- केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का कहर,
- इलाज करने वाली नर्स सहित 16 की मौत सरकार ने 11 की पुष्टि की,
- प्रदेश में अलर्ट जारी केन्द्र ने भेजी टीम
कोझिकोड / केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से मरने वालो की संख्या 16 पर पहुंच गई है जबकि प्रशासन ने 11 लोगों की मौत की पुष्टि की है इस बीमारी से ग्रस्त 9 का अस्पतालों में डॉक्टरों की विशेष देखरेख में इलाज चल रहा हैं जिसके दो लोगों की हालत गंभीर बताई जाती हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग ने 60 लोगों के खून के नमूने जांच के लिए भेजे हैं । निपाह वायरस के फ़ैलने के ख़तरे को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में एलर्ट जारी किया हैं, जबकि केन्द्रीय सरकार भी इस मामले पर नजर बनाये है और उसने एक टीम भी यहां भेजी है।
केरल का कोझिकोड जिला इस निपाह वायरस से होने वाली जानलेवा बीमारी का शिकार हो रहा है 16 लोगों की अकाल मौत के साथ प्रभावितों की तादाद बराबर बड़ती जा रही हैं।खास बात है एक परिवार के इलाज करने वाली पेरांबरा अस्पताल की 31 वर्षीय नर्स लोनी भी इस बीमारी की चपेट में आ गई और उनकी भी मौत हो गई जबकि उस परिवार के एक महिला सहित तीन लोग भी मर चुके हैं कोझीकोड सहित आस पास के इलाके में रहने बाले लोग दहशत में हैं और मरने बाले परिवार के मौहल्ले के 15 से 20 परिवार इस खौफ़ की बजह से अपने घर छोड़कर जा चुके हैं जो गम्भीर कहा जा सकता है।
यह निपाह वायरस अभी तक बंगलादेश में सक्रिय रहा हैं इसका अभी तक कोई एन्टी सीरम या टीका उपलब्ध नही हैं यहीं बजह हैं को इस सक्रमक वायरस की गिरफ़्त में आने वाले मरीजो का कोई विधिवत इलाज नहीं हो पाता केवल उन्हें गहन चिकित्सा सुविधाऑं और देखरेख के बीच ही रखा जाता हैं।
निपाह वायरस मानव शरीर को तुरंत प्रभावित करता है इसका प्राकृतिक वाहक फ़्रूट बेट्स यानि चमगादड़ हैं और संक्रमित चमगादड़ और सूअरों के सीधे सम्पर्क में आने से मनुष्यों में फ़ैलने की प्रबल सम्भावना होती हैं।जब रात्रि विचरण के दौरान चमगादड़ कोई फ़ल और खाद्य वस्तु खाता हैं और कुछ भाग गिराता है यह सक्रमित खाद्य यदि कोई पक्षी पशु या मानव खा लेता हैं तो यह निपाह वायरस इसके शरीरों में पहुँच जाता हैं जो जानलेवा प्रभाव डालता हैं।इसलिए पशु पक्षी के खाये काटे फ़ल और सब्जी खाने से बचना चाहिये।
निपाह वायरस से प्रभावित के प्रमुख लक्षणों में मरीज को तेज बुखार,सिरदर्द अॉखों में जलन,और जल्द् ही प्रभावित कोमा में चला जाता हैं इसके अलावा मरीज के भ्रमित और भुलक्कड होने के साथ उसे आलस आता है। ऐसा नही है कि निपाह वायरस भारत में पहली बार आया हैं इससे पहले 2001 और 2007 में पश्चिम बंगाल में यह बायरस फ़ैला था जिसके 2001 में 45 और 2007 में इससे 5 लोगों की मौत हो गई थी।अब इसका कहर केरल के कोझिकोड में देखा जा रहा हैं और अभी तक 16 लोग कालकलवित हो चुके हैं।
केन्द्र ने जहां इसे लेकर चिंता जताई हैं और पूरी सहायता का ऐलान किया है जबकि केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा का कहना हैं कि इस वायरस से कोई डरने की बात नहीं हैं हालत पूरे तरह काबू में हैं उनके मुताबिक प्रभावित सहित सम्भावना बाले सभी मरीजो के सेम्पल की जांच की जा रही हैं।और इस वायरस से निपटने के लिए सभी अस्पतालों को विशेष तौर पर स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित किया गया हैं और सरकार इसके लिए पूरी तरह सजग है।