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पाकिस्तान के रास्ते भारत मे दाखिल हुए टिड्डी दलों ने बरपाया कहर
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7 राज्यों के 24 ज़िले ज्यादा प्रभावित
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उडद मूंग धान की फ़सले चौपट सब्जी चारा चर गये टिड्डी दल
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किसान थाली बजाकर भगानें की कोशिश में जुटा
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केमिकल स्प्रे के लिये 6 हेलीकॉप्टर मशीन नही आने से खड़े हैं…
जयपुर,ग्वालियर दतिया झांसी संगरूर– एक तरफ देश कोरोना महामारी से परेशान है अब लाखों की संख्या में आये टिड्डी दलो ने कोहराम मचा रखा हैं 27 साल बाद टिड्डियों का यह सबसे बड़ा हमला हैं जिसमें अभी तक 50 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की फसलों को यह टिड्डी दल चट कर चुके हैं।
इस तरह हजारों किसानों की फसल तबाह हो चुकी हैं भारत के 7 राज्य और करीब 24 शहर इस टिड्डी दलों के कहर से कुछ ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
अफ्रीका और अरब देशों से निकले टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्ते भारत में दाखिल हुए हैं एशिया और अरब कंट्री के रेगिस्तानी क्षेत्रों में जहां 200 एमएम से कम बारिश हुई वहां इसकीं ब्रांडिंग हुई, 2 ग्राम बजन की टिड्डी एक वक्त में 2 ग्राम ही वनस्पति खाती है लेकिन इसके एक दल में 90 लाख से 8 करोड़ तक टिड्डी हों सकती हैं।
जो 9 हजार किलोमीटर के इलाके को एक समय में तहस नहस कर सकती हैं। एक किलोमीटर के दायरे में फैला टिड्डी दल एक साथ 35 हजार लोगों का खाना एक दिन में खाने की ताकत रखता हैं।
जो 7 राज्य टिड्डी दलों से ज्यादा प्रभावित है उनमें राजस्थान मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश पंजाब बिहार गुजरात और दिल्ली शामिल हैं जिनके कई शहर कही ज्यादा कही आंशिक प्रभावित हुए हैं।
जहां मक्का धान मूंग चारा और सब्जियों की खेती को भारी नुकसान टिड्डी दलों ने पहुंचाया है। राजस्थान में लगभग 12 जिलो में टिड्डी दलों ने हमला हुआ किसान ग्रामीण रात रात भर तक जागे और क्लोरोफॉइडस नामक केमिकल का स्प्रे किया और उन्होंने थालियां ढोल तासे बजाये तो कही धुंआ कर टिड्डियों को भगानें की कोशिशें की।
जबकि पंजाब में सरकार ने एलर्ट जारी किया है यहां के संगरूर के कृषकों का कहना है वे बर्बाद हो गये सब्जी जो उनकी नगदी कमाई थी तबाह हो गई।
मुक्तसर के डीएम का कहना है इस आफत पर जल्द काबू पा लिया जायेगा फिलहाल कृषि विभाग पेड़ पौधों पर केमिकल स्प्रे कर रहा हैं। दिल्ली में आये इस टिड्डी तूफान को लेकर एक एनजीओ ने राज्य एनजीटी में जनहित याचिका दायर कर किसानों को मेडिको और अन्य राहत प्रदान करने की मांग की है।
जबकि उत्तर प्रदेश में मेरठ वाराणसी भदोई हापुड़ झांसी टिड्डी दलों से ज्यादा प्रभावित रहे है जिसमें मेरठ में एलर्ट जारी कर दिया गया हैं जबकि किसान परिवारों सहित खेतों में रह रहे हैं और थाली बजाकर टिड्डियो को भगानें का काम कर रहे है।
इसके अलावा ड्रोनों से भी टिड्डियो को भगानें का काम किया जा रहा है तो केमीकल स्प्रे भी हो रहा हैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में टिड्डी दलों ने चार दिनों में तीन बार हमला कर यहां सबसे ज्यादा कहर बरपाया जिससे सब्जी और अन्य फसले बुरी तरह नष्ट हो गई।
यहां सबसे पहले 23 मई को टिड्डी दल आया 24 मई को राजस्थान के रास्ते फिर टिड्डी दलों ने झांसी के इलाकों में हमला किया उंसके बाद 26 मई को तीसरी बार टिड्डी दलों का प्रवेश यहां कहर बरपा गया।
जबकि मध्यप्रदेश के ग्वालियर का डबरा शिवपुरी दतिया मुरैना कटनी हरदा में टिड्डी दलों ने हमला किया, दतिया की झांसी जनपद से लगी उप तहसील बसई में बसई सतलोन जैतपुर बांधुवा हिम्मतपुर मुड़ना उर्दना और मकरारी सहित दो दर्जन गांवो में पिछले दिनों टिड्डी दलों ने कहर बरपा कर मूंग उडद और सब्जी की फसलो को नुक़सान पहुंचाया ऐसी खबर हैं।
जबकि राजस्थान के जयपुर जोधपुर कोटा और धौलपुर भी टिड्डी दलों ने हमला किया जयपुर में ड्रोन से निगरानी रखी जा रही हैं।
बताया जाता हैं कोरोना के साथ इम्फान तूफान बे मौसम बरसात से देश पहले ही परेशान था अब पाकिस्तान के रास्ते आये इस टिड्डी कीड़े के कहर ने एक आफत और बड़ा दी हैं लेकिन इसका सामना करने में फिलहाल ज्यादातर राज्य फेल नजर आ रहे हैं जबकि किसान अपने पुराने संसाधनों से उनको भगानें और काबू पाने के जो प्रयास कर रहे है वे नाकाफी साबित हो रहे हैं।
चूंकि कोरोना के खिलाफ़ जंग की बजह से भी इस आफत पर प्रशासनिक अमला ज्यादा ध्यान नही दे पा रहा हैं जबकि सरकार ने इस कीड़े की आपदा से निपटने के लिये केमीकल स्प्रे के लिये 6 हेलीकॉप्टरो का इंतजाम किया हैं लेकिन उसपर जो मशीन लगना है वह ब्रिटेन से आना हैं जिसके आने में कोरोना महामारी की बजह से देरी हो रही हैं ऐसी जानकारी सामने आई हैं।