श्योपुर/ मध्यप्रदेश के पालपुर कूनो नेशनल पार्क से आज फिर एक और दुखद खबर आई है नामीबिया से लाई गई मादा चीता धात्री की मौत हो गई आज सुबह उसका शव फॉरेस्ट टीम को जंगल में मिला है इस तरह 26 मार्च से अभी तक तीन शावकों सहित 9 चीतों ने दम तोड दिया है। जिससे इस चीता प्रॉजेक्ट को काफी आघात लगा है सीसीएफ असीम श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की हैं।
पहले नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्म दिवस पर 17 सितंबर 2022 को कूनो अभ्यारण में रिलीज किया था उसके बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते और आए थे इस तरह कूणो अभ्यारण में कुल 20 चीते आ गए थे।
सबसे पहले 26 मार्च 2023 को 4 साल की साशा नामकी मादा चीता ने दम तोड़ा था बताया जाता है वह जब वह लाई गई थी इससे पहले से ही वह किडनी में इन्फेक्शन से पीड़ित थी किडनी फेल होना उसकी मौत का कारण बना। अब चीतों की संख्या 19 रह गई लेकिन उसके बाद अभ्यारण में बड़ी खुशखबरी आई मादा ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया और अब अभ्यारण में यह संख्या 23 पर जा पहुंची। लेकिन 23 अप्रैल को उदय नामक नर चीते की हार्ट अटैक से मौत हो गई तब एमपी के चीफ वाईल्ड वार्डन ने बताया शॉर्ट पीएम में पता चला कि धमनियों में रक्त प्रवाह रुकने से एक तरह के दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई थी। 9 मई को मादा दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए एक नर चीते को छोड़ा गया था लेकिन आपसी हिंसक इंटरेक्शन के दौरान मेल ने पंजों से दक्षा को घायल कर दिया बाद में उसकी मौत हो गई इस तरह अब 21 चीते रह गए। उसके बाद तेज गर्मी और लू से हुए डिहाइड्रेशन के कारण 23 मई को पहले ज्वाला के एक शावक की मौत हुई उसके बाद 25 मई को दो और शावकों की मौत हो गई, इस तरह अब 1 शावक और 17 वयस्क चीते बच गए थे। लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं और 11 जुलाई को तेजस नामक नर चीता नही रहा उसकी गर्दन पर घाव से लगा कि आपसी लड़ाई में उसकी जान चली गई उसके बाद 3 दिन बाद अफ्रीका से आए मेल सूरज ने भी दम तोड दिया उसका शव 14 जुलाई की सुबह फॉरेस्ट टीम को मिला जो गंभीर घायल था बताया जाता है कि सूरज की तेजस से हिंसक झड़प हुई थी जिसमें दोनों ही बुरी तरह से घायल हुए थे। तीन दिन में दो चीतों की मौत के बाद कूनो में अब एक शावक सहित 16 चीते बचे थे।
कूनो सेंचुरी में चीतों पर नजर रखने वाली टीम को मादा चीता की दो दिन से लोकेशन नही मिल रही थी लेकिन आज सुबह वन विभाग की टीम को नामीबिया से लाई गई मादा चीता धात्री (टिबलिस) का शव जंगल में मिला ,जिसके शव को फॉरेस्ट अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जिससे उसकी मौत की सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी ।इस तरह अभी तक 3 शावकों और 6 वयस्क यानि 9 चीतों की मौत हो चुकी है और अब एक शावक और 14 वयस्क चीतों सहित कूनो नेशनल पार्क में कुल 15 चीते बचे हैं।
जैसा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने लगातार हो रही चीतों की मौत पर चिंता जताई थी कोर्ट ने 20 जुलाई को केंद्र सरकार से कहा था कि राजनीति से परे उठकर इन बचे हुए चीतों को राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए क्यों नहीं आप राजस्थान में कोई उनके अनुकूल जगह नहीं ढूंढते? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) की सरकार है इसका मतलब यह नहीं कि आप इस प्रस्ताव पर विचार ही ना करें, उच्चतम अदालत ने यह भी कहा था कि नामीबिया और अफ्रीका से लाएं गए 40 फीसदी चीतों की मौत हो चुकी है जबकि इन्हे भारत में लाएं एक साल भी पूरा नहीं हुआ मौतों का यह आंकड़ा ठीक नहीं है। जबकि एक दिन पहले ही एटीसी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा कि कूनो नेशनल पार्क से चीतों को शिफ्ट नहीं किया जायेगा।