-
उपचुनाव के लिये कांग्रेसजनों का कद जानने महाराष्ट्र के मंत्री आये, पर्यवेक्षक बनकर की रायशुमारी।
-
स्थानीय और सच्चे कांग्रेसी को टिकट दे कांग्रेस कहा कार्यकर्ताओ ने.
ग्वालियर – विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस लगता है काफी गंभीर है, और उसने अभी से सर्वे कराने का काम शुरू कर दिया है। कमलनाथ के बेहद नजदीकी महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री सुनील केदार शनिवार को ग्वालियर में थे। उन्होंने मुरैना और ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के योग्य प्रत्याशी और उनकी पसंद को लेकर बंद कमरे में अलग-अलग मुलाकात की।
इस मौके पर उनका कहना था कि वे कार्यकर्ताओ की भावना को जानने और जनाधार रखने वाले नेता की पहचान करने यहां आये हैं और उसकी रिपोर्ट वे हाईकमान और कमलनाथ को सौपेंगे। उन्होनें कहा कांग्रेस एक विचारधारा वाली पार्टी है जिसने इसे छोड़ा उंसका हश्र सब जानते हैं।
पहले पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट और अब महाराष्ट्र के मंत्री सुनील केदार के ग्वालियर चंबल अंचल में सक्रिय होने से यह बात साफ हो चली है, कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनाव को लेकर काफी गंभीर हैं और उन्होंने इसकी कमान थाम रखी है|
इस मामले में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को अथवा उनके किसी नजदीकी नेता को रायशुमारी अथवा सर्वे के लिए नहीं भेजा जा रहा है। इस तरह प्रत्याशियों के चयन में पूरी तरह से कमलनाथ का ही बोलबाला रहेगा।
आज ग्वालियर के कांग्रेस दफ्तर पर उपचुनाव के टिकट की जोड़तोड़ के लिये कांग्रेसजनों क़ा हुजूम देखा गया और उन्होंने अपने बायोडेटा जमा कराए तो उन्हें क्यो टिकट दिया जाये इसको लेकर पर्यवेक्षक के सामने अपनी बात भी रखी तो मीडिया को भी बताया।
इस मौके पर पर्यवेक्षक के रूप में आये महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री सुनील केदार ने कहा है, कि वे यहां पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना को जानने के लिए आए हैं। वे लोगों से मिलकर सर्वे के नतीजों से कमलनाथ और आलाकमान को अवगत कराएंगे।
उन्होंने कहा कि सर्वे का मतलब किसी तथ्य की अनदेखी ना रह जाए।कांग्रेस के कद्दावर और जनाधार वाले नेताओं से पार्टी अछूती नहीं रहे इसकी कोशिश की जा रही है। सर्वे मतलब इंफॉर्मेशन जमा करने की एक माध्यम है जिससे वे अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराएंगे।
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने और रिक्त स्थान की पूर्ति को लेकर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसने देश को आजादी दिलाई है ।पार्टी बनने के बाद कई नेता कांग्रेस में आए और गए ।
कांग्रेस की अपनी विचारधारा है विचारधारा से कोई बड़ा नहीं होता। इतिहास गवाह है कि पार्टी छोड़ने वालों का क्या हश्र हुआ है। जल्द ही लोगों को पार्टी छोड़ने वाले नेताओं का हश्र पता चलेगा।
वीडियो देखे