नई दिल्ली/ 5 दिन में देश में इंडिगो की 2600 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हुई नागरिक उड्डयन निदेशालय (DGCA) के निर्देश के बाद शनिवार को भी 800 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुई। इसके पीछे क्या इंडिगो की मोनोपोली जिम्मेदार है या यह क्राइसिस जानबूझकर पैदा किया गया, क्योंकि 6 महीने पहले DGCA ने नए नियम लागू किए थे जिसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया था। बावजूद इंडिगो ने तैयारी क्यों नहीं की यह सवाल है क्या जानते बूझते उसने अतिरिक्त पायलट और क्रू मेंबर्स की नियुक्ति नहीं की। अब उसे दो महीने का वक्त और दिया गया इससे क्या लगता है इंडिगो कंपनी सरकार और सम्बंधित मंत्रालय पर भारी रही DGCl के बैकफुट पर आने से तो यही लगता है।
एयरपोर्ट पर 5 दिन अफरा तफरी, कोई सुनने वाला नहीं,रो दिए कई यात्री –
पिछले 5 दिन हवाई यात्रियों पर काफी भारी रहे दिल्ली मुंबई सहित देश के सभी प्रमुख शहरों के एयरपोर्ट से उड़ने वाली इंडिगो एयरलाइंस की सभी फ्लाइट्स कैंसिल रही पहले दिन 3 दिसंबर को 200 फ्लाइट, 4 दिसंबर को 600 फ्लाइट 5 दिसंबर को 1000 फ्लाइट और शनिवार 6 दिसंबर को 800 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द रही इन 2600 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल होने से करीब 4 लाख 83 हजार 600 यात्री प्रभावित रहे, खबर यह है कि रविवार 7 नवंबर को भी इंडिगो की करीब 650 फ्लाइट रद्द रही। क्योंकि एयरबस ए320 में एक समय में कमोवेश 186 यात्री सफर करते है इन सभी एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ मौजूद देखी गई जिसमें बच्चे युवा महिलाएं और सीनियर सिटीजन सभी थे बड़ी डराने वाली स्थिति देखी गई अफरा तफरी के साथ कोई रो रहा था कोई बिलख रहा था कोई चीख रहा था कुछ इंडिगो के काउंटर पर चढ़कर चीख चिल्ला रहे थे सभी भारी गुस्से में थे। इन यात्रियों में कोई बीमार था जिसे परिजन इलाज के लिए ले जा रहे थे, कोई शादी में जा रहा था कुछ विवाहित जोड़े शादी के बाद अपने रिसेप्शन में घर जा रहे थे कोई रिश्तेदारी में मरने में होने जा रहा था तो खिलाड़ियों की टीम खेलने जा रही थी बड़ी ही अजब गजब स्थिति थी कि इन्हें कोई कुछ बताने वाला या इन पैसेंजर्स की कोई खैर खबर लेने वाला नहीं था कि आगे क्या होगा लोगो का लगेज कहा है एयरपोर्ट पर खाने पीने सोने का कोई इंतजाम नहीं था सब कुछ भगवान भरोसे था। यात्रियों का कहना था जब उड़ान ही रद्द कर दी गई तो हमें हवाई यात्रा के लिए एयरपोर्ट आने का मैसेज क्यों दिया गया यहां आकर तो हम बुरी तरह से फंस गए।
240 विमान यात्रियों की मौत के बाद जागा नागरिक उड्डयन निदेशालय –
बताया जाता है 2019 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान यात्रियों के लिए एक चार्टर्ड प्लान लागू किया था लेकिन उसका आजतक पता नहीं चला कि उसका क्या हुआ। उसके बाद 2022 में DGCA ने नए नियम लागू किए थे जिसमें पायलट की उड़ान की समय सीमा निर्धारित की गई थी पहले जहां एक पायलट खासकर रात में 6 प्लेन उड़ाता था उसे सुरक्षा की दृष्टि से 2 उड़ान भरने की ही अनुमति दी गई पहले एक पायलट 10 से 12 घंटे की ड्यूटी देता था उसे घटाकर अधिकतम 10 घंटे किया गया लेकिन एयरलाइंस कंपनी ने इसकी पूर्व तैयारियों पर कोई ध्यान नहीं दिया न ही नए पायलटों की नियुक्ति की गई न स्टॉफ बढ़ाया बह पुराने ढर्रे पर ही चलता रहा। लेकिन 6 महीने पहले जब अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट के क्रेश होने और इसमें 240 यात्रियों की दर्दनाक असामयिक मौत के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय नींद से जागा और उसे हवाई यात्रियों की सुरक्षा और नए नियमों का ध्यान आया, उसने एयरलाइंस खासकर इंडिगो को जिसपर देश की एयरलाइंस की 64 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है को नए नियमों को लागू करने के आदेश फिर से जारी किए लेकिन लगता है इंडिगो ने सरकार और मंत्रालय के आदेश को अमली जामा नहीं पहनाया। और पिछले दिनों पायलट और स्टॉफ की कमी बताकर इन फ्लाइट्स को रद्द करना शुरू कर दिया लेकिन क्या उसके पास जो पायलट थे उसने उन्हें भी उड़ान भरने की मंजूरी नहीं दी ऐसा इंडिगो के प्रशासन ने क्यों किया यह समझ से परे है नहीं तो कुछ फ्लाइट तो उड़ान भर सकती थी पर इंडिगो की सभी फ्लाइट्स कैंसिल क्यों हुई यह बड़ा सवाल है।
