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मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार कल,
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अमृत मंथन में विषपान शिव करते हैं, कहा मुख्यमंत्री ने
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आंनदीबेन पटेल आज प्रभारी राज्यपाल का पदभार करेंगी ग्रहण,
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कल दिलाएंगी मंत्रियों को शपथ…
भोपाल – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, कि कल गुरूवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा मंथन के साथ विष भी निकलता हैं, और विष शिव पी जाते हैं। जिससे साफ होता हैं कि उनपर मंत्रिमंडल में शामिल नामों को लेकर काफी दबाब भी हैं। मुख्यमंत्री ने आज कोरोना किल अभियान कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मीडिया से चर्चा के दौरान यह बात कही।
जैसा कि मध्यप्रदेश की प्रभारी राज्यपाल बनाई गई आनंदीबेन पटेल आज भोपाल आ रही हैं, जो शपथ ग्रहण करने के बाद कार्यभार ग्रहण करेंगी, और मुख्यमंत्री ने आज ऐलान किया है, उंसके मुताबिक कल गुरुवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल नये मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराएंगी।
खास बात है कि आज बीजेपी के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भोपाल आ रहे है जो आज भाजपा नेताओं से बैठक कर चर्चा करेंगे और केंद्रीय नेतृत्व की मंशा से परिचित करायेंगे। अब वे कोंन सी नई सूची लाये है यह तो कल ही मालूम होगा।
यदि मध्यप्रदेश विधानसभा के तकनीकि पक्ष पर निगाह डाली जाये तो 230 सदस्य है और इसमें से 15 फीसदी सदस्य ही मंत्री बन सकते हैं तो अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, जबकि मुख्यमंत्री सहित 6 मंत्री फिलहाल है अब 29 मंत्री बाकी हैं जिसमें सिंधिया गुट के 9 मंत्री बनाना है तो बीजेपी पर 20 पद बचते है।
जैसा कि 24 सीटों पर उपचुनाव होना है मुख्यमंत्री चाहेंगे कि अभी कुल 25 मंत्री बने 4 उपचुनाव के बाद घोषित हो लेकिन मुख्यमंत्री एक तरफ सिंधिया गुट से घिरे हैं तो दूसरी तरफ अपने दल के असंतुष्ट सीनियर नेताओं के नामों को मंत्रिमंडल में शामिल कराने को लेकर दबाब में दिखाई देते है ।
जबकि तीन दिन से इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान दिल्ली में थे और अहम बात है कि मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार का मामला भाजपा के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक पहुंचा बताया जाता है।
केंद्रीय नेतृत्व चाहता हैं कि विस्तार में शामिल मंत्रियों में नये और युवा लोगों को मौका दिया जाये जबकि शिवराज चाहते थे कि पार्टी के सीनियर नेताओं को भी विस्तार में जगह दी जाये। इस पर पार्टी में घमासान छिड़ा रहा यही बजह रही कि 3 -4 बार से विस्तार की तारीख टलती रही।
सिंधिया फेक्टर –
सबाल उठना लाजमी है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को सशर्त भाजपा में शामिल करना मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का बड़ा कारण रहा क्योंकि भाजपा के इतिहास में इससे पहले मंत्रिमंडल को लेकर आज तक इतनी खींचतान नही हुई ना ही पार्टी नेताओं के असंतुष्ट होने या नाराजी की बात सामने आई जैसा कि पिछले दिनों गोपाल भार्गव का कांग्रेस जैसी हालात बीजेपी की होने का तंज सामने आ चुका हैं।
खास बात यह भी है कि इस मुद्दे पर केंद्रीय स्तर के नेताओं को भी हस्तक्षेप करने की आज तक नौबत नही आई। आज का मुख्यमंत्री का बयान कि “अमृत मंथन से अमृत निकलता है और विष तो शिव पी जाते है” यह खुद ब खुद उनके अंदर की पीड़ा बयान करता हैं, कि कही ना कही उनकी बात को उतनी तवज्जों नही मिली।
जबकि नरोत्तम मिश्रा फिलहाल दिल्ली में हैं, और दो उपमुख्यमंत्री की चर्चा भी जोरों पर है लगता है। मत्रिमंडल के नामों के अलावा मुख्यमंत्री की चिंता का यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
बीजेपी के सीनियर नेता जो लाइन में हैं –
उनमें गोपाल भार्गव यशोधराराजे सिंधिया रामपाल सिंह भूपेंद्र सिंह गौरीशंकर बिसेन राजेन्द्र शुक्ला अजय विश्नोई विजय शाह पारस जैन प्रमुख हैं।
भाजपा संगठन की तरफ से जो नाम आगे है –
उनमें प्रेमसिंह पटेल, मोहन यादव, चेतन कश्यप, यशपाल सिसोदिया, अरविंद भदौरिया, रामकिशोर कांवरे, हरीशंकर खटीक, गिरीश गौतम, राम खिलावन पटेल, संजय पाठक, देवी सिंह सैयाम या नंदिनी मरावी में से एक, रामेश्वर शर्मा या बिष्णु खत्री और ऊषा ठाकुर और रमेश मेंदोला के नाम शामिल हैं।
जबकि सिंधिया गुट से जो 9 नाम सामने आये है –
उनमें प्रधुम्न सिंह तोमर, इमारती देवी, महेंद्र सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, ऐंदल सिंह कंसाना बिसाहूलाल सिंह, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग और रणवीर जाटव के नाम शामिल है।
अब देखना है नये मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार में कोन से चेहरे शामिल होते हैं।