इंफाल/ मणिपुर में टकराव और हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही हैं बीती रात 2 बजे उग्रवादियों ने एक गांव में घुसकर हमला कर दिया जिसमें पिता पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई जबकि सुरक्षा बलों और मैतई उग्रवादियों के बीच बफर जोन में हुई गोलाबारी में तीन लोगों की मौत हो गई। साथ ही कुछ और जगह भी आपसी संघर्ष और झड़पों की खबरें बराबर आ रही हैं।
एक तरफ मणिपुर में पिछले 24 घंटे से मेतई समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच झड़प जारी है जबकि शुक्रवार शनिवार की दरमियानी रात 2 बजे हथियार बंद संदिग्ध उग्रवादी कुकी समुदाय के एक गांव में घुस गए और उन्होंने दो घरों के अंदर घुसकर फायरिंग की जिसमें एक घर में पिता पुत्र और बगल के घर में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। जबकि मैतई और कुकी समुदाय के बफर जोन में सुरक्षा बलों और मैतई समुदाय के बीच टकराव हो गया मैतई लोग टेराखांग सांगवी कांगवे और थोराबुंग के बीच बॉर्डर को पार करने की कोशिश कर रहे थे जबकि सुरक्षा बल उन्हें अंदर दाखिल होने से रोक रहे थे इससे दोनों के बीच झड़प हो गई जिसमें सुरक्षा बलों की गोली से तीन लोगों की जान चली गई मरने वालों में युमनम जितेन मैतई, युमनम पिशाक मैतई और प्रेमकुमार मैतई शामिल हैं। इन तीन मौतो के बाद मैतईं समुदाय उग्र हो गया है थोरबांग पहाड़ी इलाके में लगातार फायरिंग हो रही है मोर्टार से हमले हो रहे है साथ ही भीड़ ने कई रास्ते जाम कर दिए।
3 अगस्त को मणिपुर ने कई बड़ी घटनाएं हुई जिससे यहां की स्थिति को जाना जा सकता है इंफाल बेस्ट में उग्रवादियों की फायरिंग में एक पुलिस कांस्टेबल ऋषि कुमार की गोली लगने से मौत हो गई। उसके अलावा भीड़ ने विष्णुपुर जिले के थोईरंग पुलिस थाने पर हमला कर दिया उग्रवादी 685 हथियार और 20 हजार से ज्यादा कारतूस लूट ले गए,जिसमें एके 47, इंसांस राइफल हैंडग्रेनेड मोर्टार कार्बाइन आदि शामिल है इसके अलावा विष्णुपुर के नारानसेना थाने पर भी हमला हुआ जिसका ब्योरा फिलहाल जारी नही हुआ हैं। अभी तक करीब 5 हजार हथियार दोनों समुदाय ने अभी तक लूटे है उनमें से करीब 1600 हथियार ही वापस आए है अभी भी लगभग 3400 हथियार इन लोगों के पास है।
इधर एक बड़ा ही मार्मिक दृश्य कंगपोक्पी जिले में देखा गया जो वहां के डर और दहशत को दर्शाता है यहां कुकी समुदाय की कई महिलाएं सुरक्षा बल के जवानों के पैर पकड़ कर बैठी है और कह रही है कि आप यहां से नही जाएं यदि आप चले जाओगे तो हम सब मारे जाएंगे। बताया जाता है इस जिले में सुरक्षा के लिए असम राइफल्स के जवान तैनात है जिन्हे हटाने के आदेश आए थे लेकिन बाद में उन्हें यहां से हटाने के आदेश को वापस ले लिया गया है।