ग्वालियर- हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बलात्कार के एक मामले में 10 महीने तक अभियोजन की तरफ से कोई कार्यवाई नहीं करने पर निचली अदालत के पीठासीन अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है..साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि तीन महीने में इस मामले की ट्रायल शुरु करें और हर 15 दिन में रजिस्ट्रार ऑफिस को मामले की प्रगति से अवगत करायें..दरअसल ग्वालियर के मुरार इलाके में मार्च 2016 में एक महिला के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी इस मामले में इमरत सिंह नामक युवक को भी गिरफ्तार किया गया था जो 30 मार्च 2016 से जेल में है लेकिन अभियोजन की कार्यवाई अब तक शुरु नहीं हो सकी है इस मामले में पीडित महिला के बयान भी दर्ज नहीं कराये गये हैं। कोर्ट में जब इमरत सिंह की जमानत याचिका का आवेदन लगा तो हाईकोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि बलात्कार जैसे गंभीर मामले में अभियोजन की इतनी लचर गति किस कारण अपनाई जा रही है क्योंकि इस मामले में आरोपी लगभग एक साल से जेल में बंद है यदि अभियोजन अपनी कहानी को सिद्ध करने में असफल रहता है तो आरोपी इमरत द्वारा जेल में बिताये हुए समय की भरपाई कैसे होगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आरोपी इमरत सिंह का जमानत आवेदन खारिज कर दिया है और तीन महिने बाद ही विचार करने के निर्देश दिए है।
गैंग रेप का मामला, एक साल बाद भी अदालती कार्रवाई शुरू नही, हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट से मांगा जवाब