DGCA ने कौन से बनाए नियम जिन्हें दो चरणों में किया लागू
जैसा कि DGCA ने जुलाई 2025 में पायलटों और बाकी क्रू मेंबरों के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किया था जिसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDCL) नाम दिया था इन्हें दो चरणों में लागू किया जाना था pahla चरण 1 जुलाई से लागू हुआ था। वही दूसरा चरण 1 नवंबर से लागू हुआ था नए नियमों में नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलट्स और क्रू मेंबर को पर्याप्त आराम देने पर जोर दिया गया था।
DGCA के नए नियमों में क्या विशेष –
1.साप्ताहिक आराम – सप्ताह में 48 घंटे का विकली रेस्ट
2.नाइट ड्यूटी – नाइट ड्यूटी जो पहले सुबह 5 बजे तक थी अब रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक शिफ्ट में
A.नाइट लैंडिंग पर लिमिट- पहले पायलट 6 लैंडिंग करते थे अब केवल 2 की इजाजत
B.लगातार नाईट शिफ्ट पर रोक – नाइट शिफ्ट में लगातार दो रातों से ज्यादा ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती
C.फ्लाइट ड्यूटी पीरियादिमित – प्री फ्लाइट और पोस्ट फ्लाइट में अतिरिक्त 1 घंटे से अधिक काम पर प्रतिबंध
D.लंबी उड़ानों के बाद रेस्ट – कनाडा, US जैसी लंबी दूरी की उड़ानों के बाद पायलट को 24 घंटे का रेस्ट
इंडिगो की लापरवाही क्या हुआ असर –
– पायलट और क्रू मेंबर्स की कमी हो गई
– सभी एयरपोर्ट का फ्लाइट शेड्यूल बिगड़ा
– कई फ्लाइट रद्द हुई या काफी बिलंब से चली
– अतरिक्त भर्ती और ट्रेनिंग देना पड़ेगी
लेकिन इंडिगो ने 6 माह का वक्त मिलने के बावजूद यह इंतजाम नहीं किए न पायलट बढ़ाए न ही क्रू मेंबर की नियुक्ति की उसने नई भर्ती क्यों नहीं की यह बड़ा सवाल है।
यात्रियों को दिए ब्लैक में टिकट मनमाना बसूला किराया –
इंडिगो की फ्लाइट रद्द होने के दौरान अन्य एयर लाइंस ने खूब चांदी काटी और मजबूर और परेशान यात्रियों से मनमाना किराया बसूल किया।500 किमी की दूरी तक की जिस हवाई यात्रा पर अधिकतम 7500 ₹ लगना चाहिए उसके 20 से 30 हजार ₹ तक लिए इसी तरह 500 से 1000 किमी की यात्रा जिसके अधिकतम 12 हजार ₹ लगना चाहिए, उसके 40 से 60 हजार तक लिए , वही 1000 से 1500 किमी तक की जिस यात्रा के 15 हजार तक निर्धारित है उसके 70 से 80 हजार ₹ लिए इसी तरह 1500 किमी या उससे ऊपर की विमान यात्रा के जहां 18 हजार तक लेने थे उसकी बजाय 80 से 1 लाख ₹ की अवैध बसूली यात्रियों से की जिन्हें जरूरी था उन्होंने यह भुगता भी।
मंत्री ने जांच के लिए की हाई लेवल कमेटी गठित –
इधर नागरिक उड्डयन एवं विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए हाईलेवल कमेटी बनेगी जो जल्द जांच रिपोर्ट देगी जिससे मालूम होगा कि कहा गलती हुई और इसका कौन दोषी है उन्होंने बताया फिलहाल संबंधित अधिकारियों को भी तलब किया गया है।लेकिन खास यह भी है कि इस गंभीर मसले को लेकर सरकार की तरफ से अभी तक कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है।
FDTL इंडिगो से नियमों को नहीं करा पाई लागू? –
FDTL ने हवाई सेवाओं के लिए नए नियमों का पहला चरण जुलाई 2025 में शुरू किया और नवंबर में इसका दूसरा चरण लागू होना था लेकिन लगता है इंडिगो ने दूसरा तो दूर पहले चरण के निर्देशों को भी पूरा नहीं किया और उन्हें अनदेखा कर दिया लेकिन मंत्रालय या DGCA की तरफ से इस दौरान ध्यान क्यों नहीं दिया गया या इंडिगो से इस बारे में कोई पूछताछ क्यों नहीं की यह भी ध्यान देना जरूरी है या जानबूझकर या किसी दबाव में उसे यह छूट दी गई ऐसे अनसुलझे कई सवाल है। लेकिन गंभीर बात यह भी है कि नागरिकों को भारी परेशानी और इस कोहराम के बाद भी सरकार या DGCA इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के खिलाफ कोई दंड जुर्माना या कड़ी कार्यवाही नहीं कर रही, उल्टा उसने इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थाई राहत दे दी है जिससे वह फिलहाल अपने उसी पुराने ढर्रे पर ही काम करेगी एक तरह से उसे अभयदान दे दिया गया है।




