नई दिल्ली/ देश की प्रतिष्ठित नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा आज एक तरह से मखौल बन गई है पैसे दो और डॉक्टर बन जाओ, इसके पीछे एक पूरा रैकेट काम कर रहा है गजब तो तब हो गया जब जिस परीक्षा में आज तक एक या दो छात्र टॉप करते थे लेकिन 2024 में इस बार एक दो नहीं एक साथ 67 छात्रों ने टॉप कर लिया,साथ ही एक साथ 1563 परीक्षार्थियों को ग्रेस दे दिया गया। जिससे हड़कंप मच गया और इस परीक्षा को कराने वाली संस्था NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) सबालों के घेरे में आ गई।
इस घोटाले को लेकर प्रभावित छात्र छात्राएं सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन हुए। इस बीच तीन शहरों पटना गोधरा और झज्जर से 19 आरोपी और छात्र पकड़े गए तब मालूम हुआ कि पहले पेपर आउट करने वालों ने इस पेपर को लीक करके बताने और रटाने के लिए प्रति छात्र 32- 32 लाख लिए और जिसने छात्र उपलब्ध कराए उसने उनसे 40 लाख में सौदा किया। इस NEET के पेपर आउट होने से 23 लाख 81 हजार छात्र छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ होने के साथ उनकी सालों की मेहनत पर पानी फिर गया। लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री का रवैया भी काफी लचीला दिखा उन्होंने इस मामले को हल्के में लेते हुए पहले कहा कि कोई पेपर लीक नही हुआ जब दवाब पड़ा तो बोले दो जगह कुछ अनियमितताओं की शिकायत मिली है और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा। लेकिन विपक्ष शिक्षा मंत्री और मोदी सरकार पर हमलावर है।
NEET परीक्षा के लिए देश के 23 लाख 81 हजार छात्र छात्राओं ने फार्म भरे थे, जबकि 1 लाख 9 हजार 170 मेडिकल (MBBS) की सीटें है जिसमें से 56 हजार 405 सीट सरकारी मेडिकल कॉलेज मे और 52 हजार 765 सीटें निजी कॉलेजों में है इस परीक्षा के लिए देश के 571 शहरों में 4750 परीक्षा सेंटर बनाएं गए थे और NTA ने 5 मई 2024 की तारीख इसकी परीक्षा के लिए नियत की थी और 14 जून को नतीजे की तारीख निर्धारित की थी। इसकी परीक्षा में शामिल होने के जो आवेदन थे उसकी अंतिम तारीख 16 मार्च थी लेकिन उसके 24 दिन बाद NTA ने एक दिन के लिए अपनी रजिस्ट्रेशन विंडो फिर खोल दी और उस एक दिन में रिकार्ड 24 हजार 246 आवेदन भरे गए। इतनी बड़ी अनियमितता के बाद NTA प्रशासन ने फिर से लिंक खोले जाने पर तर्क दिया कि उनके पास कुछ बच्चों के आवेदन आए थे लेकिन वे समय की कमी के कारण अपना रजिस्ट्रेशन नही करा पाएं थे। जिससे संदेह होता है कि क्या ऊपर के रेंक में जो संख्या गैर अनुमानित रूप से बड़ी हैं कही ये स्पेशल छात्र इस ब्रेकेट के लाभार्थी तो नही है?
