बड़बानी ( म. प्र.) – नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेघा पाट्कर का सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितो के सम्पूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर चिखल्दा मै शुरू हुआ आमरण अनशन आज 12 वें दिन भी जारी है और उनकी सैहत लगातार गिरती जा रही है,इधर कल शासम और प्रशासन का कोई भी नुमाइन्दा आंदोलनरत लोगो की खबर लैने नही पहुंचा,जिससे डूब प्रभावितो मै भारी गुस्सा है,जबकि हाल मै 50 से अधिक जन संगठ्नो ने मेघा के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए सरकार से जल्द मांगो को पूरा करने की चेतावनी दी है।
पिछली 27 जुलाई से नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व मै मेघा पाटकर और संगठन के 11 कार्यकर्ताओ ने चिखल्दा मै आमरण अनशन शुरू किया था उनकी प्रमुख मांग पहले डूब प्रभावित ग्रामीणो के सम्पूर्ण पुनर्वास की है परन्तु सन्गठन का आरोप है कि,सरकार की हठधर्मिता के चलते अभी तक पुनर्वास नही हुआ जबकि नर्मदा का जलस्तर बड़ता जा रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश था कि सरकार 31 जुलाई तक प्रभावितो की पुनर्वास की कार्यवाही सुनश्चित करे,जबकि मध्यप्रदेश सरकार और उसके अधिकारी ग्रामीणो को उल्टा धमकिया दे रहे है परन्तु कार्यकर्ता और प्रभावित सरकार की धमकियो से डरने वाले नही है,नर्मदा बचाओ आन्दोलन के अमूल्य निधि का कहना है कि मांगे पूरी नही होने तक आन्दोलन जारी रहेगा,और सरकार के रवैये को देखकर लगता है कि उसे अनशनकारियो के स्वास्थ्य की कोई चिंता नही है पर हम इससे घबराने वाले नही है।
परन्तु अनशन पर बैठी मेघा पाटकर की सैहत लगातार गिरती जा रही है जिससे सभी चिंतित है, बाड़ प्रभावितो के इस आंदोलन को देश के पचास से अधिक सामाजिक सन्गठनो ने अपना पूर्ण समर्थन दिया है जिससे इस आंदोलन को बल मिला वही सरकार भी दबाब मै आ सकती है।
जैसा कि,बड़बानी,धार खरगौन्,और अलीराजपुर जिले के 192 गाँव सरदार सरोवर बांध की ऊचाई बढ़ाने से डूब मै आ रहे है,और बांध का जल स्तर जैसे ही 130 मीटर पर पहुंचेगा गाँव डूब क्षेत्र मै समाने लगैन्गे चिंता का बड़ा कारण यही है कि अभी तक पुनर्वास की प्रक्रिया पूर्ण नही हो सकी है प्रशासन इस काम मै लगा जरूर है,परन्तु समय रहते उसने कार्य पूरा नही किया यह उसकी नाकामी जरूर है,जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई की डेड लाइन सरकार को दी थी।