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ग्वालियर के विकास को नई गति देने की कवायद तेज,
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जीडीए और साडा को मर्ज कर बनेगा नया प्राधिकरण
ग्वालियर – ग्वालियर को एनसीआर से जोड़ने और उसके चहुँमुखी विकास और सर्व सुविधायुक्त बनाने के मद्देनजर नया प्राधिकरण जल्द गठित होगा। शासन स्तर पर इसकी कवायद शुरू ही गई है।
जानकारी के मुताबिक इसके लिये जल्द मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के ग्वालियर विकास प्राधिकरण (जीडीए) और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) का विलय कर नया प्राधिकरण बनाने की तैयारिया तेज हो गई है। सरकार ने इसके लिए स्थानीय अधिकारियों से नगर निगम सीमा क्षेत्र और साडा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के साथ ही उपलब्ध सुविधओं, प्रस्तावित योजनों की जानकारी सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। विलय का प्रस्ताव दिसंबर 2018 में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संयुक्त संचालक वी के शर्मा ने शासन को भेजा था।
इस पर शासन ने नगरीय एवं आवास विकास विभाग रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। दोनों प्राधिकरणों का विलय होने से एनसीआर के बड़े प्रोजेक्ट को शहर में लाना आसान होगा। चंबल नदी से पानी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) बोर्ड से लोन लेने के लिए दो साल पहले पूरे ग्वालियर शहर को एनसीआर में शामिल किया गया था।
इससे पूरा शहर काउंटर मैग्नेट सिटी के तौर पर एनसीआर में दर्ज हो गया। उसके बाद से साडा और जीडीए को मर्ज करने की चर्चा व प्रक्रिया शुरू हो गई थी। दरअसल बढ़ते आबादी के दबाव को कम करने के लिए 1992 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्राधिकरण ने ग्वालियर समेत 6 काउंटर मैग्नेट सिटी घोषित की थी।
ग्वालियर में तिघरा से पुरानी छावनी तक 30 हजार हेक्टेयर में आवासीय, व्यवसायिक क्षेत्र विकसित करने का काम शुरू हुआ। साडा ने तिघरा क्षेत्र में 5 हजार से ज्यादा प्लॉट और डुप्लेक्स भी बनाए हैं। लेकिन वहां आज तक बसाहट नही हो सकी जिससे साफ है कि यहां साडा के अंतर्गत नया ग्वालियर बसाने की योजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गई जबकि इसमें शासन की काफी बड़ी राशि लग चुकी है।