- आरक्षण की मांग को लेकर मराठी मानुस की जंग,
- मुम्बई की सड़के केसरिया रंग मै रंगी
मुम्बई – आज मुंबई में मराठा क्रान्ति मोर्चा के बेनर तले लाखो मराठी मानुस एक मंच पर जुड़े, और महाराष्ट्र में मराठाओ को आरक्षण देने की मूक मांग की, खास था ना सियासी पार्टी, ना कोई नेता और ना ही कोई नारा ना ही कोई भाषण, पर संख्याबल की झलक एकता की पराकाष्ठा थी।
इस आंदोलन को आवाज देने के लिये केसरिया रंग को चुना गया जो क्रान्ति का परिचायक है यही वजह रही की इस रैली के प्रारम्भ स्थल भायखला से लेकर आजाद मैदान तक केसरिया झंडा, केसरिया टोपी और केसरिया शर्ट ही दिखाई दे रही थी जो मराठी अस्मिता की लडाई मै एकता के सूत्र में गुथे नजर आ रहे थे बताया जाता है महाराष्ट्र के सभी इलाको से करीब 8 से 10 लाख आये लोग इस आन्दोलन से जुड़े, जो रैली में मोन रहकर आजाद मैदान की ओर एक सैलाव की तरह आगे बड़ते जा रहे थे,
महाराष्ट्र के अलग अलग शहरो से पूर्व में आरक्षण की मांग को लेकर 57 रेलिया मराठा क्रांति मोर्चा निकाल चुका है, मुंबई में आज 58 वीं रेली आयोजित कर उसने एक तरह से मराठाओ की शक्ति से केन्द्र और राज्य सरकारो को परिचित कराया।
आजाद मैदान पर भारी जनसमुदाय देखा गया, जिसमे हर वर्ग के लोग थे गरीब मध्यम वर्गीय्, महिलाए युवा रोज मेहनत करने वाले तो टिफ़िन वाले भी थे सभी ने आज छुट्टी रखी थी उनमे शामिल लोगो का कहना था हमारी मांग 18 फ़ीसदी आरक्षण की है जिससे अच्छी शिक्षा, नोकरी मिले साथ ही किसानो के कर्ज माफ़ी की मांग भी उन्होने की।
देश के गुजरात में पटेल समाज तो हरयाणा में जाट, राजस्थान में गुर्जर, लम्बे समय से आरक्षण की मांग कर रहे है अब महाराष्ट्र के मराठी भी उसी मांग में शामिल हो गए और आज इस मोन जनरैली से उन्होने सरकार को जता दिया कि उनकी मराठी आरक्षण की मांग जायज तो है ही बल्कि उसकी उन्हे जरूरत भी है।