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ग्वालियरमध्य प्रदेश

त्रियोदशी ना कर कोरोना संकट से जूझ रहे मूक बघिर बच्चों के परिवारों को दिया राशन का सहारा

  • त्रियोदशी ना कर कोरोना संकट से जूझ रहे मूक बघिर बच्चों के परिवारों को दिया राशन का सहारा

ग्वालियर – कोरोना की वैश्विक महामारी हर व्यक्ति को प्रभावित कर रही हैं और सबसे ज्यादा परेशान वो है, जो रोज गड्ढा खोदते है, और फिर रोजमर्रा की जरूरतें पूरा करते है तो कुछ ऐसे जो दूसरों की दया और प्रशासनिक इंतजामातो के निगहबान हैं।

ऐसे में कभी कभी कुछ आशाओं की किरण भी दिखाई दे जाती है मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक ऐसा ही माजरा देखने को मिला।

ग्वालियर में एक व्यक्ति ने अपनी मां के देहांत के बाद उनकी त्रयोदशी पर लंबा छोड़ा खर्चा ना करते हुए, उस राशि से खाद्यान्न खरीदकर इन मूक बधिर बच्चों के गरीब और परेशान परिवारों को वितरित किया है।

उनका मानना है कि त्रयोदशी की जगह गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को थोड़ी बहुत मदद करना कहीं ज्यादा बेहतर है ।क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन लगा हुआ है और गरीब एवं मजदूर तबका आर्थिक स्थिति से बेहद परेशान हैं ।

इस वर्ग के लोगों को कुछ राहत देने से उनकी मां की आत्मा को शांति मिलेगी ऐसा उन्हें विश्वास है। दरअसल राकेश पांडे की मां श्रीमती देवी का 10 मई को देहांत हो गया था ।बुधवार को उनकी तेरहवीं आयोजित की जाना थी। लेकिन उन्होंने ग्वालियर के आंग्रे बाजार स्थित मूक बधिर संस्था में रह रहे बच्चों और उनके अभिभावकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया है।

मूक बधिर संस्था में पहली से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चे पढ़ते हैं। जिनकी संख्या लगभग 50 के करीब है इन छात्रों को साइन लैंग्वेज के जरिए उन्हें पढ़ाई कराई जाती है। इस काम में उनके नजदीकी रिश्तेदारों और डाइट से रिटायर्ड श्री दीक्षित जी ने विशेष प्रोत्साहन दिया है।

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