- नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
- भाजपा के सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम की ली शपथ।
पटना – बिहार के मुख्यमंत्री के रूप मे आज सुबह नीतीश कुमार ने शपथ ली वही भाजपा के नेता सुशील मोदी ने उपमुख्यमन्त्री पद की शपथ ली,राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई,इस तरह 20 माह मे महागठ्बन्धन टूट गया और 4 साल बाद बिहार मै फ़िर से एन डीए की सरकार काबिज हो गई है।
नितीश कुमार छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने है पहली बार सन 2000 मे भाजपा के सहयोग से उनकी सरकार बनी थी पर सिर्फ़ एक सप्ताह मे वे सत्ता से हट गये, 2014 मे महागठ्बन्धन की सरकार मै उनके साथ जेडीयू, कांग्रेस थी इन्होने मिलकर बिहार मे सरकार बनाई थी परंतु उसका हश्र भी बुरा हुआ और केवल 20 महिने यह महागठबन्धन की सरकार चली, इस बीच नीतीश कुमार ने 2005 मे भी भाजपा के समर्थन से बिहार मै सरकार बनाई थी, और 2013 मे मोदी और भाजपा पर साम्प्रदायिक होने का आरोप लगाकर उन्होने उनका साथ छोड़ दिया था।
राज्यपाल ने नीतीश कुमार को बहुमत सिद्ध करने के लिये दो दिन का वक्त दिया है साथ ही परसो ही मन्त्रीमन्डल के गठ्न की भी संभावना है। काग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया मै कहा है कि, नीतीश कुमार ने हमे ही नही बिहार की जनता को भी धोखा दिया है ,जनता ने उन्हें साम्र्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ़ मैन्डेड दिया था, लेकिन वे उन्ही के साथ मिल गये, राहुल ने यह भी कहा कि भारत की राजनीति मै यही बात गलत है कि ना कोई नियम है ना किसी की क्रेडीविलटी है अपने व्यक्तिगत स्वार्थो के लिये कोई कुछ भी समझोता कर सकता है, नीतीश से मुलाकात के सवाल पर उन्होने कहा कि मैने कुछ वक्त मांगा था पर उन्होने इंतजार नही किया, राहुल ने यह आरोप भी लगाया कि पिछले तीन माह से उनकी पार्टी को मालूम था कि उनकी भाजपा के साथ खिचड़ी पक रही है।
इधर आरजेडी इस मामले मै हमलावर बनी हूई है, प्रवक्ता नवल किशोर का कहना है कि, नीतीश कुमार ने कहा था कि मिट जायेंगे पर भाजपा के साथ नही जायेंगे, पर आज उन्होने गरीब दलित विरोधी सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ मिला लिया उनकी नैतिकता अब कहा चली गई, आरजेडी नेता ने आरोप लगाया कि विशालतम पार्टी होने के नाते राज्यपाल को सरकार बनाने के लिये पहले हमे बुलाना था आज सुबह 11 बजे का समय भी दिया परन्तु ऐसी क्या मजबूरी थी कि आनन फ़ानन पहले ही नीतीश कुमार को शपथ दिला दी गई, इसके खिलाफ़ आरजेडी जनता के बीच जायेगी।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नीतीश कुमार की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि,बिहार की जनता ने भाजपा और संघ के खिलाफ़ नीतीश को चुना था, परन्तु रातो रात भाजपा के साथ आकर उन्होने दोबारा शपथ भी ले ली एसी क्या जल्दी थी समझ से परे है, उन्होने केसरी प्रसाद त्रिपाठी को भाजपा का गवर्नर बताते हुए आरोप लगाया कि राज्यपाल ने सहकारिया कमीशन और संविधान का उल्लंघन किया है चूकि सदन मै बड़ी पार्टी आरजेडी है इसलिए उसे पहले मौका देना था। दिग्विजय ने राजनैतिक आदर्श और नैतिकता का हवाला देते हुए कहा कि नीतीश गांधी, लोहिया और जयप्रकाश नारायण की नीतियो से आज हट गये है।
इस घटनाक्रम पर जे डी यू की प्रतक्रिया भी आई है के.सी. त्यागी ने लालूप्रसाद यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके परिवार पर भ्रस्टाचार के गम्भीर आरोप लगे परन्तु उन्होने अपनी तरफ़ से सफ़ाई नही दी जिससे हमारी परेशानी बड़ गई थी इसी की बजह से यह फ़ैसला लेना पड़ा, वही साम्प्रदायिक शक्तियो के साथ जाने के सवाल को वे टाल गये उन्होने शरद यादव की नाराजगी पर कहा किवे अब नाराज नही है मेरी उनसे बातचीत होती रहती है।