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ग्वालियरमध्य प्रदेश

ग्वालियर चंबल अंचल के 40 बीएड कॉलेजों को एनसीटीई का नोटिस

B.Ed college

ग्वालियर- ग्वालियर चंबल अंचल के बीएड व एमएड कॉलेजों ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को ऑनलाइन मैंडेटरी एफिडेविट सिस्टम के तहत जानकारी नहीं दी है। ऐसे कॉलेजों की मान्यता खत्म करने के लिए एनसीटीई अधिनियम 1933 की धारा 17 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अंचल के ऐसे कॉलेजों की संख्या 40 से अधिक है, जिन्हें नोटिस जारी हुए हैं। कॉलेजों से नोटिस का जवाब 23 अक्टूबर तक एनसीटीई ने मांगा है।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानि की एनसीटीई ने बीएड कॉलेजों को नोटिस जारी कर मैंडेटरी एफिडेविट सिस्टम के तहत जानकारी मांगी थी। जानकारी ऑनलाइन भरना थी। जिसमें तीन साल के दौरान एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या, जॉब पाने वाले छात्रों की संख्या, शिक्षक व अन्य स्टाफ के साथ लैब व लाइब्रेरी की जानकारी शामिल थी। लेकिन अंचल के 180 बीएड कॉलेजों में से अधिकांश ने यह जानकारी नहीं दी। जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शांतिदेव सिसौदिया का कहना है कि एनसीटीई ने ऑनलाइन मैंडेटरी एफिडेविट सिस्टम के तहत जानकारी नहीं दी है। ऐसे कॉलेजों की मान्यता खत्म करने के लिए एनसीटीई अधिनियम 1933 की धारा 17 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अंचल के 40 से ज्यादा कॉलेज इसमें शामिल है।

जो जानकारी नही दे रहे है, ऐसे में उनकी मान्यता खत्म कर दी जाएंगी। वहीं चंबल अंचल के बीएड ओर एमएड कॉलेज संचालकों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानि की एनसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाकर बीएड कॉलेजों को नोटिस जारी कर कार्रवाई कर रही है। सभी एनसीटीई के नोटिस को न्यायालय में चुनौती देंगे। क्योंकि एनसीटीई ने पहले क्यूसीआई से ग्रेडेशन के नाम पर ऐसी ही जानकारी मांगी थी। लेकिन कॉलेजों ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इससे कोर्ट ने स्टे दे दिया। अब नाम बदलकर मैंडेटरी एफिडेविट के नाम पर जानकारी मांगी गई है इसलिए कॉलेजों ने जानकारी नहीं दी। जिस पर कॉलेज संचालक कोर्ट में चुनौती देने के लिए याचिका दायर कर चुके हैं।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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