आंदेशा लग रहा है। इस मामले में कुलपति ने साफ किया है कि उनका चयन नियमों के दायरे में किया गया था। सदस्य भी कमेटी में एक या दो बार अधिक लिये जा सकते है।
विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान प्रो. एपीएस चैहान का आरोप है कि मैने नोटिस दिया है, उनका चयन नियमों के खिलाफ हुआ था 10 साल का अनुभव होना चाहिए, लेकिन कुलपति शुक्ला को 8 साल का ही अनुभव है नियमों को अनदेखी की है, मैनें इसलिए नोटिस दिया है, सर्च कमेटी के लोगों को। उधर जीवाजी विश्वविधालय की कुलपति संगीता शुक्ला ने कहा कि आरोप लगाने वाले पीएस चैहान हमारे आदरणीय है, अगर उनको अपत्ति है, तो चैलेंज करना चाहिए अगर कमेटी को लेकर अपत्ति है, तो शिकायत करना चाहिए।