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कोलकाता रेप – मर्डर केस, सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद संजय पूर्व प्राचार्य सहित 7 का पोलीग्राफिक टेस्ट शुरू, सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती दिखी

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कोलकाता/ पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय सहित 7 लोगों का पॉलीग्राफिक टेस्ट आज हो रहा है संजय रॉय का टेस्ट सीएफएसएल की टीम जेल में कर रही है जबकि आरजे कर हॉस्पिटल के प्रिंसीपल और डॉक्टर और एक अन्य कर्मचारी का टेस्ट सीबीआई अपने दफ्तर में करा रही है। सुनवाई के दौरान ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई, पुलिस के उसके एक्शन पर भी सबाल उठाए, और बड़ी लापरवाही बताया,और कहा ऐसी लापरवाही कभी नहीं देखी सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ पारदीवाला और मनोज मिश्र ने सुनवाई की, 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की मांग पर 7 लोगों की पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी दी जिसमें आरोपी संजय रॉय आरजी कर मेडीकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसीपल संजीव घोष वह 4 डॉक्टर जिन्होंने पीड़िता के साथ 8 अगस्त की रात डिनर किया था इनके अलावा एक कर्मचारी शामिल है इन सभी के पोलीग्राफिक टेस्ट को एससी की मंजूरी दी है।

कोलकाता रेप – मर्डर केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई …

सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट और पश्चिम बंगाल सरकार की रिपोर्ट पर सुनवाई की गई,सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की. जिसे नाराज डॉक्टरों ने मान लिया। इस संबंध में एम्स नई दिल्ली की तरफ से कहा गया कि हम लोग 11 दिन से जारी हड़ताल को खत्म करने का फैसला ले रहे है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर काम पर लौटने के इच्छुक डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राज्य चिकित्सा प्रतिष्ठानों में हिंसा की किसी भी आशंका को रोक सकें। इस बीच, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सुरक्षा के मद्देनजर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सीआईएसएफ को तैनात किया गया है।

इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बंगाल पुलिस द्वारा मामले की जांच मे बरती गई लापरवाही को उजागर किया। सीबीआई ने कहा कि अंतिम संस्कार के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।केस की लीपापोती की कोशिश की गई।केंद्रीय जांच एजेंसी ने पांचवें दिन मामले की जांच शुरू की। तब तक सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई।अस्पताल में लंबे समय से गड़बड़ी हुई. सीबीआई ने कहा कि केस डायरी एंट्री में देरी गलत ही नहीं बल्कि अमानवीय है। इस पूरे मामले में नियमों के अनुसार वीडियोग्राफी भी नहीं की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि सबूतों को संरक्षित करने में देरी हुई,अंतिम संस्कार के बाद मुकदमा दर्ज किया गया, इस पूरे मामले की जांच में पश्चिम बंगाल पुलिस की भूमिका पर मामले की सुनवाई कर रही पीठ में शामिल एक जस्टिस ने कहा कि मैंने अपने 30 साल के करियर में ऐसा नहीं देखा। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस द्वारा अप्राकृतिक मौत को अपने रिकॉर्ड में दर्ज करने में की गई देरी को ‘बेहद परेशान करने वाला’ बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि मामला अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज होने से पहले मृतक का पोस्टमार्टम किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस से सवाल किया और पोस्टमार्टम के समय के बारे में पूछा. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने जवाब दिया कि यह शाम 6:10 से 7:10 बजे के आसपास था।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि जब आप शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे तो क्या यह अप्राकृतिक मौत का मामला था या नहीं और अगर यह अप्राकृतिक मौत नहीं थी तो पोस्टमार्टम की क्या जरूरत थी।सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह बहुत आश्चर्यजनक है क्योंकि पोस्टमार्टम अप्राकृतिक मौत के पंजीकरण से पहले होता है। सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से कहा कि कृपया जिम्मेदारी से बयान दें और जल्दबाजी में कोई बयान न दें। सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से आगे कहा कि जब भी वह मामले को अगली तारीख पर लेगी तो कृपया यहां एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को मौजूद रखें क्योंकि अदालत को अभी तक यह जवाब नहीं मिला है कि अप्राकृतिक मौत का मामला कब दर्ज किया गया था।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने आरोपी की चोट की मेडिकल रिपोर्ट के बारे में पूछा। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह केस डायरी का हिस्सा है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने 5वें दिन जांच शुरू की, सब कुछ बदल दिया गया और जांच एजेंसी को नहीं पता था कि ऐसी कोई रिपोर्ट है वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने एसजी की दलील का खंडन किया और कहा कि सब कुछ वीडियोग्राफी है, न कि बदला गया, एसजी मेहता ने कहा कि शव के अंतिम संस्कार के बाद 11:45 बजे एफआईआर दर्ज की गई. पीड़िता के सहकर्मियों के आग्रह के बाद वीडियोग्राफी की गई और इसका मतलब है कि उन्हें भी कुछ संदेह था। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए और कोर्ट आज कुछ सामान्य आदेश पारित करेगा। आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि वे आतंकित महसूस कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है. सुनवाई के दौरान डॉक्टरों की ओर से उनकी समस्याओं को उठाया गया. डॉक्टरो की ओर से कहा गया कि हड़ताल को लेकर उनके खिलाफ कदम उठाया गया। इसपर मांग कि की उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाए। एम्स नागपुर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर विरोध प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को दोबारा सुनवाई हुई। वहीं, सीबीआई और ममता बनर्जी सरकार ने अस्पताल के तोड़फोड़ मामले में आज कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सब्मिट की. इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस पूरे मामले में सरकार और पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताई थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी. साथ ही दो दिन के भीतर इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था. सीजेआई ने अस्पताल में सुरक्षा को लेकर कई बडे़ आदेश दिए थे.

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले मंगलवार 20 अगस्त को मामले में सुनवाई की थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में सुनवाई हुई। इस पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र शामिल हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले से निपटने के तरीके को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस पर कई सवाल उठाए, सीजेआई ने कहा कि यह घटना पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. कोर्ट ने इस मामले को लेकर दस सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया। इसमें सर्जन वाइस एडमिरल आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी समेत अन्य लोग शामिल हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस तथ्य पर गहरी चिंता व्यक्त की कि पीड़िता का नाम, मृतक की तस्वीरें और वीडियो क्लिप सार्वजनिक रूप से वायरल हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को फटकार लगाई लगाते हुए सीआईएसएफ और आरजी कर अस्पताल को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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