नई दिल्ली/ लोकसभा की सुरक्षा में सैंध मामले में शीतकालीन सत्र के 11वे दिन आज 78 संसद सदस्यों को निलंबित कर दिया गया जिसमें लोकसभा के 33 सांसद और राज्यसभा के 45 संसद सदस्य शामिल हैं। इस तरह अभी तक 92 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं।
शीतकालीन सत्र के 11 वे दिन लोकसभा में 13 दिसंबर को लोकसभा में घुसपेठ को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया इस दौरान सभापति ओम बिड़ला ने इसे गंभीर माना, लेकिन विपक्षी संसद सदस्य लगातार नारेबाजी करने के साथ और इस मामले में सरकार से बयान देने की मांग करते रहे जिससे हंगामा हो गया इस दौरान पहले 12 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित की गई लेकिन उसे बाद और 2 बजे फिर से हंगामा होने पर लोकसभा स्पीकर ने 33 सांसदों को सस्पेंड करने ऐलान किया। जिसमें 30 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हुए और बकाया 3 सांसदों के निलंबन का फैसला प्रविलेज कमेटी लेगी। जिसमें लोकसभा के विपक्ष के नेता सांसद अधीर रंजन चौधरी सहित कांग्रेस के 11 सांसद टीएमसी के 9 डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल है।
इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद अपनी मांग को लेकर लगातार नारेबाजी और प्रदर्शन करते रहे सभापति जगदीप धनकड़ ने 45 सांसदों पर निलंबन की कार्यवाही की जिसमें से 34 सांसद पूरे सत्र के लिए जबकि 11 सांसदों का निर्णय प्रविलेज कमेटी लेगी। इस तरह लगातार सदन की कार्यवाही में गतिरोध उत्पन्न होने पर मंगलवार तक के लिए दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
वरिष्ठ पत्रकार और राजनेतिक विश्लेषकों के मुताबिक संसद में एक साथ इतनी ज्यादा संख्या में संसद सदस्यों का निलंबन पहली बार हुआ है।
जबकि इससे पहले 14 दिसंबर को भी इसी मसले पर 14 सांसदो को निलंबित किया जा चुका है जिसमें कांग्रेस के 9 सीपीआईएम के 2 डीएमके के 2 और 1 सांसद सीपीआई का शामिल था।