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खुले में छोड़े गए चीते पवन की मौत, नाले में मिला शव, अब कूनो में 24 चीते शेष, आजाद करने की योजना खटाई में?

Cheetah - Panther
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श्योपुर/ मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय अभ्यारण में पिछले 8 माह से खुले जंगल में विचरण करने वाले पवन नामक चीते की मौत हो गई,उसका शव झाड़ियों के बीच एक नाले में मिला है प्राथमिक तौर पर उसकी मौत का कारण इस बार हुई सबसे अधिक बारिश और बदले हुए वातावरण को माना जा रहा है लेकिन इसकी मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मालूम होगा। लेकिन अब सबाल है कि बाकी वयस्क चीतों को खुले जंगल में छोड़ने की योजना कही अधर में तो नहीं लटक जाएंगी?

पिछले दो दिन से श्योपुर के कराहल इलाके में तेज बारिश हो रही थी नदी नाले सभी उफान पर थे जिस जगह पवन मृत पाया गया वहां उसका सिर पानी में डूबा मिला है पार्क प्रबंधन को आशंका है कि बारिश के बीच यह चीता इसी में फंस गया और उसकी मौत पानी में डूबने से हो गई। कूनो के सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा के मुताबिक खुले जंगल में घूम रहे इस चीते पवन की लोकेशन लगातार मिल रही थी लेकिन मोनिटरिंग टीम को पिछले दो दिन से इसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी उन्होंने बताया उसके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं है। पार्क प्रबंधन का कहना है इसकी मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा।

कूनो नेशनल पार्क में 25 चीते थे इस वयस्क चीते की मौत के बाद अब 12 वयस्क और 12 शावक अभ्यारण में बाकी बचे है। चूकि पवन पिछले 8 महिने से खुले जंगल में विचरण कर रहा था उसे बाद पार्क प्रबंधन अन्य वयस्क चीतों को जंगल के खुले वातावरण में छोड़ने का प्लान बना रहा था लेकिन इस चीते की मौत के बाद फिलहाल यह प्रोजेक्ट खटाई में पड़ सकता है।

खास बात है इस बार मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बारिश श्योपुर जिले में हुई है यहां अबतक 41.61 इंच पानी गिर चुका है जो सामान्य बारिश 22.17 से 87 फीसदी ज्यादा है।

जबकि चीतों को लेकर बनी स्टीयरिंग कमेटी की पिछले साल 10 अगस्त को हुई बैठक में चेयरमैन डॉक्टर राजेश गोपाल ने कहा था कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में भारत की तरह वर्षा नहीं होती, यहां का वातावरण और मौसम भी अलग है इसलिए इथोपिया तंजानिया केन्या से यदि चीते लाए जाते है तो उनके बचने और भारत के वातावरण में ढलने के आसार ज्यादा है। इससे लगता है कि यहां चीतों के सराबाइब करने और उनकी मौत का एक बड़ा कारण जलवायु भी है।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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