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देशभोपाल

म.प्र. में हुए स्थानीय निकाय चुनावो में शह मात का खेल, कुल 43 में 25 पर भाजपा तो 15 पर कांग्रेस का कब्जा, 3 निर्दलीय जीते

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भोपाल- मध्यप्रदेश में 11 अगस्त को हुये नगर पालिका उपचुनाव के आज नतीजे आ गये है। जिनसे भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओ की साख पर असर पड़ना लाजमी है, कुल 43 नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में 25 पर भाजपा ने कब्जा जमाया है तो 15 स्थानो पर कांग्रेस ने फ़तह हासिल की है। परंतु तीन जगह निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे है, खास बात है भाजपा को 2 सीटो का नुकसान तो कांग्रेस को 4 सीटो का फ़ायदा हुआ है।

भाजपा ने डबरा, कैलारस डिन्डोरी, भीकनगाँव, मंडलेश्वर थान्डला, पैटलावद, भावरा, नेपानगर, चिचोली, नैनपुर, पाली ब्रह्मनी बंजर, बिछिया, जोबर, राणा पुर, छनेरा, बुडा़रा, जैतवारा आठनेर, हर्रई, जयसिंह नगर, बिजुरी, शहडोल में जीत हासिल की है। वही कांग्रेस अलीराजपुर, झाबुआ, गाडरवाला, शमशाबाद्, मन्डला, सैलाना, मोहगाँव, शाहपुरा, निवास जुन्नारदेव्, महेश्वर्, सनावद, सोसर, बेहर्, दमुआ, में विजयी रही है। इसके साथ ही लखनादौन, पाँढुर्णा और सारणी में निर्दलीय प्रत्याशी जीते है।

सिवनी के लखनादौन में निर्दलीय प्रत्याशी जितेंद्र राय ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल करके नगर परिषद के अध्यक्ष बने है यहा भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झौकी थी। लेकिन यहा भाजपा और कांग्रेस दोनो पार्टियो के प्रत्याशियो को करारी हार मिली है वही छिदवाडा में कांग्रेस और कमलनाथ का प्रभाव अभी भी कायम दिखा क्योकि यहा की 6 नगर पालिका और नगर परिषद में से 4 पर कांग्रेस ने फ़तह हासिल की है तो 1 पर भाजपा और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। इस तरह भाजपा यहा कमलनाथ के खैमे में सैध लगाने में नाकामयाब रही, इधर झाबुआ, और मन्डला क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवारो की विजय से कान्तीलाल भूरिया का प्रभाव बरकरार रहा है।

परन्तु ग्वालियर की डबरा नगर पालिका और मुरैना की नगर परिषद कैलारस सीट पर भाजपा प्रत्याशी क्रमशः आरती मोर्य और अंजना बन्सल की जीत से भाजपा उत्साहित है कारण आजादी के बाद पहली बार यहाँ भाजपा ने अपना परचम लहराया है। खास बात है यह कांग्रेस नेता ज्योतरादित्य सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र है भाजपा की विजय से कांग्रेस को कही ना कही नुकसान जरूर हुआ है।यदि कुल मिलाकर कहा जाये तो स्थानीय निकायो के नतीजे मिले जुले कहे जा सकते है।

भाजपा और कांग्रेस ने एक दूसरे के इलाको में सैध लगाने का काम किया जरूर है परंतु उन्हे जितनी आशा थी खासकर भाजपा को परन्तु वह सत्ता में होने के बावजूद उतनी कामयाब नही रही कारण कांग्रेस ने भी अपने प्रभुत्व वाले इलाको में पूरी दमखम लगा दी जिससे भाजपा ज्यादा कुछ नही कर सकी लेकिन डबरा और कैलारस की जीत भाजपा के लिये जरूर महत्वपूर्ण कही जा सकती है।लेकिन जो जीत हार के आँकड़े सामने आये है उसके मुताबिक भाजपा पहले 27 जगह काबिज थी लेकिन 2 सीटो का उसे नुकसान हुआ है वही कांग्रेस ने चार ज्यादा सीटो पर कब्जा जमाकर भाजपा को इस चुनाव में कुछ पीछे धकेलने का काम जरूर किया है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नन्द्कुमार सिंह चोहान के लिये चिन्ता का कारण जरूर है। जिन्हे 2018 में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव मै मुकाबला करना है।

 

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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