अब 3 मई को इसका खेल शुरू होता है जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता है जिसमें इस परीक्षा के पेपर लीक होने की जानकारी सार्वजनिक होती है लेकिन इस परीक्षा को कराने वाली NTA इसे अफवाह बताकर इस पर कुछ ध्यान नहीं देती और निर्धारित 5 मई को यह परीक्षा हो जाती है।
NEET परीक्षा का परिणाम जो 14 जून को आना था लेकिन वह 10 दिन पहले 4 जून को ही घोषित कर दिया जाता है जबकि इसी दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो रहे थे और पूरे देश की निगाहे इन नतीजों पर लगी थी। इस तारीख को परिणाम घोषित करना भी संदेहों को जन्म देता है। लेकिन उससे भी बड़ी बात सामने आती है कि NEET परीक्षा के नतीजे अप्रत्याशित और कमाल के सामने आते है और एक साथ 67 स्टूडेंट्स टॉप करते हैं यानि उनके टोटल 720 में से पूरे 720 नंबर आते है यानि सेंट पैरसेंट और दूसरे स्थान पर जिन्होंने टॉप किया उनके 720 में 719 नंबर रहे। जबकि NEET के इतिहास में आज तक 1 से 2 या अधिकतम तीन से ज्यादा छात्रों ने टॉप ही नही किया था। इसने एक राज और खुला NTA ने 1563 छात्र छात्राओं को 5 अंक का ग्रेस भी दे दिया और जो फेल हो रहे थे वह पास ही नही हुए बल्कि कई टॉप की सूची में भी आ गए। जबकि जो अन्य छात्र सूची में आगे आ रहे थे ग्रेस देने से वे सभी काम अंकों के साथ पीछे हो गए अर्थात जो कुल सीट संख्या है उससे वह बाहर हो गए।
इन परिणामों को लेकर परीक्षार्थियों और उनकी तैयारी कराने वाली कोचिंग के संचालकों में हड़कंप मच गया और उन्हें पूरा भरोसा था कि इस परीक्षा में कोई न कोई गड़बड़ी जरूर हुईं है और जिसका आधार वह वीडियो बनी जो परीक्षा से ठीक पहले 3 मई को सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें पेपर लीक का खुलासा किया गया था। लेकिन इसके बाद 6 मई को NTA ने एक नोटिस जारी करते हुए पेपर लीक होने से साफ इंकार कर दिया। लेकिन NEET परीक्षा का पेपर लीक होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 1 जून को याचिका लगाई गई कई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में इसमें धांधली की संभावना के मद्देनजर याचिकाएं लगाई। 8 जून को कोचिंग संचालकों ने इस परिणाम को लेकर अपनी चिंता जताई। उसके बाद छात्रों की तरफ से 9 जून को 1563 छात्रों को ग्रेस देने को चुनौती देने की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई जबकि इधर NTN ने भी 9 जून को उसे चुनौती देने वाली याचिका के खिलाफ को अपने बचाव में एक याचिका दाखिल की और उसमें बताया कि 1563 छात्र छात्राओं को 5 नम्बर का ग्रेस क्यों दिया इसमें उसने दलील दी कि कई सेंटरों पर पेपर देने में बिलंब हुआ कुछ सेंटरों पर हिंदी की जगह इंगलिश और इंग्लिश की जगह हिंदी का पेपर बांट दिया गया,कुछ में सिलेबर्स की त्रुटि बता कर अपनी सफाई दी।
सुप्रीम कोर्ट ने NEET परीक्षा के नतीजों पर रोक लगाने से पहले ही इंकार कर दिया था और इस मामले की सुनवाई करते हुए माना कि NEET की परीक्षा में ग्रेस का कोई प्रावधान नहीं है और उसने ग्रेस से पास 1563 छात्र छात्राओं के परिणाम को निरस्त करते हुए NTA को आदेश दिया कि वह इन सभी की परीक्षा दुबारा कराएं और 6 जुलाई को होने जा रही काउंसलिंग को जारी रखें। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जून की सुनवाई में केंद्रीय सरकार और NTA को नोटिस जारी करते हुए 2 हफ़्ते में इसका जबाव मांगा है और सुनवाई की अगली तारीख 8 जुलाई निर्धारित की हैं। NTA ने 13 जून को ग्रेस से पास सभी 1563 छात्रों की पुनः परीक्षा का नोटिस जारी कर दिया हैं।
लेकिन इस बीच खुलासा हुआ कि बिहार के पटना गुजरात के गोधरा और हरियाणा के झज्जर में इस परीक्षा में धांधली और पेपर लीक के तार जुड़े है पटना में पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया इसमें 4 अभ्यार्थी 6 परीक्षा माफिया और 3 परिजन शामिल है सभी को बिहार पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है इस पेपर लीक मामले में शामिल दानापुर का एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर बिहार पुलिस के हाथ आया उसने कबूला कि नीतीश कुमार और अमित आनंद उसके कार्यालय पर आए थे उन्होंने बताया कि और वह NEET परीक्षा का पेपर आउट कराते है और प्रतियोगी परीक्षार्थियों को पेपर देकर उसके जबाव भी रटवाते है और वह सभी सवाल हूबहू पेपर में आने की गारंटी होती है इसके लिए इसके बदले वह एक स्टूडेंट से 30 से 32 लाख लेंगे तब सिकंदर ने कहा कि उसके पास 4 छात्र है तब उन दोनों से मेरी डील हुई और परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई की रात को चार स्टूडेंट्स अनुराग यादव आयुष राज, शिवानंद कुमार और अभिषेक कुमार को मैने नीतीश और अमित आनंद के सुपुर्द किया और 4 मई की रात को उन्होंने पटना के खेमनीचक स्थित लर्न प्ले स्कूल में उन्हें NEET का पेपर दिया और उन्हें पेपर के सवालों के जबाव रटवाए और उन्हें ओएमआर शीट भरने की ट्रेनिंग दी गई ।दूसरे दिन 5 मई की परीक्षा में वही सवाल आए।
