सागर/ मध्यप्रदेश के नोरादेही अभ्यारण में तीन दिन पहले टेरेटरी के संघर्ष में घायल हुए बाघ एन 2 की आज मौत हो गई किशन नाम के इस नर बाघ ने इस अभ्यारण में बाघों के कुनबे को बड़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
चार दिन पहले नोरादेही अभ्यारण में बाहर से आए बाघ एन 3 जो संभवतः पन्ना टाइगर रिजर्व से आया था उस के साथ किशन के नाम से पहचान रखने वाले बाघ एन 2 के साथ जोरदार संघर्ष हुआ था इस लड़ाई में यू तो दोनों ही बाघ घायल हुए थे लेकिन बाघ एन 2 की हालत ज्यादा खराब थी जब इन बाघों पर नजर रखने वाले वन अमले को पता चला तो हाथियों के जरिए खोजबीन हुई पन्ना रिजर्व से आया बाघ एन 3 घने जंगल में समा गया लेकिन किशन गंभीर हालत में मिल गया जिसके जबड़े और मुंह पर गहरे जख्म थे।
अभ्यारण प्रशासन ने आनन फानन पन्ना से डाक्टरों की टीम बुलवाई और उसने आकर डॉक्टर राजीव गुप्ता की देखरेख में घायल बाघ को ट्रेंकुलाइज गन से इंजेक्शन दिए लेकिन चिकित्सक टीम ने बाघ की हालत देखकर वरिष्ठ अधिकारियों को यह भी कहा चोट घातक है और स्थिति बिगड़ भी सकती है लगातार बुधवार गुरुवार और शुक्रवार तीन दिन से बाघ टी 2 का इलाज चल रहा था और इलाज के आधे घंटे बाद देखा गया कि बाघ किशन धीमी गति से पास की पानी से भरी पोखर में चला गया। लेकिन शनिवार की सुबह जब फॉरेस्ट की पेट्रोलिंग टीम की नजर इस बाघ पर जंगल में पड़ी तो उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी और उसकी मौत हो चुकी थी।
पेट्रोलिंग टीम ने इसकी जानकारी सेंचुरी के अधिकारियों को दी, अभ्यारण के एसडीओ ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व से डाक्टरों की टीम को बुलाया है जो इस मृत बाघ किशन का पोस्टमार्टम करेंगे उसके बाद ही इसकी मौत के कारणों सही रूप से खुलासा होगा।
सागर की नोरादेही सेंचुरी सागर दमोह और नरसिंगपुर जिलों के ट्रेंगिल पर स्थित है जिसमें बाहर के जंगल से विचरण करते कई वन्य पशु इस अभ्यारण में आ जाते है समझा जाता है यह पन्ना रिजर्व जहां सबसे अधिक बाघ है वहां से यह बाघ एन 3 भी विचरण करता इधर आ गया और टेरेटरी के संघर्ष में एन 2 किशन बाघ मारा गया। किशन के साथ उसकी मादा साथी सहित यहां 5 वयस्क और दो शावक अर्थात 7 बाघ थे अब एक नए बाघ के आने से यह संख्या फिर 7 की हो गई है खास बात है इस अभ्यारण में जो अन्य बाघ है वह किशन की संतान ही है इस तरह नोरादेही अभ्यारण में मृतक नर बाघ ने कुनबे को बड़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।