- बिहार का 950 करोड़ का सृजन घोटाला
- लालू ने नीतीश का इस्तीफ़ा मांगा
- विधानसभा मै आरजेडी विधायको ने किया हंगामा
पटना.. बिहार के 950 करोड़ के सृजन घोटाले को लेकर आरजेडी हमलावर हो गई है, उसके नेता लालूप्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमन्त्री सुशील मोदी का इस्तीफ़ा मांगा है,लालू का आरोप है आरबीआई की पहल पर यह घोटाला उजागर हुआ था परन्तु सीएजी की रिपोर्ट के बावजूद आरोपियो पर सरकार ने कोई कार्यवाही नही की, उन्होने सीबीआई को केंद्र का तोता बताते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है इधर गिरफ़्तार एक आरोपी की बीमारी के चलते मौत हो गई है और आज मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में इस मामले को लेकर आरजेडी विधायको ने हंगामा किया।
बिहार के भागलपुर की एक सृजन नाम के एनजीओ के बैंक खाते में 950 करोड़ की बड़ी राशि सामाजिक कल्याण विभाग ने डी एम के फ़र्जी हस्ताक्षर कर अनाधिक्रत रूप से ट्रांसफ़र की थी और तेरह साल पहले यह घोटाला उजागर हुआ था तत्कालीन डी.एम की शिकायत पर यह मामला आरबीआई पर पहुंचा और सीएजी की जांच में सही पाया गया कि घालमेल हुआ है, जिसमे पहले एनजीओ को चलाने वाले प्रिया और अमित कुमार को नोटिस जारी किया गया था वही पिछले दिनो एनजीओ और सामाजिक कल्याण विभाग के तेरह लोगो पर मामला कायम कर पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था,जिसमे शामिल एक आरोपी और सामाजिक कल्याण विभाग के कर्मचारी महेश मन्डल की किडनी की बीमारी के चलते गत रोज अस्पताल मै मौत हो गई।
वही इसी अगस्त महिने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में इस मामले की समीक्षा करते हुएं सीबीआई जांच की सिफ़ारिश की थी, परंतु अब यह घोटाला सियासी रूप लेता जा रहा है और आरजेडी ने इस घौटाले पर नीतीश और उनकी सरकार को घेरने की मंशा जाहिर कर दी है लालूप्रसाद यादव ने हमला बोलते इस घौटाले में शामिल होने और आरोपियो को बचाने का आरोप लगाते हुएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमन्त्री सुशील मोदी के इस्तीफ़े की मांग की है लालू का कहना है कि नीतीश कुमार खुद इस घौटाले में शामिल है इसी वजह से तेरह साल मै भी उन्होने कोई कार्यवाही नही की वे जयश्री ठाकुर और अपनो को बचाते रहे इतना ही नहीं जिस डी एम ने इस मामले पर कार्यवाही करना चाही उसका तबादला कर दिया गया। उनका कहना था कि सी ए जी की रिपोर्ट को भी दबाने की कोशिश की गई जबकि उसमे सब साफ़ हो गया था, कि घैटाला हुआ है, आरजेडी नेता यही पर नही रुके उन्होने केन्द्रीय सरकार को भी नही बख्शा और कहा कि सीबीआई नरेन्द्र मोदी सरकार का तोता है इसलिए उसकी जांच बेमानी है उनका कहना था कि इस घौटाले की माँनीटरिन्ग हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट करे,उन्होने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट मै लेजाने की बात भी कही है।
इधर आज से बिहार सरकार के मानसून सत्र की शुरूआत हो रही है जिसमे यह मामला आरजे डी जोरदार तरीके से उठायेगी ऐसी जानकारी मिली थीै और ऐसा ही हुआ आरजेडी के विधायको ने आज विधानसभा के बाहर हंगामा किया और सृजन घौटले को लेकर उन्होने मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा मांगा।
इधर जेडीयू भी अपने नेता नीतीश कुमार के बचाव मै आगे आ गई है पार्टी के प्रवक्ता राजीव रन्जन ने कहा है किमुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर ही जांच शुरू हुई है जानकारी मिलते ही शिव मन्डल को पार्टी से हटाया जो एक आरोपी महेश मन्डल के बेटे है जबकि उनका इस मामले से सीधा कोई सम्बन्ध भी नही था अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की सिफ़ारिश कर दी है आगे जो भी आरोपी होगा उसे बख्शा नही जायेगा, बताया जाता है सृजन नाम के एनजीओ की स्थापना करीब 20 साल पहले मनोरमादेवी ने की थी।
सामाजिक कार्यो के जरिये राजनेतिक पकड़ बनाकर शासन प्रशासन से सहायता राशि प्राप्त करना सुरू करदी,इसी के चलते आज भागलपुर के सामाजिक कल्याण विभाग ने अनाधिक्रत रूप से उनके एनजीओ के बैंक खाते में 950 करोड़ की बड़ी राशि ट्रांसफ़र की थी जिसके खुलासा होने के बाद बवाल हो गया पिछले दिनो मनोरमादेवी की मृत्यु हो गई,वही जानकारी मिली है कि इस संस्था की सचिव प्रिया कुमार फ़रार चल रही है, बताया जाता है इस एनजीओ की जिम्मेदारी भागलपुर क्षेत्र की 600 गरीब महिलाओ को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ उनके स्तर को उठाने की थी।
लेकिन आज कई सबाल इस मामले मै राजनेताओ पर भी उठ रहे है तेरह साल से यह मामला क्यो लटका रहा? आरोपी क्यो बचे रहे आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की सोफ़ारिश की पहले क्यो नही की? वही आज जब लालूप्रसाद यादव और उनकी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई नीतीश पर आरोप लगाने के साथ उनका इस्तीफ़ा मांग रही है जबकि नीतीश के साथ सत्ता सुख लेने के वक्त उन्होने यह मामला क्यो नही उठाया, इससे स्पष्ट होता हैकि समय के साथ सियासत के खेल भी बदल जाते है, दोस्त दुश्मन और दुश्मन दोस्त बन जाते है।