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किसान-सरकार के बीच मैराथन बैठक, फिलहाल अनिर्णय की स्थिति, 5 दिसंबर को फिर होगी चर्चा

Narendra singh tomar in meeting
Narendra singh tomar in meeting
  • किसान – सरकार के बीच मैराथन बैठक, फिलहाल अनिर्णय की स्थिति, 5 दिसंबर को फिर होगी चर्चा…

  • किसान कृषि कानून वापस लेने और एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर अड़े…

नई दिल्ली – आज किसान संगठन और केंद्रीय सरकार के बीच चौथे दौर की चर्चा हुई जिसमें सरकार की तरफ से कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शिरकत की तो देश के विभिन्न किसान संगठनों कर तरफ से 40 किसान नेता विज्ञान भवन में होने वाली इस बैठक में शामिल हुए। लेकिन करीब आठ घंटे की इस मैराथन बैठक में फिलहाल अभी कुछ निर्णय नही निकला और 5 दिसंबर को फिर सरकार और किसान के नुमाइंदे फिर चर्चा करेंगे।

आज किसान और सरकार के बीच चौथी मर्तबा फिर चर्चा हुई यह करीब आठ घंटे की इस बैठक में अभी कोई नतीजा नही निकला है लेकिन दोनों आशान्वित जरूर है। 17 सूत्रीय मांगों को लेकर आज किसान संगठन के नेता और केंद्रीय सरकार के बीच बातचीत हुई। इससे पहले कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल गृहमंत्री अमित शाह से मिले और इस मुद्दे पर बातचीत की। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और किसानों की मांगों को लेकर उनसे सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा साथ ही उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा भी बताया।

इस बैठक के बाद कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार पूरे मन से किसानों के साथ चर्चा कर रही हैं।कुछ बिंदुओं पर किसानों को चिंता है सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं उन्होंने कहा APMC सशक्त हो सरकार इसे सुनिश्चित किया साथ ही मंडी और APMC कर को समानता के दायरे में लायेंगे। कृषिमंत्री ने कहा कि एक भ्रामक चर्चा चल रही है कि छोटे किसानों की जमीन छिन जायेगी। यह पूरी तरह निराधार है छोटे बड़े किसी भी किसान की जमीन नही जायेगी। उनके मुताबिक एमएसपी जैसी चल रही हैं चलती रहेगी और वार्ता के दौरान आये किसानों के हर मुद्दे का सरकार समाधान करेगी। कृषि मंत्री ने बताया शनिवार 5 दिसंबर को दोपहर 2 बजे किसानों के साथ फिर से बैठक होगी।

किसान संगठनों की तरफ से गुरनाम सिंह चढूनी बूटासिंह शादीपुर राकेश टिकेट शिवकुमार कक्का सहित 40 प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए। जबकि किसान नेताओं का कहना है चर्चा चल रही हैं हमने अपनी मांगे रखी है अब सरकार को सोचना है उसे क्या निर्णय लेना है हमारी पहली और अंतिम मांग यही हैं कि यह तीनों कृषि कानून सरकार बापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी को कानूनी रूप प्रदान करें। इससे कम पर हम अपना आंदोलन बापस नही लेंगे।

Tags : Farmers

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