इंफाल / मणिपुर में जातिगत हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है दो स्टूडेंट्स के किडनेप और मर्डर के बाद शवों की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल होने से फिर टकराव की नोबत पैदा हो गई है बुद्धवार को छात्रों और सुरक्षा बल आमने सामने आ गए और पैटन गन से एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया लेकिन गुरुवार को भीड़ ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के निवास पर हमले की कोशिश की जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। इधर सुरक्षा बल दोषियों के साथ शवों की खोजबीन कर रहे है लेकिन फिलहाल कुछ पता नहीं चला है। जबकि सीबीआई की एक टीम मामले की जांच के लिए पहुंच गई है सरकार ने इंटरनेट पर रोक के साथ स्कूल कॉलेज 29 सितंबर तक बंद करने के आदेश जारी करने के साथ कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है साथ ही सरकार ने सभी से शांति और संयम रखने की अपील की है। लेकिन सरकार का AFSPA लागू करने का फरमान विवादों में आ गया है।
23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दो स्टूडेंट्स के शवो की फोटो सामने आई थी बताया जाता है यह दोनों जुलाई माह से लापता थे फ़ोटो में दोनों के शव जमीन पर पड़े थे और छात्र का सिर कटा हुआ दिख रहा था। इसके बाद इस मामले से जुड़ी दो तस्वीरें भी सामने आई जिसमें 17 वर्षीय छात्रा हिजाम लीनथोइंगबी और 20 साल का छात्र फिजाम हेमाजीत बैठे हुए है तस्वीर में छात्रा सफेद टीशर्ट में है और छात्र हेमजीत चेक की शर्ट पहने दिख रहा है जो बेकपेक पकड़े हुए है तस्वीर में पीछे की तरफ दो बंदूकधारी साफ दिखाई दे रहे है। दूसरी तस्वीर में दोनों स्टूडेंट्स के शव झाड़ियों में पड़े दिखाई दे रहे हैं।
इसके बाद सुरक्षा बल सक्रिय हुए उन्होंने आरोपियों की तलाशी के साथ शवों की खोजबीन शुरू की लेकिन सुरक्षा बल और पुलिस अभी तक अंधेरे में ही है शवों का कोई पता तो नही चला बल्कि यह तस्वीर किस इलाके की है इसकी भी जानकारी फिलहाल सुरक्षा बलों पर नही है। शव तो नही मिले लेकिन जुलाई में दोनों स्टूडेंट्स बाजार की एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में जाते दिखाई दे रहे है। लेकिन उसके बाद दोनों लापता हो गए थे संभवत उनको अगवा कर लिया गया था।
लेकिन इंटरनेट पर 23 सितंबर को इन दोनों की हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद एक बार फिर पूरा मणिपुर सुलग उठा इसके विरोध में 26 सितंबर को इंफाल में हजारों छात्र छात्राएं सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया, जो बुद्घवार को भी जारी रहा भाजपा के थोबुल जिले के कार्यालय को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया तो बीजेपी अध्यक्ष शारदा देवी के घर को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया इस बीच पुलिस और सुरक्षा बलों ने जब प्रदर्शनकारियों के रोकने की कोशिश की तो दोनों के बीच तेज झड़प शुरू हो गई और आपस में भिड़ंत हो गई जिसमें एक शिक्षक सहित 54 स्टूडेंट्स घायल हो गए जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। बुधवार को भी छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया इस दौरान उनकी पुलिस सुरक्षा बलों के बीच तीखी झड़प हो गई इस दौरान भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी साथ ही नकली बम फैंकने के साथ पेंटेन गन का भी इस्तेमाल किया इस बीच इंफाल के जोमई इलाके में एक 20 साल के छात्र एस उत्तम के सिर में पेंटेंन गन के कई छर्रे लगे जिसको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि डीजीपी राजीव सिंह ने पेंटेन गन चलाने के मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है।
इसके बाद सरकार ने मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए इंटरनेट सेवा पर फिर से बेन लगा दिया और 19 थाना क्षेत्र छोड़कर पूरे मणिपुर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी इस दौरान सभी निजी एवं सरकारी स्कूल कॉलेज 29 सितंबर तक बंद रखने के आदेश भी जारी किए गए है। साथ ही बीरेन सिंह सरकार ने सभी से शांति और संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई करेगी किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। इस बीच मणिपुर के 24 विधायकों ने गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजकर सीबीआई जांच के साथ दोनों स्टूडेंट्स के हत्यारोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। बताया जाता है सीबीआई की टीम मणिपुर पहुंच गई है और उसने अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है।
लेकिन गुरुवार को स्थिति तब गंभीर हो गई जब इंफाल में प्रदर्शनकारी छात्रों की भीड़ अचानक मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इंफाल पूर्व में लुवांग सांगबाम स्थित निजी निवास की ओर बड़े लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें बीच में ही रोक लिया और अश्रु गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर बितर कर इस हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया।
लेकिन मणिपुर सरकार ने प्रदेश में 6 माह के लिए फिर से AFSPA लगा दिया है यह फैसला विवादों में आ गया है क्योंकि जिन इलाकों में हिंसा हो रही है उन्हें आर्म्ड फोर्सेज एक्ट से दूर रखा गया है। खबर यह भी मिली है कि मणिपुर में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने श्रीनगर के एसएसपी राकेश बलवाल का जम्मूकशमीर से हिंसा के बीच मणिपुर तबादला कर दिया है। एसएसपी बलवाल ने ही पुलवामा आतंकी हमले की जांच की थी।