मुंबई/ महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है पिछले छह दिन से आंदोलन के नेता मनोज जारंगे भूख हड़ताल पर बैठे हुए है लेकिन इस बीच आज एनसीपी अजीत गुट के एक विधायक के घर पर भीड़ पहुंची और घर पर पथराव के साथ आगजनी कर दी जिससे लगता है यह आंदोलन अब उग्र रूप लेने के साथ हिंसक रूप लेता जा रहा है।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त माह से आंदोलन चल रहा है इस दोरान प्रदर्शन जगह जगह धरना चल रहा था कोई सुनवाई नही होने पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेता मनोज जारंगे पिछले छह दिन से बीड़ के मांजल गांव में भूख हड़ताल पर बैठे हुए है। जिससे लगातार उनकी हालत और स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है। उनके साथ 10 अन्य आंदोलनकारी भी अनशन पर बैठे है।
लेकिन आज सैकड़ों आंदोलनकारी भीड़ की शक्ल में एनसीपी अजीत गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के बीड़ स्थित मकान पर पहुंचे और उन्होंने घर पर भारी पत्थरबाजी कर और अंदर के हिस्से में आग लगा दी जिससे कई वाहन और अन्य सामान जल कर खाक हो गया खास बात है इस दौरान वहां पुलिस बल भी मोजूद था लेकिन प्रदर्शकारियों के सामने वह कुछ नही कर सके बाद में विधायक सोलंके ने मीडिया से चर्चा में कहा कि किसी व्यक्ति को तो कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन काफी सामान और वहां जलने से भारी नुकसान हुआ हैं l जबकि विधायक संदीप क्षीरसागर और उनके रिश्तेदार चाचा जो खुद भी विधायक है उनके घर पर भी प्रदर्शनकारी पहुंचे और उन्होंने उनके घरों पर पथराव के साथ आगजनी की है जिससे लगता है मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के बीड़ जिले और उसके आसपास के इलाकों में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
इन घटनाओं के बाद मराठवाड़ा और बीड़ में सांसद और विधायकों में हड़कंप मच गया है और शिवसेना शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने अपना इस्तीफा दे दिया है वहीं आंदोलन उग्र होने और दहशत के कारण अन्य सभी विधायक परिवार सहित अपना अपना घर छोड़कर मुंबई और पुणे रवाना हो गए हैं।
बताया जाता है पिछले दिन विधायक प्रकाश सोलंके ने मराठा आंदोलन के नेता और भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारंगे के खिलाफ काफी विवादित बयान दिया था जिसका आडियो वायरल हुआ था समझा जाता है इसी से गुस्साएं आंदोलनकारियों ने विधायक को सबक सिखाने के लिए उनके घर पर सोमवार को विरोध के साथ हमला किया।
लेकिन इस आंदोलन का सबसे गंभीर पहलू है कि आरक्षण की मांग से जुड़े लोग अपने को खत्म करने पर उतर आए है बीते दिन 29 अक्टूबर रविवार बीड़ जिले के परली तालुका में रहने वाले युवक गंगाभीषण रामराव ने आत्महत्या करली इससे पहले 27 वर्षीय शत्रुघ्न काशिद ने पानी की ऊंची टंकी से कूदकर खुदकुशी कर ली जबकि उससे पहले पुलिस और आंदोलनकारियों ने उन्हे काफी समझाया भी था बीड़ के गांव में रहने वाले 47 साल के बलिराम देवीदास सांवले ने अपने खेत पर फांसी लगाकर आत्महत्या करली परिजनों के मुताबिक वह सुबह ही कह थे आरक्षण नहीं मिल रहा उससे तो आत्महत्या ही कर लेना चाहिए । उसके अलावा जालना निवासी अजय रमेश गायकवाड़ व्यंकटेश नरसिंह घोपाड़े पुणे,शिवाजी माने जालना महेश कदम अहमदाबाद और सुनील कोवल सहित अभी तक 13 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। जिससे डबल इंजन की सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा और हताशा को समझा जा सकता है।
जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक तरफ मराठा आरक्षण के आंदोलन की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारंगे से पानी पीने के साथ दवाई लेने की अपील की है वही उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा है कि आरक्षण देने के लिए पिछले एक महीने से उनकी सरकार काम कर रही है और हर पहलू पर गौर कर रही है उसे अलावा दो रिटायर्ड जजों के नेतृत्व में सरकार ने एक एडवाइजरी कमेटी गठित की है जो सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन के माध्यम से अपना पक्ष रखेगी।
इधर विपक्ष शिंदे सरकार और बीजेपी पर हमलावर है शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय मोदी सरकार और शिंदे सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार मन की बात कर रही है एनसीपी शरद गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि लंबे समय से आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन हो रहा है लेकिन सरकार ने कोई पहल नहीं की उन्होंने आरोप लगाया महाराष्ट्र में शिंदे सरकार पूरी तरह नाकाम है जबकि एनसीपी शरद गुट के नेता जयंत पाटिल का कहना है स्थिति गंभीर रूप लेती जा रही है लेकिन महाराष्ट्र सरकार बिलकुल ध्यान नहीं दे।