सिकंदर के बयान के बाद पुलिस ने तुरंत नीतीश और अमित आनंद को भी हिरासत में लिया और उन्होंने पूछताछ में बताया पुलिस को बताया कि हमने सिकंदर को जब पेपर लीक की बात बताई तो उससे हमारी 4 स्टूडेंट्स की डील हुई हमने पैसा लेकर उन चार छात्रों को पेपर दिए और तैयारी करवाई सिकंदर ने उन छात्रों से 40 – 40 लाख रूपए लिए थे। उन्होंने बताया कि परीक्षा वाले दिन 4 मई को सिकंदर गिरफ्तार हुआ और उसके बाद सिकंदर की निशानदेही पर हम सब भी गिरफ्तार कर लिए गए। नीतीश और अमित आनंद ने यह भी बताया कि जिस स्कूल में रात में हमने तैयारी कराई वहां से प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका के जले हुए अवशेष भी बरामद हो गए है।
गोधरा के सेंटर पर 27 छात्रों ने पेपर दिया लेकिन यह स्थानीय न होकर झारखंड बिहार और अन्य राज्यों के थे खुलासा हुआ कि इनसे 10 – 10 लाख रुपए लिए गए थे यहां से तुषार भट्ट और परशुराम राय सहित 5 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिनमें से एक को पुलिस ने रिमांड पर भी लिया है। पूछताछ में पेपर के बदले लेनदेन का खुलासा हुआ है। जबकि हरियाणा के झज्जर के हरदयाल स्कूल सेंटर पर 6 स्टूडेंट्स ने टॉप किया 2 की सैकेंड रेंक आई है जिन्हें ग्रेस मार्क दिए गए है जबकि यहां के प्रिंसीपल ने बताया यहां सही समय पर पेपर बांट दिए गए थे। जबकि यहीं के बहादुरगढ़ में आधा घंटे बाद दूसरा पेपर दिया गया और फिर 10 मिनट समय बढ़ाया गया लेकिन तब तक छात्र छात्राएं ओएमआर शीट भर चुके थे।
जबकि पेपर लीक और यह घोटाला सामने आने पर परीक्षा देने वाले अन्य सभी छात्र छात्राएं काफी आक्रोशित हो गए और वह NTA और सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए उनकी मांग थी कि नीट परीक्षा रद्द कर दुबारा कराई जाए। दिल्ली सहित देश के कई शहरों में उन्होंने धरना आंदोलन शुरू कर दिया छात्रों का आरोप है कि मांगने के बावजूद उन्हें प्रोटेस्ट करने की अनुमति भी प्रशासन ने नही दी और प्रदर्शन के दौरान बर्बरता बरती गई उनपर लाठी चार्ज किया गया गिरफ्तारी हुई इन छात्रों के आंदोलन ने कांग्रेस का छात्र संगठन और वामपंथी छात्र संगठन भी साथ आ गए है। छात्रों का कहना है उनका सरकार के तंत्र से अब विश्वास ही उठ गया है।
इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पहले बयान आया था कि NEET परीक्षा में किसी तरह की कोई धांधली या पेपर लीक नही हुआ है और सब कुछ ठीक है लेकिन हाल में उन्होंने कहा मुझसे कुछ विधार्थी मिलने आए थे मुझे दो जगहों पर कुछ अनियमितता होने की जानकारी मिली है मुझे लगता है NTA में सुधार की जरूरत है उन्होंने कहांदोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन उन्होंने इस पूरी परीक्षा को निरस्त करके दुबारा परीक्षा कराने के कोई संकेत नहीं दिए।
जबकि विपक्ष इस पेपर लेकर मामले को लेकर हमलावर है कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना है कि NEET घोटाला व्यापम दो है अर्थात दूसरा व्यापम घोटाला है उन्होंने कहा मोदी सरकार नीट मामले की लीपापोती करने की कोशिश कर रही है और कांग्रेस की मांग है की नीट मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जाएं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एवं राजनेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि यदि कोई तंत्र पूरा ही भ्रष्ट हो जाए तो प्रधानमंत्री की चुप्पी गलत हैं। जबकि सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा एक देश एक ही मांग निरस्त हो नीट एग्जाम। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा मोदी सरकार लाखों छात्रों का भविष्य और उनके सपनों के साथ क्यों खेल रही हैं।
लेकिन सबाल यह है कि इस NEET परीक्षा का पेपर लीक कैसे और कहा से हुआ और उच्च स्तर पर इस घोटाले में कोन कोन शामिल है क्या उसका भी खुलासा होगा?